महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन की शानदार जीत के कुछ दिनों बाद, बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को मुंबई के आजाद मैदान में आयोजित शानदार समारोह में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके साथ शिवसेना के एकनाथ शिंदे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अजीत पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
इस शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों, उपमुख्यमंत्रियों और केंद्रीय मंत्रियों की मौजूदगी रही। इनके साथ ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सहयोगी दलों के नेता भी मौजूद रहे।
मंत्रिमंडल विस्तार अभी बाकी
हालांकि, महायुति को 288 सीटों वाली विधानसभा में 230 सीटों पर प्रचंड बहुमत मिला है, लेकिन शपथ ग्रहण समारोह में सिर्फ मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्रियों को ही शपथ दिलाई गई। ऐसा माना जा रहा है कि मंत्री पदों के बंटवारे को लेकर अभी भी चर्चा जारी है। बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी गठबंधन की सरकार में गुरुवार को किसी अन्य नेता को शपथ नहीं दिलाई गई। महाराष्ट्र में नियमों के मुताबिक, मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री सहित अधिकतम 43 मंत्री हो सकते हैं।

देवेंद्र फडणवीस बने तीसरी बार मुख्यमंत्री
देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को राज्य बीजेपी विधायी दल के नेता के रूप में चुने जाने के बाद तीसरी बार मुख्यमंत्री पद संभाला। 2014 में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फडणवीस को मुख्यमंत्री पद के लिए चुना था, जब उन्होंने बीजेपी को 122 सीटों की ऐतिहासिक जीत दिलाई थी। उन्होंने पांच साल तक इस पद पर कार्यभार संभाला। 2019 में, फडणवीस ने अजीत पवार के साथ मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी, लेकिन यह सरकार मात्र 72 घंटे ही टिक पाई थी।

एकनाथ शिंदे का अंतिम समय पर निर्णय
एकनाथ शिंदे ने उपमुख्यमंत्री पद स्वीकार करने का निर्णय शपथ ग्रहण से कुछ मिनट पहले लिया, जब अमित शाह मुंबई पहुंचे। शिंदे, जो 2022 से 2024 तक मुख्यमंत्री रह चुके हैं, ने पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री पद न मिलने पर नाराजगी जाहिर की थी। इस शपथ ग्रहण समारोह के साथ, महाराष्ट्र में एक नई राजनीतिक संरचना की शुरुआत हुई है, लेकिन यह देखना बाकी है कि तीनों दलों के बीच मंत्रिमंडल के विभाग कैसे बांटे जाएंगे।



























