डॉ सिंह भाग्य के धनी थे। जन्म भी सही स्थान और सही समय पर हुआ होगा क्योंकि जिस भी क्षेत्र में प्रवेश किया नाम ही कमाया। उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई की और…
INDIA ब्लॉक के सहयोगियों की सत्ता-समृद्धि के लिए राहुल न तो अदाणी को छोड़ सकते हैं और न ईवीएम और संविधान को।
डर अब समाज का स्थायी भाव बन चुका है। सत्ता, अपराध, और धार्मिक संगठनों के संगठित आतंक ने नागरिकों के भीतर ऐसा भय पैदा कर दिया है, जहां वे न केवल अपनी असहायता…
मौजूदा विकास की विडंबना है कि इसमें भीषण भुखमरी और असीमित सम्पन्नता एक साथ फलती-फूलती हैं। वैश्विक अर्थव्यवस्था में पांचवें पायदान पर खड़े हमारे देश में करीब अस्सी फीसदी आबादी सरकारी दया की…
पाँच साल पहले प्रियंका के सामने अवसर आया था कि वे इंदिरा गांधी बनकर नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ वाराणसी से चुनाव लड़ लें पर वे राज़ी नहीं हुईं। उन्हें पराजय का डर रहा…
दुनिया के मंचों पर भारत की आर्थिक प्रगति का ढिंढोरा पीटते रहने वाली हुकूमत के लिए इससे ज़्यादा शर्मिंदा करने वाली और कोई बात नहीं हो सकती कि ग़रीब नागरिकों की पेट की…