कमलनाथ की रिटायरमेंट की इच्छा के बाद क्या दिग्विजय पर होगी बात

 कमलनाथ ने इस बयान के बाद कांग्रेस के कई नेताओं में चिंता होना भी स्वाभाविक है क्योंकि फिलहाल उनके अलावा कोई बड़ा नेता प्रदेश कांग्रेस पार्टी में नहीं है। दूसरे बड़े और चर्चित नेता के तौर पर दिग्विजय सिंह जरुर याद आते हैं लेकिन वे भी इतनी ही उम्र के हैं और बहुत से कांग्रेस विधायकों के बीच उनकी अस्वीकार्यता काफ़ी बार सामने आ चुकी है।

भोपाल। प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर कमलनाथ सुर्ख़ियों में हैं। हालांकि इस बार ख़बर उनके रिटायर होने की है। एक दिन पहले छिंदवाड़ा में अपने सर्मथकों के बीच उन्होंने रिटायरमेंट की यह इच्छा ज़ाहिर की।

इसके बारे में जहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसे कमलनाथ का निजी फैसला बताया है तो वहीं कांग्रेसी नेताओं को एक चिंता में डाल दिया है क्योंकि कमलनाथ के बाद प्रदेश कांग्रेस को संभालने के लिए नेतृत्व खोजना आसान नहीं होगा।

कमलनाथ ने कहा कि उन्हें अब किसी पद की कोई अभिलाषा नहीं है, कोई लालच नहीं है क्योंकि वे काफी कुछ हांसिल कर चुके हैं और अब वे घर बैठने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि वे अब तक बहुत कुछ पा चुके हैं ऐसे में अब वे आराम करना चाहते हैं और फिर उन्होंने अपने सर्मथकों से पूछा क्या युवाओं की हालत देखते हुए उन्हें आराम करना चाहिए! इसके बाद सर्मथकों के बीच से नहीं-नहीं की आवाज़ आई।

सर्मथकों ने कमलनाथ की इस पेशकश पर भले ही न कहा हो लेकिन उनके इस बयान ने राजनीतिक कयासों को जन्म दे दिया है। राजनीति में कयास लगाए लगाए जा रहे हैं कि क्या कमलनाथ पहले कुर्सी छिनने और बाद में उपचुनाव में हार के बाद टूट गए हैं और रिटायर होना चाह रहे हैं।

कमलनाथ 74 साल के हो चुके हैं और यह साल उनके लिए काफ़ी ख़राब साबित हुआ है जहां उन्हें दो बार हार का सामना करना पड़ा है। इस दौरान कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने भी उनका एक के बाद एक साथ छोड़ा और कमलनाथ पार्टी को एकजुट रखने में कोई बहुत कामयाब नहीं रहे।

इस बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का बयान आया है कि उन्होंने कहा है कि अगर कमलनाथ रिटायर होना चाहते हैं तो यह उनकी मर्ज़ी है उनका निजी फैसला है। इसमें दख़ल नहीं देना चाहिए।

कमलनाथ ने इस बयान के बाद कांग्रेस के कई नेताओं में चिंता होना भी स्वाभाविक है क्योंकि फिलहाल उनके अलावा कोई बड़ा नेता प्रदेश कांग्रेस पार्टी में नहीं है। दूसरे बड़े और चर्चित नेता के तौर पर दिग्विजय सिंह जरुर याद आते हैं लेकिन वे भी इतनी ही उम्र के हैं और बहुत से कांग्रेस विधायकों के बीच उनकी अस्वीकार्यता काफ़ी बार सामने आ चुकी है।

मालवा क्षेत्र में पकड़ रखने वाले सज्जन सिंह वर्मा और आदिवासी नेता उमंग सिंघार पहले ही दिग्विजय सिंह की नीतियों से मतभेद रखते हैं और सिंघार तो खुलकर उनके खिलाफ़ कांग्रेस सरकार के दौरान ही बोल चुके हैं। इसके अलावा कमलनाथ सरकार के गिरने के बाद भी कई बार ख़बरें आईं कि दिग्विजय सिंह ने उन्हें भरोसे में रखा और सरकार बचाने के लिए समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए जा सके।

मौजूदा परिस्थितियों में प्रदेश कांग्रेस के अंदर दिग्विजय सिंह सर्वमान्य नेता नहीं कहे जा सकते। ज़ाहिर है कमलनाथ की ग़ैरमौजूदगी में कांग्रेसी नेताओं के बीच सामांजस्य कठिन काम होगा और उनके रिटायरमेंट की ख़बर से वे निराश ज़रूर होंगे।

First Published on: December 15, 2020 10:39 AM