ग्रामीण समाज में जागरूकता, नेतृत्व क्षमता और तथ्य–आधारित कंटेंट क्रिएशन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से देशगांव मीडिया फाउंडेशन ने महू तहसील में अपना विशेष निःशुल्क प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू कर दिया है। इस पहल में इंदौर के ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ धार जिले के प्रतिभागी भी सक्रिय रूप से शामिल हो रहे हैं। कार्यक्रम का मकसद युवाओं को सिर्फ तकनीकी कौशल ही नहीं, बल्कि समुदाय से जुड़कर समझदारी और जिम्मेदारी के साथ काम करने की क्षमता विकसित करना है।
सामुदायिक मुद्दों की समझ पर खास फोकस
फाउंडेशन ने चयनित अभ्यर्थियों को कई महत्वपूर्ण विषयों पर प्रशिक्षण देने की रूपरेखा तैयार की है। इनमें समाज की जरूरतों का आकलन, स्थानीय समस्याओं की पहचान, उनकी संवेदनशील प्रस्तुति और ग्राउंड–लेवल रिपोर्टिंग जैसी क्षमताओं का विकास शामिल है। कार्यक्रम को क्षेत्र में सक्रिय कई स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से आकार दिया गया है, जिससे युवाओं को विविध अनुभव और व्यापक दृष्टिकोण मिल सके।
अभिमुखीकरण सत्र में विशेषज्ञों की प्रेरक बातें
हाल ही में छावनी परिषद गर्ल्स हाई स्कूल में हुए अभिमुखीकरण (ओरिएंटेशन) सत्र में समाजसेवी देव कुमार वासुदेवन, समाज कार्यकर्ता रूपा पटवर्धन और सामुदायिक मुद्दों के जानकार अभिषेक श्रीवास्तव ने युवाओं को कार्यक्रम के उद्देश्य और इसके महत्व के बारे में विस्तार से बताया। वक्ताओं ने ग्रामीण युवाओं की भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि समुदाय की वास्तविक ताकत उसके जागरूक और सक्रिय युवाओं में ही निहित होती है।
उन्होंने यह भी बताया कि आज की डिजिटल दुनिया में कंटेंट क्रिएशन केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह लोगों की सोच और समाज की दिशा तय करने का महत्वपूर्ण माध्यम बन चुका है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं का प्रशिक्षित और जिम्मेदार होना समय की बड़ी जरूरत है।

अपनी बातों को फिल्माने से लेकर संवैधानिक मूल्यों तक प्रशिक्षण
इस कार्यक्रम में युवाओं को—
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फिल्म मेकिंग
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कम्युनिटी जर्नलिज्म
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कम्युनिटी लीडरशिप
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जिम्मेदार कंटेंट क्रिएशन
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संवैधानिक मूल्यों पर आधारित मीडिया निर्माण
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तथा रचनात्मक कहानी कहने की कला
जैसे विविध और आधुनिक विषयों पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

देशगांव मीडिया फाउंडेशन के प्रतिनिधि श्री प्रकाश ने बताया कि इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य युवाओं को तथ्य–आधारित और सकारात्मक कंटेंट तैयार करने के लिए सक्षम बनाना है, जिससे वे अपने गांव, पंचायत और स्थानीय क्षेत्र की समस्याओं और संभावनाओं को सही तरीके से प्रस्तुत कर सकें।
“कंटेंट क्रिएशन सिर्फ वीडियो बनाना नहीं”—फाउंडेशन के निदेशक
फाउंडेशन के निदेशक आदित्य सिंह ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि कंटेंट क्रिएशन का असली अर्थ समाज की जमीनी हकीकत को समझकर सामुदायिक सहयोग से समाधान ढूंढने की प्रक्रिया है। उन्होंने फर्जी जानकारी और गलत सूचना फैलाने के खतरों पर भी युवाओं को सचेत किया।
देशगांव मीडिया फाउंडेशन का विश्वास है कि यह निःशुल्क प्रशिक्षण कार्यक्रम इंदौर–धार क्षेत्र के युवाओं में नेतृत्व, रचनात्मकता, सामाजिक जिम्मेदारी और सकारात्मक मीडिया सोच को और मजबूत करेगा। आने वाले दिनों में इस पहल से कई नए ग्रामीण कंटेंट क्रिएटर तैयार होने की उम्मीद है, जो अपने क्षेत्र की आवाज को प्रभावी रूप से सामने ला सकें।













