शिवराज सरकार ने ऑक्‍सीजन परिवहन के लिए थाईलैंड से मंगवाए आठ क्रायोजेनिक टैंकर


प्रदेश की शिवराज सरकार ने ऑक्‍सीजन के परिवहन में टैंकरों की कमी को देखते हुए आइनॉक्‍स एयर प्रोडक्‍ट के जरिये थाईलैंड से 8 क्रायोजेनिक टैंकर मंगवाए हैं। इनके आने से ऑक्‍सीजन की सप्‍लाई सुचारू रूप से होने की उम्मीद है।


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भोपाल। प्रदेश की शिवराज सरकार ने ऑक्‍सीजन के परिवहन में टैंकरों की कमी को देखते हुए आइनॉक्‍स एयर प्रोडक्‍ट के जरिये थाईलैंड से 8 क्रायोजेनिक टैंकर मंगवाए हैं। इनके आने से ऑक्‍सीजन की सप्‍लाई सुचारू रूप से होने की उम्मीद है।

जानकारी के मुताबिक, ये क्रायोजेनिक टैंकर देश की 45 से ज्‍यादा ऑक्‍सीजन उत्‍पादन कंपनियों से मध्यप्रदेश को ऑक्‍सीजन उपलब्‍ध कराएंगे। हालांकि, एमपी के बाबई में 200 मीट्रिक टन ऑक्‍सीजन उत्‍पादन वाला प्‍लांट बनकर तैयार होने के बाद बाहर से ऑक्‍सीजन मंगवाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

क्रायोजेनिक टैंकर एक विशेष तकनीक से बनाए जाते हैं, जो कि टैंकर के अंदर की गैस बाहरी तापमान के कारण प्रभावित नहीं होने देते हैं। इन टैंकरों में लिक्विड ऑक्सीजन, लिक्विड हाइड्रोजन, नाइट्रोजन, हीलियम आदि का परिवहन किया जा सकता है।

ऑक्सीजन को टैंकर में बहुत कम तापमान (माइनस डिग्री) पर रखा जाता है। इस टैंकर में दो परतें होती हैं। अंदर वाली परत में लिक्विड ऑक्सीजन होती है। दोनों परतों के बीच निर्वात जैसी स्थिति रखी जाती है, ताकि बाहर के वातावरण की गर्मी गैस तक न पहुंच सके।

लिक्विड ऑक्सीजन को गैस के रूप में बदलने के लिए वाष्पीकरण की तकनीक अपनाई जाती है। इसके लिए ऑक्सीजन प्लांट में उपकरण होते हैं। जैसे ही तापमान बढ़ता है, लिक्विड ऑक्सीजन गैस के रूप में बदलने लगती है।

इसे सिलिंडर में भरने के लिए प्रेशर तकनीक अपनाई जाती है। छोटे सिलिंडर में कम दबाव तथा बड़े सिलिंडर में अधिक दबाव से गैस भरी जाती है।



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