मांडूः चोर कोट महल से गिरा पर्यटक गंभीर रूप से घायल, प्राथमिक उपचार के बाद धार रेफर

ग्रामीणों की सहायता से घायल को प्राथमिक उपचार के बाद धार रेफर किया गया है।

tourist fall down from fort

धार। पर्यटन नगरी मांडू के नीलकंठ महादेव रोड स्थित ऐतिहासिक चोर कोट महल से एक पर्यटक 40 फीट नीचे जा गिरा। गिरने वाले स्थान की जगह पत्थर होने के कारण पर्यटक को काफी गंभीर चोटें आईं और वह दर्द से कराहता रहा।

ग्रामीणों की सहायता से घायल को प्राथमिक उपचार के बाद धार रेफर किया गया है। जानकारी के अनुसार, बुधवार दोपहर सतीश कुमार यादव (50 वर्ष) पिता रतीराम निवासी चांगरोड तहसील दादरी नर्मदा परिक्रमा करने के पश्चात मांडू के ऐतिहासिक चोर कोट महल घूमने के लिए पहुंचे।

महल की छत पर घूमते-घूमते अचानक से वह नीचे पत्थरों पर गिर गए जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं और वह मदद के लिए दर्द से कराहते हुए गुहार लगाने लगे। आसपास के ग्रामीणों को जानकारी लगी तो तुरंत घायल की मदद के लिए पहुंचे।

स्थानीय ग्रामीण दिनेश पारगी, करण गोरी, रामलाल गावर, कुंवर सिंह व राहुल सेन ने घायल को उठाया और सोनू यादव ने अपने निजी वाहन से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मांडू पहुंचाया जहां डॉ. अविनाश शिवहरे ने प्राथमिक उपचार कर गंभीर हालत को देखते हुए घायल को धार रेफर कर दिया।

1 घंटे तक नहीं पहुंची एंबुलेंस और पुलिस –

घायल पर्यटक की सूचना लगते ही जब ग्रामीण वहां पहुंचे तो ग्रामीणों ने तुरंत एंबुलेंस को कॉल किया और पुलिस को सूचना दी।

काफी देर इंतजार करने के बाद भी जब पुलिस प्रशासन और एंबुलेंस घटनास्थल पर नहीं पहुंचे तो ग्रामीणों ने निजी वाहन से ही घायल को अस्पताल ले जाना उचित समझा और घायल का प्राथमिक उपचार कराया। हालांकि उपचार के दौरान हॉस्पिटल पर पुलिस पहुंची।

महल पर नहीं था सिक्योरिटी गार्ड –

ऐतिहासिक चोर कोट महल भारतीय पुरातत्व विभाग के संरक्षित इमारत में आता है। मांडू के महलों में आए दिन इस तरह की घटना होना आम बात हो गई है। कुछ चुनिंदा इमारतों पर विभाग के कर्मचारी मौजूद रहते हैं और बाकी इमारतों पर कागजी खानापूर्ति होती रहती है।

इस खानापूर्ति का खामियाजा पर्यटकों को भुगतना पड़ता है। अगर महल पर कर्मचारी तैनात होता तो शायद यह हादसा नहीं होता।

हादसों का शिकार हो रहे सैलानी –

पर्यटक मांडू के महलों में हादसों का शिकार हो रहे हैं। यूं तो सैकड़ों घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन इस वर्ष की ही यह तीसरी घटना है। कुछ माह पहले खंडवा की एक छात्रा जहाज महल से नीचे गिर गई थी।

वहीं, दो माह पूर्व ऐतिहासिक अशर्फी महल से पर्यटक गिरा था जिसे गंभीर चोट आई थी। यहां महलों में सुरक्षा और सुविधाओं की भारी कमी के चलते हादसे हो रहे हैं।

सैलानियों से महलों में प्रवेश का शुल्क भी लिया जाता है उसके बाद भी केंद्रीय पुरातत्व विभाग इस दिशा में कोई प्रयास नहीं कर रहा है। फिलहाल पदस्थ संरक्षण सहायक प्रशांत पाटणकर छुट्टी पर हैं।

पत्रकारों द्वारा हादसे के वीडियो और फोटो भोपाल में बैठे विभाग के अधीक्षक पुरातत्वविद डॉ. मनोज कुर्मी को भेजे गए हैं, लेकिन काफी देर हो जाने के बाद भी उन्होंने इस मामले में संज्ञान नहीं लिया।

First Published on: April 19, 2023 3:55 PM