चुनाव से पहले एक और घोषणाः सीएम शिवराज ने अब अतिथि विद्वानों-व्याख्याताओं के लिए खोला पिटारा, 50 हजार वेतन और भी कई लाभ


अतिथि व्यख्याताओं की महापंचायत, अब घोषणाओं के लागू होने का इंतज़ार


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भोपाल। विधानसभा चुनावों से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हर वर्ग के कर्मचारियों को खुश करने की कोशिश में है। संविदा कर्मचारियों, अथिति शिक्षकों के बाद अब सीएम ने अतिथि विद्वानों की ओर देखा है और उनके लिए कुछ महत्वपूर्ण सौगातें दी हैं। सोमवार को मुख्यमंत्री सिंह ने अतिथि विद्वानों को संबोधित करते हुए उनकी नाराजगी कम करने की कोशिश की।

सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर अतिथि विद्वानों एवं अतिथि व्याख्याताओं की महापंचायत का आयोजन किया गया। यहां सीएम शिवराज सिंह ने कई घोषणाएं कीं। इनमें सबसे राहत भरी घोषणा रही कि अब अतिथि विद्वानों को अब दैनिक मानदेय के स्थान पर मासिक वेतन देने का फैसला लिया गया। यह वेतन 50 हजार तक होगा। इसके अलावा इन विद्वानों को शासकीय कर्मचारियों की तरह ही छुट्टियां मिल सकेंगी। सीएम ने स्पष्ट किया कि यह घोषणा तकनीकी विद्वानों यानी आईटीआई में पढ़ाने वाले विद्वानों के लिए भी है।

सीएम ने आगे कहा कि अतिथि विद्वानों के लिए पीएससी की परीक्षा में अब 25 प्रतिशत पदों पर आरक्षण दिया जाएगा। अतिथि विद्वानों को अभी प्रतिवर्ष चार और अधिकतम 20 अतिरिक्त अंक दिए जाते हैं और पेपर 900 नंबर का होता है। इसको बढ़ाकर अधिकतम 10 प्रतिशत तक अंक कर दिए जाएंगे। इसके साथ ही उन सभी विद्वानों को अकादमिक सत्र के दौरान अपने आसपास के क्षेत्र के मनचाहे कॉलेज में ट्रांसफर लेने की भी सुविधा रहेगी। इसके अलावा सीएम की सबसे अहम घोषणा रही कि अब किसी भी अतिथि विद्वान को बाहर नहीं किया जाएगा बशर्ते उनका कार्यकाल न्यूनतम चार साल का होना चाहिए। सीएम ने कहा कि अब ऐसी व्यवस्था बनाएंगे कि फालएन आउट की नौबत ही नहीं आएगी।



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