भूत-प्रेत भगाने और पर्ची निकालकर भविष्य बताने वाले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, अब देश हित में रक्षा मंत्री और वैज्ञानिकों को बताएंगे भविष्य


नासा के वैज्ञानिकों को सलाह का दावा करने के कुछ मिनटों बाद ही शास्त्री फिर भूत प्रेत भगाने के अपने मूल काम में लग गए और पर्चियां निकालकर लोगों का भविष्य बताने लगे। कथा के दौरान दो लोगों की मौत हुई और दर्जनों के गहने चोरी हो गए।


ब्रजेश शर्मा ब्रजेश शर्मा
नरसिंहपुर Updated On :

पर्ची निकालकर लोगों का भूत भविष्य बताने, उनकी समस्याओं का समाधान करने और भूत प्रेत झाड़ने वाले बागेश्वर धाम के युवा धीरेंद्र शास्त्री अब स्पेस एजेंसी नासा के वैज्ञानिकों को सलाह देंगे। धीरेंद्र शास्त्री ने यह नया दावा किया है कि केवल पर्चे बनाने से भारत का भला नहीं होना है। उन्होंने आगे कहा कि वे देश के रक्षा मंत्री से कहेंगे कि उनकी यानी खुद धीरेंद्र कृष्ण की चेतना और हनुमान जी की शक्ति का सद्पयोग करें और पता लगाएं कि आने वाले समय में कौन सी घटना हो सकती है, यही राष्ट्र हित होगा और इस तरह देश को आगे बढ़ाने में मदद करें। हालांकि खुद को चेतनाशील बताने वाले धीरेंद्र शास्त्री ने खुद को पढ़ालिखा न होना बताया और संभवतः इसीलिए उन्होंने नासा को भारत की स्पेस एजेंसी कह दिया। हालांकि ऐसा वैज्ञानिक दावा करने के तुरंत बाद शास्त्री अपने काम में लग गए और मंच के आसपास उछल-कूद कर रहे लोगों की प्रेत बाधा हरने लगे।

धीरेंद्र शास्त्री 8 जून को नरसिंहपुर के नवलगांव में पांच दिवसीय कथा प्रवचन करते हुए दिव्य दरबार में दर्जनों भक्तों की भूत प्रेत की बाधाओं को दूर करने झाड़ फूंक कर रहे थे और उन्होंने कथित मंत्रों से मारपीट कर ठीक करने का दावा भी किया। यहां उन्होंने सुनने के लिए ग्रामीण और शहरी तपके की हजारों की संख्या में भीड़ मौजूद थी। जो अपनी परेशानियों का हल धीरेंद्र शास्त्री के पास मौजूद किसी ईश्वरीय शक्ति से होने की आस में आई थी, तो वहीं कई लोग इस तरह के चमत्कार को देखने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान बड़े पैमाने पर सुरक्षा और प्रशासनिक इंतजाम किए गए थे। ऐसे में लोगों की आस्था और भी परवान चढ़ रही थी।

अपनी करतबों को पूरी तरह सच्चा और श्रेष्ठ दिखाने के लिए दिव्य दरबार में शास्त्री ने पर्ची निकाल कर कई लोगों के बारे में कई बातें बताईं और फिर मंच से ही उन लोगों को माइक देकर पूछा कि जो वह उनके बारे में जो बता रहे हैं वह सही है या गलत। ज्यादातर लोगों ने शास्त्री की बताए को सही बताया और भीड़ उनकी जय जय कार करने लगी।

8 जून को बाबा धीरेंद्र शास्त्री कथा की बजाय दिव्य दरबार में लगभग पूरे समय अर्जी लगवाने, लोगों की समस्या का हल करने और भूत प्रेत झाड़ने में व्यस्त रहे।

उन्होंने भक्तों की समस्याओं के समाधान का जिक्र किया। दिव्य दरबार में बाबा मन की बात बता कर वैज्ञानिकों को सलाह देने की बात करते हुए यद्यपि यह भूल गए या उन्हें पता नहीं कि जिस नासा के वैज्ञानिकों को वह सलाह मशविरा और चेतना देने की बात कर रहे हैं। वह भारत का नहीं बल्कि अमेरिका अंतरिक्ष विज्ञानी संगठन (नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन ) है। उनके किसी सलाहकार ने उन्हें नहीं बताया कि उन्हें नासा नहीं बल्कि भारतीय ऐजेंसी इसरो का नाम लेना था। हालांकि धीरेंद्र शास्त्री ने खुद ही पहले साफ कह दिया था कि उन्हें कोई अफसर तो बनाएगा नहीं क्योंकि वे पढ़े लिखे हैं नहीं, ऐसे में किसी ने उनके नासा और इसरो के बीच अंतर न समझ पाने की बात पर कोई आपत्ति नहीं ली।

