सर्मथन मूल्य पर सोयाबीन खरीदी शुक्रवार से शुरू हो गई है। हालांकि, खरीदी के पहले दिन जिलेभर के किसी भी किसान ने अपनी उपज बेचने के लिए केंद्र पर आना उचित नहीं समझा। खरगोन जिले में कुल 6092 किसानों ने इस योजना का लाभ उठाने के लिए पंजीयन करवाया है। इन किसानों को 4892 रुपये प्रति क्विंटल की दर से अपनी सोयाबीन बेचने का अवसर मिलेगा। यह खरीदी 31 दिसंबर 2024 तक जारी रहेगी।
तैयारियों में कोई कमी नहीं:
कृषि उपसंचालक एम.एस. सोलंकी ने बताया कि जिला कलेक्टर कर्मवीर शर्मा के मार्गदर्शन में खरगोन जिले में समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इस वर्ष जिले में कुल 9 केंद्र बनाए गए हैं, जहां पंजीकृत किसानों से सोयाबीन खरीदी जाएगी। किसानों की फसल और उनके रकबे का सत्यापन पहले ही किया जा चुका है, जिससे किसानों को उनकी उपज बेचने में कोई असुविधा न हो।
एफएक्यू मानक पर खरीदी अनिवार्य:
कृषि विभाग ने स्पष्ट किया है कि खरीदी केवल एफएक्यू (Fair Average Quality) मानक के अनुरूप ही की जाएगी, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि समर्थन मूल्य पर खरीदी गई उपज की गुणवत्ता उचित स्तर की हो। जिला विपणन अधिकारी श्वेता सिंह और सहायक संचालक कृषि प्रकाश ठाकुर ने गणेश मार्केटिंग सोसायटी केंद्र पर खरीदी के शुभारंभ के दौरान अपनी उपस्थिति दर्ज की।
किसानों का ध्यान क्यों नहीं:
हालांकि खरीदी शुरू हो चुकी है, लेकिन त्योहारी सीजन और मौजूदा बाजार भाव के कारण संभवतः किसान तत्काल खरीदी के लिए केंद्रों पर नहीं पहुंचे। किसान निजी मंडियों में बेचने की ओर अधिक आकर्षित हैं क्योंकि वहां दाम सरकारी समर्थन मूल्य से अधिक मिल रहे हैं। इसके अलावा, कई किसानों का मानना है कि वे थोड़े इंतजार के बाद फसल को बेहतर कीमत पर बेच सकते हैं।
सर्मथन मूल्य पर सोयाबीन की खरीदी का काम शुरू होने से पहले किसानों का पंजीयन जारी था। बताया जाता है कि इस दौरान बहुत से जिलों में किसानों ने कोई बहुत खास उत्साह नहीं दिखाया, हालांकि सोयाबीन के मौजूदा भाव बेहद कमजोर हैं और ऐसे में किसानों के लिए बाजार से उम्मीद लगाना शायद बहुत लाभकारी न साबित हो।
खरीदी से जुड़ी आधिकारिक जानकारी मप्र जनसंपर्क से प्राप्त करें।



























