देवासः मां चामुंडा टेकरी की रोप-वे का तार पुली से हुआ अलग, छह दर्शनार्थी सवा घंटे तक फंसे रहे


दो ट्रॉलियों में ही छह दर्शनार्थी सवार हुए थे, जो तकरीबन सवा घंटे की मशक्कत के बाद ट्रॉलियों सहित नीचे लाए जा सके।


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घर की बात Published On :
dewas rope-way accident

देवास। देवास जिले के मां चामुंडा टेकरी पर शनिवार शाम तेज आंधी और बारिश की वजह से रोप-वे टॉवर का तार पुली से अलग हो गया जिसकी वजह से 12 ट्रॉलियां बीच हवा में फंस गईं।

हालांकि, राहत वाली बात यह रही कि इनमें से केवल दो ट्रॉलियों में ही छह दर्शनार्थी सवार हुए थे, जो तकरीबन सवा घंटे की मशक्कत के बाद ट्रॉलियों सहित नीचे लाए जा सके। हवा में फंसे ये सभी दर्शनार्थी बिलकुल ठीक हैं और टेकरी पर स्थित मां चामुंडा के मंदिर में दर्शन करने चले गए।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, छत्तीसगढ़ का परिवार दर्शनों के लिये मां चामुंडा की टेकरी आया था। भोपाल से एक वाहन चालक 10 लोगों को लेकर आया था, जिनमें से छह लोग अन्य ट्रॉली में सकुशल पहुंच गए। तार टूटने की वजह से चार लोगों की ट्रॉली हवा में रह गई।

कई मीडिया रिपोर्ट्स में हवा में फंसे इन छह दर्शनार्थियों के बारे में बताया जा रहा है कि इनमें से तीन ओडिशा के और तीन अन्य आंध्र प्रदेश के यात्री थे, जो उज्जैन स्थित महाकाल दर्शन के बाद महेश्वर, ओंकारेश्वर होते हुए देवास दर्शन कर भोपाल जाने वाले थे।

देवास के मां चामुंडा टेकरी स्थित रोप-वे प्रोजेक्ट के लिए 8 अप्रैल 2003 को नगर निगम और त्रेहान कंस्ट्रक्शन कंपनी के बीच करार हुआ था और 4 अगस्त 2003 को प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इसका भूमिपूजन किया था।

नगर निगम द्वारा अन्य विभागों से एनओसी व परमिशन की प्रक्रिया पूरी करने के बाद 2010 में काम शुरू हुआ था, लेकिन निर्माण कार्य का बजट बढ़ जाने की वजह इसका काम धीमा हो गया था।

14 सालों बाद यह प्रोजेक्ट पूरा हुआ और 10 अप्रैल 2017 को इस रोप-वे का पहला ट्रायल लिया गया और फिर आखिरकार जुलाई 2017 में यह रोप-वे आम लोगों के लिए शुरू किया गया।

तत्‍कालीन विधायक गायत्री राजे पवार व महापौर सुभाष शर्मा ने इस रोप-वे का शुभारंभ किया। मालवा-निमाड़ के इस पहले रोप-वे से श्रद्धालुओं को 300 फुट ऊंची टेकरी पर पहुंचने में अब मात्र तीन मिनट का समय लगता है।



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