धीरेंद्र शास्त्री यह भी कहते हैं कि वह भारत के रक्षा मंत्री से भी कहेंगे कि आप हमारी चेतना, हनुमान जी की शक्ति का सदुपयोग कीजिएगा ताकि राष्ट्र का भला हो। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में कहां कौन सी, क्या संभावित घटना हो सकती है उसके लिए हमारी शक्ति का सदुपयोग कीजिए। उन्होंने कहा कि वह गोपनीय तरीके से ऐसा करेंगे क्योंकि खुलकर बताएंगे तो कोई उनको उड़ा देगा। उन्होंने मंच से यह दावा किया कि हम भारत के लिए काम शुरू कर रहे हैं। अकेले पर्ची निकाल कर लोगों के मन की बात करने से देश का भला नहीं होने वाला इसलिए राष्ट्रहित में वैज्ञानिकों को सलाह देने का काम अब वह करेंगे। शास्त्री ने कहा कि वे अपनी टीम से कह रहे हैं कि इस बारे में आगे काम शुरू करें।

दुबई के बाद आप ऑस्ट्रेलिया जाएंगेः हाल ही में दुबई यात्रा के बाद बाबा अगले कुछ दिनों में ऑस्ट्रेलिया जा रहे हैं इसलिए वह यह भी कहते हैं कि दुनिया के दूसरे देशों में भी वह सनातन का झंडा गाड़ रहे हैं और वहां के लोग दिव्य शक्ति के कारण उन्हें पावरफुल कहने लगे हैं लेकिन वह उन लोगों से कहते हैं कि वह पावरफुल नहीं बल्कि उनके लॉर्ड हनुमान, बागेश्वर धाम पावरफुल हैं।

पुरी की शंकराचार्य से मिले थे धीरेंद्र शास्त्रीः हालही में धीरेंद्र शास्त्री ने पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती से मुलाकात की है। पुरी के शंकराचार्य वैदिक गणित के ज्ञाता माने जाते हैं और वे कई ग्रंथ, पुस्तकों के लेखक भी हैं। धीरेंद्र शास्त्री के आमंत्रण पर शंकराचार्य बागेश्वर धाम भी गए थे। इसके बाद से धीरेंद्र शास्त्री वैज्ञानिकों को सलाह देने की बात करने लगे हैं।

देश को किसी घटना के बारे में पहले से जानकारी देने की हसरत रखने वाले धीरेंद्र शास्त्री के खुद के पंडाल में क्या कुछ हो रहा था यह खबर उनको नहीं थी। लाखों लोग उनके हफ्ते भर लंबे कार्यक्रम में पहुंचते हैं। ऐसे में पहले दिन 6 जून को कलश यात्रा के दौरान लगभग 18-20 महिलाओं के जेवरात भी चोरी हो गए। इस दौरान ये आरते रोतीं सिसकतीं दिखाई दीं, वे बता रहीं थीं कि उनकी जिंदगी की कमाई वही सोने के जेवर थे जो उन्होंने पहने हुए थे और कथा सुनते हुए वह भी कोई छीन ले गया। इसके पहले किसी विवाद में कथा स्थल के आसपास ही एक युवक की हत्या हो गई। कथा के दौरान ही एक वृद्ध महिला की लू लगने के चलते मौत हो गई। कथा से निकलते लोग यह भी कहते दिखाई दिए जाने वाले को रोकना शायद बाबा के बस में न हो लेकिन कम से कम जिन लोगों के जेवर चुराए गए हैं उनके ही नाम पुलिस को बता दें और उनके जेवर बरामद करवा दें ताकि इन गरीबों को राहत मिले। हालांकि यह काम पुलिस के हक में आया है और पुलिस फिलहाल जांच कर रही है। स्थानीय पुलिस के अनुसार इतनी भीड़ में सीधे अपराधी का पता लगाना कुछ कठिन है लेकिन वे जांच कर रहे हैं। जब उनसे धीरेंद्र शास्त्री से मदद लेने के लिए पूछा गया तो पुलिस अधिकारी ने हंस कर फोन बंद कर दिया।



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