
धार जिले में इस साल का तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य 13 मई से शुरू हो चुका है। जिले की 12 वन समितियों द्वारा अब तक 9 लाख 97 हजार गड्डी तेंदूपत्ता एकत्रित किया जा चुका है। वन विभाग ने इस वर्ष 4100 मानक बोरा का लक्ष्य निर्धारित किया है। प्रति बोरा की दर ₹4000 तय की गई है। विभाग का दावा है कि संग्रहण करने वाले मजदूरों को सात दिनों के भीतर भुगतान किया जाएगा।
जून तक चलेगा सग्रहण कार्य
वनमंडल धार के DFO अशोक कुमार सोलंकी ने बताया कि यह कार्य पूरे मई और जून महीने चलेगा। इस काम की निगरानी के लिए रेंजर, एडीसीओ और वनरक्षकों की टीम बनाई गई है जो रोज़ाना फील्ड विज़िट कर रही है। विभाग का फोकस मौसम बिगड़ने से पहले अधिक से अधिक पत्ते एकत्रित करने पर है।
12 समितियों का योगदान
जिले की प्रमुख समितियों में बिलदा, उमरबन, नालछा, भाडूरूड़पुरा, बाग, टाडा, सरदारपुर, जिराबाद, मुलथान और केशवी शामिल हैं। इनमें बिलदा समिति अब तक सबसे आगे है, जहां 40.455 मानक बोरा पत्ता एकत्रित किया जा चुका है। वहीं उमरबन समिति ने 366.795 बोरे का संग्रहण किया है। कुछ समितियों में—जैसे अमझेरा और केशवी—मौसम के कारण कार्य अभी शुरू नहीं हो पाया है।
मौसम बना चुनौती
बीते कुछ दिनों से लगातार आंधी-तूफान और रुक-रुक कर हो रही बारिश के कारण पत्तों में नमी और दाग की समस्या आ रही है। इससे न केवल गड्डी बनाना मुश्किल हो रहा है, बल्कि संग्रहण की गति भी धीमी हुई है। पत्ते भीग जाने की स्थिति में उनकी गुणवत्ता प्रभावित होती है, जिससे बोली में मूल्य घट सकता है।
हरा सोना बना रोजगार का साधन
तेंदूपत्ता को स्थानीय भाषा में “हरा सोना” कहा जाता है। धार जिले में यह कार्य लगभग 5000 ग्रामीण परिवारों के लिए प्रत्यक्ष आजीविका का स्रोत बनता है। इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हैं, जो सुबह जल्दी जंगल जाती हैं और संग्रहण कार्य करती हैं। बीड़ी निर्माण के लिए जरूरी यह पत्ता बाद में ठेकेदारों के ज़रिए अन्य राज्यों में भेजा जाता है।
DFO अशोक सोलंकी ने कहा:
हमने सभी समितियों को निर्देश दिए हैं कि संग्रहण का कार्य गुणवत्ता और समयसीमा के अनुरूप पूरा किया जाए। मौसम बिगड़ने से पहले अधिक से अधिक संग्रहण कर लेना हमारी प्राथमिकता है।
निगरानी और गुणवत्ता की मॉनिटरिंग
वन विभाग का कहना है कि वह हर समिति के कार्य की प्रगति पर निगाह बनाए हुए है। जहां कार्य धीमा है, वहां फील्ड अधिकारियों को व्यक्तिगत तौर पर हस्तक्षेप कर प्रक्रिया तेज करने के निर्देश दिए गए हैं।