नई दिल्ली। केंद्र सरकार देश को चिकित्सा पर्यटन का प्रमुख केन्द्र बनाने की दिशा में निरंतर काम कर रही है। केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने कहा कि चिकित्सा पर्यटन के क्षेत्र में आज भारत विश्व में 10वें स्थान पर है।
केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि चिकित्सा पर्यटन में सुधार के उद्देश्य से, पर्यटन मंत्रालय ने 2022 में चिकित्सा और कल्याण पर्यटन के लिए एक राष्ट्रीय रणनीति और रोडमैप तैयार किया है।
मेडिकल टूरिज्म एसोसिएशन ने विश्व के 46 गंतव्यों में मेडिकल टूरिज्म इंडेक्स (MTI) 2020-2021 में भारत को 10वें स्थान पर रखा है। इस रिपोर्ट के अनुसार चिकित्सा उद्देश्य से विदेशी पर्यटकों का आगमन 2020 में 1.83 लाख से बढ़कर 2021 में 3.04 लाख हो गया है।
वेलनेस पर्यटन के लिए राष्ट्रीय कार्यनीति –
केंद्र सरकार ने देश में चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चिकित्सा और वेलनेस पर्यटन के लिए एक राष्ट्रीय कार्यनीति और रूपरेखा तैयार की है।
इसमें मुख्य रूप से भारत को वेलनेस डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करना, चिकित्सा और कल्याण पर्यटन के लिए पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना, ऑनलाइन मेडिकल वैल्यू ट्रैवल (MVT) पोर्टल की स्थापना करके डिजिटलाइजेशन को सक्षम करना, मेडिकल वैल्यू ट्रैवल को बढ़ावा देना, वेलनेस टूरिज्म को बढ़ावा देना शामिल है।
ई-पर्यटक वीजा स्कीम को बनाया उदार –
केंद्र सरकार देश में चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा देने पर काम कर रही है जिसके लिए केंद्र सरकार ने पर्यटक वीजा ( ETV) स्कीम को उदार बनाया है।
आपको बता दें कि 2020 में भारत का चिकित्सा पर्यटन बाजार करीब 66 अरब डॉलर का था और केंद्र सरकार 2026 तक 13 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य है।
पीएम मोदी ने कहा था कि चिकित्सा पर्यटन देश में एक बड़े क्षेत्र के रूप में उभरा है। इसने अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के साथ-साथ रोजगार को भी बढ़ाया है। हमें इसे और अधिक मजबूत करने की दिशा में काम करना चाहिए।
मेडिकल टूरिज्म के लाभ –
मेडिकल टूरिज्म के माध्यम से बहुमूल्य विदेशी मुद्रा अर्जित किया जा सकता है। इसके अलावा चिकित्सा पर्यटन से नये रोजगारों का सृजन भी होता है। इससे कम लागत पर उच्च स्वास्थ्य सुविधाओं की नैदानिक परिणामों के साथ उच्च गुणवत्ता वाले उपचार प्राप्त किया जा सकता है।
भारत में आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, होम्योपैथी, यूनानी, सिद्ध आदि जैसे समग्र उपचार की उपलब्धता का मिलना संभव होता है। मेडिकल टूरिस्ट कम लागत पर जटिल तकनीक का लाभ उठा सकते हैं।

















