बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के आसपास के क्षेत्र में शनिवार को हाथियों ने कहर बरपाया, इन हाथियों ने तीन लोगों को कुचल दिया गया। इनमें से दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक अन्य गंभीर रूप से घायल है।
देवरा गांव में बुजुर्ग की मौत
यह हादसा शनिवार सुबह उमरिया जिले के देवरा गांव में हुआ, जो एनएच-43 के पास स्थित है। यहां 65 वर्षीय रामरतन यादव सुबह शौच के लिए बाहर गए थे, तभी अचानक जंगली हाथियों ने उन पर हमला कर दिया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद बगदरी तलैया में भैरव कोल (35) को भी हाथियों ने कुचलकर मार डाला।
पहले भी हुई हैं हाथियों की हिंसक घटनाएं
हाथियों की हिंसक घटनाओं की श्रृंखला यहीं खत्म नहीं हुई। चंदिया कॉलेज के पास हाथियों ने दो गाड़ियों और खेत में बनी मचान को भी तहस-नहस कर दिया। इसी दौरान मालू साहू नामक एक किसान, जो खेत में धान की कटाई कर रहा था, हाथियों की चपेट में आकर घायल हो गया। इस भयावह घटना के बाद वन विभाग ने ग्रामीणों से जंगल में न जाने की अपील की है।
वन विभाग का हाथियों पर नजर रखने का प्रयास
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में पिछले तीन दिनों में ही दस हाथियों की मौत हो चुकी है, जिनमें से ज्यादातर का शव खितोली रेंज के अंतर्गत पाया गया है। वन विभाग का अनुमान है कि 13 हाथियों के झुंड में से अब केवल तीन ही बचे हैं। इन हाथियों की हरकतों में असामान्यता देखी जा रही है और विभाग लगातार उनकी ट्रैकिंग कर रहा है। उमरिया और कटनी जिले की फॉरेस्ट रेंज टीमें मौके पर पहुंच चुकी हैं, जहां लगभग 50 से अधिक वन अधिकारी और कर्मचारी तैनात किए गए हैं।
कोदो की फसल पर है शक
वन अधिकारियों का मानना है कि हाथियों की अचानक हुई इन मौतों का कारण कोदो की फसल हो सकती है, जो उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है। इस आशंका के चलते विभाग इस फसल को नष्ट करवा रहा है ताकि अन्य हाथियों को सुरक्षित रखा जा सके।
बांधवगढ़ में पहले कभी नहीं देखी गई ऐसी स्थिति
वन अधिकारियों के अनुसार, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में पहले कभी हाथियों का ऐसा व्यवहार देखने को नहीं मिला था। फिलहाल बचे हुए तीन हाथियों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है, जो हाल ही में कटनी जिले की ओर बढ़ते देखे गए हैं। वन विभाग का कहना है कि जांच के बाद ही पूरी स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।



























