कांग्रेस किसानों के साथ, बीस जनवरी को करेंगे बड़ा प्रदर्शनः जीतू पटवारी

पटवारी ने कहा कि कमलनाथ जी ने सभी किसानों से प्रार्थना की है कि देश की राजधानी में प्रदेश में 20 तारीख को इकट्ठा हो और प्रार्थना करें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को सद्बुद्धि आए। 

jitu patwari convicted in riots act

इंदौर। किसान आदोंलन को लेकर अब कांग्रेस पार्टी प्रदेश में प्रदर्शन करेगी। इसके तहत बड़ी संख्या में किसानों को जोड़ा जाएगा। पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने बताया कि कमलनाथ जी ने यह निर्णय लिया है कि लगातार पूरे प्रदेश में किसान आंदोलन के सर्मथन में जनआंदोलन होंगे।

उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन में साठ से अधिक किसानों की मौत हो चुकी है और इससे भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर असर नहीं कर रहा है। उन्होंने केंद्र की हठधर्मिता की आलोचना की। उन्होंने कहा कि 20 जनवरी को किसानों के सर्मथन में प्रदेश की राजधानी में प्रदर्शन किया जाएगा और लाखों किसान इस दौरान एकसाथ आएंगे।

किसानों के समर्थन में कांग्रेस पार्टी प्रदेश में और देश की राजधानी में लाखों की संख्या में किसानों को इकट्ठा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भाजपा का आरोप लगाना कि कृषि बिल के खिलाफ कांग्रेस आंदोलन कर रही है पूरी तरह गलत है। कांग्रेस पार्टी केवल किसानों के साथ उनके समर्थन में खड़ी है यह आंदोलन किसानों का ही है।

पटवारी ने कहा कि कमलनाथ जी ने सभी किसानों से प्रार्थना की है कि देश की राजधानी में प्रदेश में 20 तारीख को इकट्ठा हो और प्रार्थना करें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को सद्बुद्धि आए।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पर निशाना साधते हुए पटवारी बोले कि सीएम शिवराज सिंह चौहान की हेडलाइन देखता हूं तो ऐसा लगता है कि उन्हें शौक है मीडिया में हेड लाइन बनाने। किसी दिन कहते हैं ठोक दो, किसी और दिन कहते हैं गाड़ दो ऐसे शब्द किसी मुख्यमंत्री को शोभा नहीं देते।

पटवारी ने माफिया राज के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज अक्सर माफिया राज खत्म करने की बात कर रहे हैं लेकिन पंद्रह साल से तो उनकी ही सरकार है फिर ये माफिया राज आया कैसे। एक ओर वे माफिया राज खत्म करने का कहते हैं तो दूसरी ओर दूसरी ओर बुधनी में कटनी में लगातार रेत का खनन हो रहा है।

पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री रहे जीतू पटवारी ने उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव के बारे में कहा कि मैंने उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस देखी थी। उन्होंने जो बातें कहीं वह मेरे कार्यकाल के आसपास की ही बातें थी। व्यवस्था आज भी वैसी ही है लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि अतिथि विद्वानों की वैकेंसी का क्या हुआ, पूर्व की सरकार में अतिथि विद्वानों के आमंत्रण पत्र बनाए गए थे फिर आज तक उन्हें आमंत्रित क्यों नहीं किया गया।

 

First Published on: January 5, 2021 6:43 PM