गहलोत को सीएम की कुर्सी ज्यादा प्यारी, अब दिग्विजय सिंह संभालेंगे कांग्रेस अध्यक्ष की ज़िम्मेदारी!

अध्यक्ष पद की रेस से बाहर होने से पहले अशोक गेहलोत कांग्रेस का काफी नुकसान कर चुके हैं और अब दिग्विजय सिंह इस रेस में सबसे आगे हैं।

भोपाल। कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अब दिग्विजय सिंह भी चुनाव लड़ेंगे। दिग्विजय गुरुवार को 11-12 बजे तक नामांकन पत्र लेंगे। उनके साथ आज दूसरे नेता शशि थरूर भी अपना नामांकन भरेंगे। वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नामांकन भरने की स्थिति साफ नहीं हुई है।

हालांकि दिग्विजय सिंह को अब अध्यक्ष पद के लिए सबसे मजबूत उम्मीदवार माना जा रहा है और अशोक गहलोत अध्यक्ष पद की रेस से तकरीबन बाहर हो चुके हैं। खबरों की मानें तो उन्हें पार्टी अध्यक्ष से ज्यादा मुख्यमंत्री की कुर्सी पर रहना जरुरी समझा और इस बारे में कांग्रेस के अन्य नेताओं को अपनी राय भी स्पष्ट कर दी है।

 

कांग्रेस पार्टी अब तक अशोक गहलोत को अध्यक्ष पद के लिए मनाती रही थी लेकिन राजस्थान में उनके सर्मथक विधायकों के द्वारा पैदा किये गए संकट के बाद अब उनकी विश्वसनीयता पर बड़ा सवाल उठ  रहा है।

गहलोत के बारे में कांग्रेस पार्टी में एक नकारात्मक राय बन रही है कि वे अपने कुछ विधायकों को कांग्रेस पार्टी का निर्णय समझाने में नाकाम रहे तो फिर वे कैसे देशभर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को कैसे एक जुट करेंगे।

अब तक दिग्विजय सिंह चुनाव लड़ने में ज्यादा रुचि नहीं दिखा रहे थे लेकिन कुछेक टीवी इंटरव्यू में उन्होंने अपने को अध्यक्ष पद की रेस से बाहर भी नहीं बताया था। हालांकि तब राजस्थान की स्थिति इस तरह नहीं बिगड़ी थी और अशोक गहलोत सबसे मजबूत दावेदार माने जा रहे थे।

दिग्विजय सिंह की अध्यक्ष पद पर उम्मीदवारी की चर्चा होने के बाद उनके खिलाफ़ उनके पिछले विवादित बयान माने जा रहे हैं और कहा जा रहा है कि इससे कांग्रेस पार्टी को नुकसान हो सकता है। वहीं मप्र सरकार बचाने में भी वे नाकाम रहे थे।

हालांकि उनके पक्ष में जो बातें जाती हैं वे भी कम नहीं। दिग्विजय सिंह जैसे कुछेक ही ऐसे नेता हैं जो भाजपा और आरएसएस को सीधे टक्कर देते हैं और खुले मंच से उनकी आलोचना करने में नहीं हिचकिचाते।

इसके अलावा कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा पर भी दिग्विजय सिंह ने खासी मेहनत की और इसे सफल बनाया है। वहीं वे कांग्रेस आलाकमान और बागी नेताओं से भी अच्छे संबंध रखते हैं। इसके अलावा विपक्ष में भी उनके अच्छे संबंध हैं।

लेकिन गहलोत के रुख़ से साफ हो गया है कि वे अपने ही जूनियर नेता सचिन पायलट को मुख्यमंत्री की कुर्सी नहीं देना चाहते हैं ऐसे में कांग्रेस आलाकमान उनसे खासा नाराज है। इस नाराजगी के बीच आज गहलोत सोनिया गांधी से मिलने के लिए दिल्ली पहुंच रहे हैं। बताया जा रहा है कि उनकी ये मुलाकात अपनी बिगड़ी हुई छवि सुधारने के लिए हो सकती है।

इससे कुछ घंटों पहले गहलोत ने डैमेज कंट्रोल की कोशिश भी की उन्होंने कहा कि कांग्रेस में हुई ये कलह हमारा आपसी मसला है और हम आपस में ही इसे सुलझा लेंगे।

First Published on: September 29, 2022 11:56 AM