इंदौर। राज्य कर सेवा के एक अधिकारी ने पिछले दिनों अपनी नौकरी से बीस साल पहले ही रिटायमेंट ले लिया और अब वे समाज सेवा करना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने अपने कुछ साथियों और सर्मथकों को लेकर बड़े लाव लश्कर और गाजे-बाजों के साथ पातालपानी पर टंट्या भील के मंदिर जाकर पूजा की।
पोरलाल खर्ते नाम के ये पूर्व अधिकारी कहते हैं कि उन्हें अब जीवन भर समाजसेवा ही करना है और इसके लिए अगर राजनीति में उतरकर चुनाव भी लड़ना पड़े तो परहेज़ नहीं।
पोरलाल खर्ते इंदौर में राज्य कर सेवा के अधिकारी के रुप में पदस्थ थे और उन्होंने 31 अगस्त को ही इस्तीफा दिया है। शायद यह पहली बार है कि किसी अधिकारी ने इस तरह से नौकरी छोड़कर समाजसेवा की राह पकड़ी है।
खर्ते बड़वानी जिले के रहने वाले हैं और आदिवासी समुदाय से आते हैं। उन्होंने टंट्या मामा के मंदिर में पूजा अर्चना की और अपनी पारंपरिक वेशभूषा में शामिल हुए।
पूजा के बाद पोरलाल ने कहा कि कि वह समाज सेवा करना चाहते हैं जो नौकरी में रहकर नहीं कर पा रहे थे, अब वह पूरी तरह खुलकर समाज के लिए कम कर सकेंगे। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह समाज सेवा के लिए राजनीति में आकर चुनाव लड़ेंगे तो उन्होंने कहा कि इस संबंध में समाजसेवियों व समाज की बैठक होगी अगर वहां से आदेश मिला तो वह चुनाव जरूर लड़ेंगे।

हालांकि पोरलाल के बारे में चर्चा थी कि आगम में विधानसभा चुनाव को देखते हुए उन्होंने यह निर्णय लिया है और संभव है कि वह बड़वानी जिले की किसी भी विधानसभा से जयस की ओर से संभावित उम्मीदवार हो सकते हैं। इसके साथ ही टंट्या मामा के मंदिर जाकर पूजा करना और जिस प्रकार वाहनों का काफिला उनके साथ था और जो झंडे लगे थे उसे देखकर भी ऐसा ही लगता है।













