
मध्य प्रदेश के धार जिले में नौतपा के दौरान आसमान से बरसी राहत की बूंदें जहां आम जनजीवन को सुकून पहुंचा रही हैं, वहीं दूसरी ओर इसका सीधा असर इलेक्ट्रॉनिक बाज़ार पर पड़ा है। आमतौर पर मई-जून में जब तापमान 45 डिग्री के पार जाता है, तब कूलर, पंखे और एसी की मांग चरम पर होती है। मगर इस बार प्रकृति के बदले मिजाज ने इस “पीक सीजन” को फीका कर दिया है।
गर्मी की उम्मीदें, बारिश की हकीकत
अप्रैल के मध्य तक तापमान जब 42 डिग्री के पार पहुंचा, तब बाजार में कूलिंग उत्पादों की मांग बढ़ गई थी। व्यापारियों ने स्टॉक भर लिया, कीमतें भी चढ़ गईं और लगने लगा कि इस बार का सीजन रिकॉर्ड तोड़ेगा। लेकिन मई की शुरुआत के साथ ही मौसम ने करवट ली। बारिश और बादलों की आवक से तापमान में गिरावट दर्ज की गई और नौतपा में गर्मी का असर लगभग न के बराबर रहा।
धार में इस वक्त अधिकतम तापमान 34 डिग्री के आसपास है, जो इस समय आमतौर पर 42-43 डिग्री होना चाहिए था। परिणामस्वरूप कूलर, पंखे और एसी की बिक्री में लगभग 50% की गिरावट दर्ज की गई है। व्यापारियों के अनुसार, पिछले साल की तुलना में इस बार कूलिंग प्रोडक्ट्स का कारोबार आधा रह गया है।
मंदी की चपेट में बाजार
एसी और कूलर के डीलर राकेश जैन का कहना है, “हर साल मई के महीने में हमारा बिजनेस चरम पर होता है। लेकिन इस बार जैसे ही बारिश शुरू हुई, ग्राहक आना बंद हो गए। स्टॉक पड़ा है, मगर मांग नहीं है।” इसी तरह, शोरूम मालिकों का कहना है कि इस बार कमाई का सबसे अहम वक्त हाथ से निकल गया।
बाजार में ठंडी हवाओं की वजह से बिजली की खपत में भी लगभग 20% की कमी आई है। इसका असर बिजली कंपनियों के राजस्व पर भी पड़ेगा। वहीं, इलेक्ट्रॉनिक मरम्मत कार्य करने वाले तकनीशियनों के लिए भी यह मौसम नुकसानदायक साबित हुआ है।
किसान भी चिंतित
केवल व्यापार ही नहीं, किसानों के लिए भी यह बेमौसम बारिश मुश्किलें बढ़ा रही है। इस समय खेतों को तैयार करने का वक्त होता है लेकिन बारिश के कारण ज़मीन गीली है और ट्रैक्टर या अन्य उपकरण लेकर खेत में उतरना मुश्किल हो गया है। ग्रामीण इलाकों में आंधी-तूफान से पेड़ों के गिरने और बिजली आपूर्ति बाधित होने की भी घ
टनाएं सामने आई हैं।