‘डिजी यात्रा’ ऐप का 1.6 लाख से भी अधिक हवाई यात्रियों ने किया इस्तेमाल

डिजी यात्रा का उपयोग करने वाले यात्रियों की संख्या में निरंतर वृद्धि हुई हो रही है। डिजी यात्रा ऐप क्या है और यह कैसे काम करता है इस पर हम इस लेख में नजर डालेंगे...

digi yatra app

नई दिल्ली। हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों को हवाईअड्डे पर चेक इन या बोर्डिंग में कई बार घंटों का समय लग जाता है। हवाई यात्रियों को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने यात्रियों के लिए डिजी यात्रा ऐप लॉन्च किया।

इस ऐप के जरिये यात्री ऑनलाइन कुछ ही मिनटों में अपने चेक इन की प्रक्रिया को पूरी कर सकते हैं। इसी सुलभता के कारण अब तक 1.6 लाख से भी अधिक हवाई यात्रियों ने ‘डिजी यात्रा’ का उपयोग किया है।

एंड्रॉयड प्ले स्टोर और आईओएस एप्पल ऐप स्टोर पर डिजी यात्रा के कुल उपयोगकर्ताओं की संख्या 4.22 लाख को पार कर गई है। डिजी यात्रा का उपयोग करने वाले यात्रियों की संख्या में निरंतर वृद्धि हुई हो रही है।

डिजी यात्रा ऐप क्या है और यह कैसे काम करता है इस पर हम इस लेख में नजर डालेंगे…

‘डिजी यात्रा’ क्या है –

डिजी यात्रा एक बायोमेट्रिक बोर्डिंग प्रणाली है जो हवाई अड्डों पर यात्रियों को सहज और परेशानी मुक्त अनुभव प्रदान करने के लिए चेहरे की पहचान तकनीक का उपयोग करती है।

चूंकि इसके तहत अनेक टचप्वाइंट्स पर टिकट एवं आईडी का सत्यापन कराने की आवश्यकता समाप्त हो जाती है, इससे कागजी टिकट साथ लेकर चलने के झंझट और चेक-इन की लंबी कतार से भी मुक्ति मिल जाती है।

इस सुविधा के आ जाने से अब एयरपोर्ट पर यात्रियों की लम्बी-लम्बी कतारें नहीं देखने को मिलती है। ऐसे में यात्रियों को निर्बाध और परेशानी मुक्त अनुभव यात्रा का कहीं ज्यादा सुखद अनुभव होता है।

यही नहीं, इसके तहत एक डिजिटल फ्रेमवर्क का उपयोग किया जाता है जिससे मौजूदा बुनियादी ढांचागत सुविधाओं के जरिए ही कहीं ज्यादा यात्रियों का आवागमन सुनिश्चित हो जाता है।

कब हुई इसकी शुरुआत –

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 1 दिसंबर 2022 को दिल्ली हवाई अड्डे पर चेहरे की पहचान के आधार पर हवाई यात्रियों को प्रवेश देने वाली सुविधा ‘डिजी यात्रा’ की शुरुआत की थी।

डिजी यात्रा को समस्त हवाई अड्डों पर चरणबद्ध तरीके से लॉन्च किया जा रहा है। प्रथम चरण में इसे दिल्ली, बेंगलुरु और वाराणसी हवाई अड्डों पर लॉन्च किया गया था।

प्रथम चरण में ही डिजी यात्रा को मार्च 2023 तक कोलकाता, पुणे, विजयवाड़ा और हैदराबाद हवाई अड्डों पर भी लॉन्च करने की योजना बनाई गई है।

कितना सुरक्षित है यह ऐप –

डिजी यात्रा एक स्वैच्छिक सुविधा है। डिजी यात्रा प्रक्रिया में यात्रियों की व्यक्तिगत पहचान योग्य सूचना डेटा का कोई सेंट्रल स्टोरेज नहीं होता है। हवाई यात्री के सभी डेटा को एन्क्रिप्ट किया जाता है एवं इसे यात्री के स्मार्टफोन के वॉलेट में स्टोर किया जाता है।

