कुश्ती संघ के अध्यक्ष भाजपा सांसद ब्रजभूषण सिंह के खिलाफ़ दूसरे दिन भी धरने पर बैठे सैकड़ों पहलवान

हलवान विनेश फोगट ने कहा कि जांच होनी चाहिए लेकिन उससे पहले अध्यक्ष को अपना पद छोड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम अपनी कुश्ती छोड़कर बैठे हैं तो क्या वे अपना पद नहीं छोड़ सकते!

नई दिल्ली। रेसलिंग फेडरेशन के प्रमुख भाजपा सांसद ब्रज भूषण सिंह पर यौन उत्पीड़न और मनमानी के आरोप लगा रहे सैकड़ों नामी पहलवान दूसरे दिन भी धरने पर बैठे रहे। जंतर मंतर पर चल रहे इस धरने में गुरुवार को कई राजनीतिक हस्तियां भी पहुंची। हालांकि इन सभी को पहलवानों ने अपील की कि वे मंच पर न आए। इनमें सीपीएम वृंदा करात भी थीं।

गुरुवार को जंतर-मंतर पर करीब 200 से अधिक पहलवान विरोध प्रदर्शन करने पहुंचे। इनमें साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया, विनेश फोगट, अंशु मलिक, दीपक पुनिया, संगीता फोगट, सोनम मलिक और रवि दहिया जैसे कई नामी पहलवान शामिल रहे। वहीं बहुत से दूसरे पहलवानों ने भी इन्हें अपना सर्मथन दिया।

धरना स्थल पर विनेश फोगट

स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने इन खिलाड़ियों को मिलने के लिए बुलाया था लेकिन इस मुलाकात का कोई खास नतीजा नहीं निकला। पहलवानों के निशाने पर कुश्ती संघ के प्रमुख  भाजपा सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह हैं। जिन्हें खुद भी अपनी सुरक्षा की चिंता सता रही है ऐसे में उनके घर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

भाजपा सांसद पर आरोप लगाने वाली पहलवान विनेश फोगट ने कहा कि जांच होनी चाहिए लेकिन उससे पहले अध्यक्ष को अपना पद छोड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम अपनी कुश्ती छोड़कर बैठे हैं तो क्या वे अपना पद नहीं छोड़ सकते।

 

इन नामी खिलाड़ियों के इन आरोपों पर खेल मंत्रालय भी गंभीर है। जहां से कुश्ती संघ से तीन दिनों में जवाब मांगा गया है। महिलाओं के मुद्दों पर अमूमन मुखर रहने वाली भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी इस मामले पर चुप हैं और उनकी चुप्पी पर विपक्षी दल के नेता सवाल कर रहे हैं।

कांग्रेस नेत्री सुप्रिया श्रीनेत ने ट्वीट किया, ‘कहाँ हैं महिला और बाल विकास मंत्रालय की मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी? जो आपकी सरकार और सांसदों पर यौन शोषण का आरोप लगा रही हैं वो इस देश की बेटियाँ हैं जिन्होंने हिंदुस्तान का सिर गर्व से ऊँचा किया है। आपका नैतिक दिवालियापन और पाखंड पर तरस आता है स्मृति जी।’

इससे पहले नामी पहलवान और अब भाजपा में शामिल हो चुकीं बबीता फोगाट धरना स्थल पर पहुंची। वे यहां सरकार की ओर से मध्यस्थता करने पहुंचीं थीं और उन्होंने तमाम पहलवानों से बात की और आश्वासन दिया कि सरकार उनके साथ है और जल्दी ही कोई रास्ता निकलेगा।

First Published on: January 19, 2023 8:40 PM