मध्यप्रदेश: गौ-कैबिनेट गठन के बाद अब राज्य के लोगों को देना पड़ सकता है गौ-टैक्स


22 नवंबर को अभ्यारण्य में गौ संरक्षण से जुड़े उपायों पर विशेषज्ञों और वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा के बाद जनता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था  कि, ”जिस तरह से पुराने जमाने में लोग घरों में पहली रोटी गाय के लिए निकालते थे ठीक उसी तरह सरकार भी जनता से थोड़ा सा टैक्स लेकर गौमाता के लिए वसूल कर ले ताकि गौशाला के काम आ जाए।”


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घर की बात Published On :

मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार द्वारा गौ कैबिनेट के गठन और रविवार को हुई पहली बैठक के बाद राज्य में गौ टैक्स लगाने की ख़बरें हैं। हालांकि अभी इस बारे में आधिकारिक तौर पर कोई घोषणा नहीं हुई है। रविवार को गौ कैबिनेट की पहली बैठक से पहले मुख्यमंत्री ने इस बारे में कहा था कि, हम हमेशा गाय और कुत्तों को लिए अपने भोजन से कुछ हिस्सा बचाते हैं। लेकिन अब ये परंपरा धीरे-धीरे कम हो रही है। इसीलिए मैं अब लोगों से गायों की देखभाल के लिए कुछ टैक्स वसूलने पर विचार कर रहा हूं।

वहीं, इस मुद्दे पर जब गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘भारतीय संस्कृति में ‘गौ घास’ के माध्यम से गाय के प्रति श्रद्धा है। इसे केवल ‘गाय कर’ कहना गलत है। भारतीय आबादी का बड़ा हिस्सा गायों के कल्याण की सुरक्षा में विश्वास करता है। यह उस भावना को बनाए रखने के लिए एक कदम है।’

बता दें कि, 22 नवंबर को अभ्यारण्य में गौ संरक्षण से जुड़े उपायों पर विशेषज्ञों और वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा के बाद जनता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था  कि, ”जिस तरह से पुराने जमाने में लोग घरों में पहली रोटी गाय के लिए निकालते थे ठीक उसी तरह सरकार भी जनता से थोड़ा सा टैक्स लेकर गौमाता के लिए वसूल कर ले ताकि गौशाला के काम आ जाए।”

इसके अलावा चौहान ने ऐलान किया है कि मध्य प्रदेश में 2 हजार नई गौशालाएं खोली जाएंगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, कि  ‘सरकार की कोशिश होगी कि सरकारी दफ्तरों में अब गोमूत्र से बने फिनाइल का ही इस्तेमाल किया जाए इसके लिए भी आने वाले समय में रूपरेखा बनाई जाएगी’।

इस दौरान शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया था कि , ”पर्यावरण बचाने के लिए प्रदेश में गो-काष्ठ का उपयोग बढ़ाएंगे। गौसेवा सिर्फ एक विभाग का काम नहीं है सिर्फ पशुपालन विभाग नहीं अन्य सभी विभाग भी मिलकर इसमें भूमिका निभाएंगे।”  उन्होंने कहा कि गौ-कैबिनेट में तय किया गया ‘नगरीय क्षेत्रो में निराश्रित गौवंश के संरक्षण के लिए नगरीय निकायों को जोड़ा जाएगा।

 



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