इसे केवल एक सीमित समयावधि के लिए यात्रा के आरंभिक या मूल स्‍थान वाले हवाई अड्डे के साथ साझा किया जाता है जहां यात्री की डिजी यात्रा आईडी को सत्यापित करने की आवश्यकता होती है। इस डेटा को उड़ान के 24 घंटे के भीतर ही संबंधित सिस्टम से हटा दिया जाता है।

कैसे तैयार किया गया डिजी यात्रा इकोसिस्टम –

उल्लेखनीय है कि कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 8 के तहत 2019 में एक संयुक्त उद्यम कंपनी के तौर पर डिजी यात्रा फाउंडेशन (डीवाईएफ) को स्थापित किया गया है।

इसके शेयरधारक एएआई (26% शेयर) और बीआईएएल, डीआईएएल, जीएचआईएएल, एमआईएएल और सीआईएएल हैं। इन 5 शेयरधारकों के पास शेष 74% शेयर समान रूप से हैं।

इस फाउंडेशन को डिजी यात्रा सेंट्रल इकोसिस्टम (डीवाईसीई) निर्मित करने के मकसद से बनाया गया था। डिजी यात्रा फाउंडेशन दरअसल एक अखिल भारतीय इकाई और यात्री आईडी सत्यापन प्रक्रिया का संरक्षक होगा।

ये भारत में विमानन हितधारकों के बीच आम सहमति भी विकसित करेगा। ये स्थानीय हवाई अड्डा प्रणालियों के अनुपालन और दिशा-निर्देशों के मानदंडों को भी परिभाषित करेगा।

ये संयुक्त उद्यम, स्थानीय हवाई अड्डा बायोमेट्रिक बोर्डिंग प्रणाली (बीबीएस) के लिए डिजी यात्रा दिशा-निर्देशों द्वारा परिभाषित विभिन्न अनुपालनों और दिशा-निर्देशों (सुरक्षा, इमेज क्वालिटी, डेटा की गोपनीयता पर दिशा-निर्देश सहित) के नियमित ऑडिट करेगा।

डिजी यात्रा सुविधा का लाभ कैसे उठाएं –

यात्रियों को आधार-आधारित सत्यापन का उपयोग करते हुए और एक सेल्फी अपलोड करते हुए डिजी यात्रा एप पर अपना विवरण दर्ज करना होता है। इसके बाद, बोर्डिंग पास को स्कैन करना होगा और क्रेडेंशियल्स को हवाई अड्डे के साथ साझा करना होगा।

एयरपोर्ट ई-गेट पर यात्री को पहले बार कोडेड बोर्डिंग पास को स्कैन करना होगा। ई-गेट पर स्थापित चेहरे की पहचान प्रणाली तब यात्री की पहचान और यात्रा दस्तावेज को मान्य करेगी।

एक बार यह प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद यात्री ई-गेट से एयरपोर्ट में प्रवेश कर सकता है। यात्री को सिक्योरिटी क्लीयरेंस और विमान में सवार होने के लिए सामान्य प्रक्रिया का पालन करना होगा।

डिजी यात्रा ऐप के साथ, भारत अब लंदन में हीथ्रो और संयुक्त राज्य अमेरिका में अटलांटा जैसे विश्व स्तरीय हवाई अड्डों की श्रेणी में खड़ा हो गया है।

इस प्रौद्योगिकी के कारण यात्रियों के समय में 40 प्रतिशत तक की बचत हुई है। इससे भारतीय प्रणाली को प्रवेश से निकास तक कहीं अधिक निर्बाध बनाया गया है और इसलिए यह दुनिया भर में सबसे कुशल प्रणालियों में से एक होगी।

डिजी यात्रा के साथ, भारत हवाई अड्डों पर एक सहज, परेशानी मुक्त और स्वास्थ्य जोखिम मुक्त प्रक्रिया के लिए एक नया वैश्विक मानक स्थापित कर रहा है।

First Published on: February 24, 2023 10:29 AM