मुरैना की गजक को मिला जीआई टैग, चार साल पहले हुई थी इसके लिए पहल


जीआई टैग मिलने के बाद अब मुरैना के सुप्रसिद्ध गजक की मिठास, पहचान और धाक दुनियाभर में और बढ़ेगी। मुरैना की गजक को जीआई टैग दिलाने की पहल चार साल पहले तात्कालीन कलेक्टर प्रियंका दास ने की थी।


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ग्वालियर Published On :
Morena Gajak

मुरैना। मुरैना की प्रसिद्ध गजक को केंद्र सरकार की तरफ से जीआई टैग (जियोग्राफिकल इंडिकेशन) दिया गया है जिसकी जानकारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के अलावा केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर व केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट करके दी।

जीआई टैग मिलने के बाद अब मुरैना के सुप्रसिद्ध गजक की मिठास, पहचान और धाक दुनियाभर में और बढ़ेगी। मुरैना की गजक को जीआई टैग दिलाने की पहल चार साल पहले तात्कालीन कलेक्टर प्रियंका दास ने की थी।

दिसंबर 2019 में मुरैना की गजक की ख्याति बढ़ाने के लिए गजक महोत्सव का आयोजन किया गया था, जिसमें मुरैना के गजक व्यापरियों ने अपनी-अपनी दुकानें सजाकर भिन्न-भिन्न प्रकार व स्वाद की गजक की दुकानें सजाई थीं।

गजक महोत्सव के दौरान ही तत्कालीन कलेक्टर प्रियंका दास ने गजक को जीआई टैग दिलाने का प्रस्ताव शासन को भेजा था।

कुछ समय बाद हुए एक आयोजन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय कृषि मंत्री ने भी मंच से मुरैना की गजक को जीआई टैग दिलाने का ऐलान किया था।

मुख्यमंत्री व केंद्रीय कृषि मंत्री की पहल पर बीते महीने मुरैना जिला प्रशासन से एक और प्रस्ताव केंद्र सरकार के लिए भेजा गया था, जिस पर केंद्र सरकार ने सहमति जता दी।

जीआई टैग मिलने के बाद यह होगा फायदा –

किसी एक क्षेत्र में कोई विशेष प्रकार का उत्पाद बनता हो या उसकी पैदावार होती है। क्षेत्र की भौगोलिक विशेषताओं के कारण उक्त उत्पाद की गुणवत्ता विशेष रहती हो और अन्य स्थानों पर ऐसा गुणवत्तापूर्ण उत्पाद नहीं होता हो, तब उस क्षेत्र विशेष के लिए उक्त उत्पाद को कानूनी मान्यता दी जाती है।

जीआई टैग उत्पाद को कानूनी सुरक्षा देता है और किसी अन्य जगह उसकी नकल करके उक्त उत्पाद को विशेष बताने के अनाधिकृत उपयोग को रोकना है। जीआई टैग मिलने के बाद उक्त उत्पाद की मांग व पहचान राष्ट्रीय ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी बढ़ती है।

इसका असर उक्त क्षेत्र के व्यापार व उक्त उत्पाद से जुड़े व्यापारियों को होता है यानी मुरैना की गजक को जीआई टैग मिलने से गजक कारोबार में रोजगार व आर्थिक संबल भी मिलेगा।

जीआई टैग की अवधि 10 साल की होती है, फिर इसका दोबारा नवीनीकरण करवाने का नियम है। नवीनीकरण नहीं करवाने पर क्षेत्र विशेष से किसी उत्पाद के जीआई टैग का पंजीयन सरकार हटा देती है।



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