गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन करेंगे प्रदेश के बिजली कर्मचारी, 6 अक्टूबर से बड़ी हड़ताल की तैयारी


कई कर्मचारी संगठन एक साथ इस प्रदर्शन में शामिल हो रहे हैं


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उनकी बात Published On :

भोपाल। प्रदेश के बिजली कर्मचारी पिछले काफी समय से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करते आ रहे हैं। अब एक बार फिर ये कर्मचारी आंदोलन पर अड़े हुए हैं। इस बार गांधी जयंती पर बिजली कर्मचारी अपनी मांगों के लिए इस प्रदर्शन की शुरूआत करेंगे। बिजली कर्मचारी प्रदेशभर में गांधी प्रतिमाओं के सामने शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करेंगे। इस दौरान उपवास और भजन किया जाएगा। इन कर्मचारियों के मुताबिक इसी गांधीवादी तरीके से वे अपनी लड़ाई जीतने की कोशिश करेंगे। इन कर्मचारियों का कहना है कि अगर इनकी मांगें नहीं मानी जाती हैं तो ये कर्मी 6 अक्टूबर से हड़ताल पर जाएंगे।

इस हड़ताल में बिजली कर्मचारियों के लगभग सभी अहम संगठन शामिल हो रहे हैं। इनमें मध्य प्रदेश विद्युत मंडल अभियंता संघ, यूनाइटेड फोरम, पॉवर इंजीनियर्स एवं एम्पलाइज एसोसि‍एशन (PEEA) शामिल हैं। इन सभी ने विद्युत क्षेत्र को बचाने एवं नियमित, संविदा, आउटसोर्स, पेंशनर्स के हितों की रक्षा के लिए संयुक्त रूप से लड़ने का निर्णय लिया है।  इन मागों के लिए होने वाले प्रदर्शनों के लिए संगठनों ने जिलों में प्रभारी भी नियुक्त किए गए हैं।

बिजली कर्मचारियों की मांगें

* ज्वाइंट वेंचर एवं टीबीसीबी वापस लिया जाए।
* पेंशन की सुनिश्चित व्यवस्था, कंपनी नियुक्त कर्मियों को पुरानी पेंशन, डीआर और चतुर्थ वेतनमान के आदेश जारी किए जाएं।
* सातवें वेतनमान में 3 स्टार मैट्रिक्स विलोपित किया जाए।
* संविदा का नियमितिकरण एवं सुधार उपरांत वर्ष 2023 संविदा नीति लागू की जाए।
* आउटसोर्स की वेतनवृद्धि के साथ 20 लाख का दुर्घटना बीमा एवं 3 हजार रुपए जोखिम भत्ता दिया जाए।
* कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर कर मूल वेतन 25300/- से अधिक किया जाए। वर्ष 2018 के बाद के कनिष्ठ अभियंताओं की वेतन विसंगति दूर की जाए।
* उच्च शिक्षा प्राप्त कनिष्ठ अभियंताओं को सहायक अभियंता एवं कर्मचारियों को कनिष्ठ अभियंता की नियुक्ति हेतु नीति बनाई जाए। ट्रांसमिशन में आईटीआई कर्मचारियों को क्लास 4 की जगह क्लास 3 में रखा जाए।
* अन्य मांगें जैसे सभी वर्गों की वेतन विसंगतियां, अनुकंपा नियुक्ति में मध्यप्रदेश शासन अनुसार नीतियों में सुधार, कैसलेस मेडिक्लेम पॉलिसी, गृह जिले में स्थानांतरण, संगठनात्मक संरचना का पुनर्निरीक्षण किया जाए।



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