इंदौर शूटिंग एकेडमी केस: महू से शुरू हुई थी मोहसिन की साजिश, अतिक्रमण से लेकर गैंगरेप तक खुलती परतें


इंदौर शूटिंग एकेडमी केस में आरोपी मोहसिन खान की महू से शुरू हुई आपराधिक कहानी सामने आई। 6 एफआईआर, फरार साथी, SIT जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे।


अरूण सोलंकी अरूण सोलंकी
इन्दौर Updated On :

ड्रीम ओलंपिक शूटिंग एकेडमी के कोच मोहसिन खान के खिलाफ गैंगरेप और यौन शोषण के मामले ने मध्यप्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। इस केस की तह में जाने पर सामने आता है कि यह सिर्फ इंदौर की कहानी नहीं है, इसकी शुरुआत महू से हुई थी, जहां आरोपी ने अपने अपराधों की नींव रखी। महू में भी मोहसिन पर आपराधिक मामले दर्ज हैं, और उसका सामाजिक आचरण भी लंबे समय से संदेह के घेरे में रहा है।

महू में बनी अपराध की आधारशिला

मोहसिन खान महू के प्रजापति मोहल्ला, धारनाका का निवासी है। यहां के रहवासियों के अनुसार वह शुरू से ही झगड़ालू, घमंडी और संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त था। मोहसिन पर महू में जाली नोट चलाने और चोरी की बाइक रखने जैसे गंभीर आपराधिक मामले पहले से दर्ज हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि वह पिता के सेना में होने का फायदा उठाकर रौब जमाता था।

धार नाका क्षेत्र में मोहसिन का घर

उसने महू में भी एक शूटिंग एकेडमी खोली थी, जो कुछ समय बाद बंद कर दी गई। इस दौरान वह एक छात्रा के संपर्क में रहा, जो अब शादीशुदा है और भागीरथ कॉलोनी में रह रही है। सूत्रों का कहना है कि अगर पुलिस महू की गतिविधियों की गंभीर जांच करे, तो कई और पीड़िताएं सामने आ सकती हैं।

अतिक्रमण और झूठी छवि का इस्तेमाल

मोहसिन ने महू में अपने घर के पास बहते नाले पर अतिक्रमण कर रखा था। नगर परिषद ने इस पर कार्रवाई के लिए नोटिस भी चस्पा कर दिया है। उसका घर दो वर्षों से बंद पड़ा है। मोहल्लेवालों का कहना है कि मोहसिन की पढ़ाई सिर्फ दसवीं तक है, लेकिन वह खुद को पढ़ा-लिखा और सभ्य बताकर विशेष रूप से लड़कियों पर प्रभाव डालता था।

इंदौर में बना ‘शिकारगाह’, दर्ज हुईं छह FIR

इंदौर में मोहसिन ने ड्रीम ओलंपिक शूटिंग एकेडमी की स्थापना की, जहां खेल की शिक्षा के नाम पर लड़कियों को फांसने का जाल बुना गया। अब तक उसके खिलाफ छह एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। आरोप है कि उसने 25 से 30 लड़कियों से शारीरिक संबंध बनाए और वीडियो के जरिए उन्हें ब्लैकमेल किया। इनमें एक मामला ऐसा भी है जहां उसने एक युवती को 15 दिनों तक बंधक बनाकर गैंगरेप करवाया।

उसके दो साथी, इमरान और फैजान, फिलहाल फरार हैं। पुलिस ने महू, खजराना और अन्य क्षेत्रों में दबिश दी, लेकिन वे दोनों हाथ नहीं आए।

 

प्रशासनिक कार्रवाई: SIT, फास्ट ट्रैक और तकनीकी जांच

पुलिस ने इस मामले को संवेदनशील अपराध की श्रेणी में लिया है। एक छह सदस्यीय एसआईटी टीम बनाई गई है और ट्रायल को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाने की तैयारी की जा रही है। मोहसिन के मोबाइल, लैपटॉप और डीवीआर से तकनीकी साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। नगर निगम भी उसकी शूटिंग एकेडमी के दस्तावेज, लाइसेंस और लेबर विभाग की मंजूरी की जांच कर रहा है।

फिलहाल मोहसिन सात दिन की पुलिस रिमांड में है और पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे कर रहा है। साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि क्या इस पूरे मामले में कोई धार्मिक रूपांतरण या संगठित नेटवर्क की भूमिका भी है।

न्याय की ओर कदम, लेकिन कई सवाल अब भी बाकी

यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति का अपराध नहीं, बल्कि उस सिस्टम का भी आईना है जिसने उसे फलने-फूलने का मौका दिया। महू से लेकर इंदौर तक, हर स्तर पर प्रशासन और समाज की अनदेखी ने इस अपराधी को बढ़ावा दिया।

अब जरूरत है कि पुलिस महू में भी गहन जांच करे, पुराने केसों को पुनः खोले और वहां भी पीड़िताओं को न्याय दिलाने के लिए आगे आए।

 



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