हर दसवां इंसान ChatGPT का दीवाना: जानिए दुनिया कैसे जी रही है AI के साथ


दुनिया की 10% आबादी ChatGPT से जुड़ी! जानिए कैसे AI बदल रहा है हमारी सोच, काम और रिश्ते — OpenAI रिपोर्ट 2025 में खुलासा।


DeshGaon
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दुनिया बदल रही है — और इस बार क्रांति की वजह कोई देश या नेता नहीं, बल्कि एक चैटबॉट है। OpenAI की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, अब दुनिया की 10% आबादी ChatGPT का किसी न किसी रूप में उपयोग कर रही है। कभी होमवर्क के लिए, कभी नौकरी के काम के लिए, तो कभी बस बातें करने के लिए। तीन साल पहले तक जिसे “भविष्य की तकनीक” कहा जाता था, वो अब हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा बन चुकी है।


🤖 ChatGPT अब सिर्फ़ काम का टूल नहीं, साथी बन चुका है

रिपोर्ट बताती है कि अब 73% लोग ChatGPT को निजी जीवन में इस्तेमाल कर रहे हैं।
पहले यह सिर्फ़ ईमेल या रिपोर्ट लिखने का टूल था,
लेकिन अब यह “AI दोस्त” बन चुका है —
जो सलाह देता है, मन बहलाता है, और कभी-कभी रिश्तों पर राय भी दे देता है।

कई देशों में युवा पीढ़ी इसे “डिजिटल मेंटर” की तरह इस्तेमाल कर रही है —
कोई आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए, तो कोई करियर की दिशा जानने के लिए।


सीखना, लिखना और सलाह लेना — यही हैं नए ट्रेंड्स

OpenAI के डेटा के अनुसार, ChatGPT पर होने वाली 78% बातचीत तीन विषयों पर केंद्रित है — सीखना, लेखन और जानकारी पाना।
यह अब Google Search का विकल्प बनता जा रहा है,
क्योंकि लोग सीधे पूछना पसंद करते हैं,
न कि दर्जनों वेबसाइट्स पर भटकना।

दिलचस्प यह भी है कि सिर्फ़ 27% यूज़र इसे दफ्तर या पेशेवर काम के लिए इस्तेमाल करते हैं,
बाक़ी सब इसे आत्म-खोज, रचनात्मक लेखन और सीखने का माध्यम बना चुके हैं।


Gen Z बना ‘AI Generation’

रिपोर्ट के मुताबिक, आधा ट्रैफ़िक Gen Z (18–25 वर्ष) से आता है।
यह वही पीढ़ी है जो किताबों की जगह ChatGPT से जवाब ढूंढती है।
कई विशेषज्ञ इसे “ज्ञान की फास्ट फूड पीढ़ी” कह रहे हैं —
जहां जानकारी तुरंत मिलती है, लेकिन गहराई कम होती जा रही है।

फिर भी, यह पीढ़ी टेक्नोलॉजी को अपनाने में सबसे तेज़ और आत्मविश्वासी है।
AI उनके लिए शिक्षक भी है और साथी भी।


काम की दुनिया में ChatGPT बना नया एडिटर

ChatGPT से लिखवाने की बजाय लोग अब उसे एडिटिंग और री-राइटिंग के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।
यानि कि AI अब लेखक से ज़्यादा संपादक बन चुका है।

“Editing is the new Writing.”
— OpenAI रिपोर्ट 2025

अब इंसान दिशा देता है, और AI उसे निखारता है।
टेक जगत में यह बदलाव नई कार्यसंस्कृति की ओर इशारा कर रहा है —
जहां सहयोग इंसान और मशीन के बीच का नया पुल बन गया है।


AI ने मिटाई जेंडर की दीवारें

रिपोर्ट के शुरुआती महीनों में ChatGPT यूज़र्स में 80% पुरुष थे,
लेकिन अब यह अंतर लगभग समाप्त हो चुका है।
अब महिला यूज़र्स की हिस्सेदारी 48% तक पहुंच चुकी है।
वे लेखन, करियर गाइडेंस और रचनात्मक विषयों में ज़्यादा सक्रिय हैं।

AI अब केवल “टेक गैजेट” नहीं रहा —
बल्कि हर वर्ग, हर जेंडर का ज्ञान साथी बन चुका है।


क्या हम सोचने की आदत खो रहे हैं?

रिपोर्ट के निष्कर्ष जितने रोमांचक हैं, उतने ही चेतावनी भरे भी।
कई विशेषज्ञों का कहना है —

“AI हमें तेज़ बना रहा है, लेकिन शायद कम गहराई वाला भी।”

यानी मशीन अब सोचने का काम कर रही है,
और इंसान जवाब पर भरोसा करने लगा है।

भविष्य उन्हीं का होगा जो ChatGPT का इस्तेमाल “सोचने के लिए” करेंगे,
न कि “सोचने की जगह।”

कुल मिलाकर अब ChatGPT सिर्फ़ एक प्रोग्राम नहीं रहा, यह अब इंसान की आवाज़, सवाल और सोच का हिस्सा बन चुका है। OpenAI की रिपोर्ट यह बताती है कि आने वाले समय में AI का असर ऑफिस से ज़्यादा दिमाग और दिल दोनों पर पड़ेगा। दुनिया बदल रही है — और इस बार इसका चेहरा है एक चैटबॉट।