मूंग खरीदी की मांग में अर्धनग्न होकर लोटे किसान, सांसद देख रहे थे डांस — विरोध की यह दो तस्वीरें बहुत कुछ कहती हैं


मूंग की खरीदी नहीं होने पर नरसिंहपुर में किसानों ने अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किया, उसी वक्त सांसद दर्शन सिंह का डांस वीडियो वायरल हो गया।


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उनकी बात Updated On :

जब किसान अपने हक़ के लिए अर्धनग्न होकर ज़मीन पर लोट रहे हों, और उनका सांसद मंच पर बैठकर डांस देख रहा हो — तो यह सिर्फ विरोध नहीं, व्यवस्था का आईना होता है। नरसिंहपुर जिले में मूंग की समर्थन मूल्य पर खरीदी की मांग को लेकर किसानों ने अनोखा और हृदयविदारक प्रदर्शन किया। अर्धनग्न होकर, घुटनों के बल चलते हुए किसानों ने प्रशासनिक तंत्र को उनकी उपेक्षा का एहसास दिलाने की कोशिश की। वहीं, उसी समय का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें सांसद दर्शन सिंह एक समारोह में डांस कार्यक्रम का आनंद लेते दिख रहे हैं।

 

किसान बोले — मूंग नहीं खरीदी तो…

पिछले एक महीने से नरसिंहपुर और नर्मदापुरम के किसान मूंग खरीदी को लेकर सरकार से गुहार लगा रहे हैं। मंडियों में फसलें पड़ी हैं, भाव लागत से नीचे हैं और सरकारी खरीदी शुरू ही नहीं हुई। हालात ऐसे हैं कि किसान आत्मसम्मान छोड़कर अर्धनग्न होकर सड़कों पर उतरने को मजबूर हो गए। बुधवार को हुए इस विरोध में किसानों ने कहा:

 “हमने खेती में विश्वास करके मूंग बोई, अब हमें धोखा मिला है। सरकार यदि हमारी नहीं सुनेगी तो आने वाले चुनावों में हम भी उसे नहीं सुनेंगे।”

 

विरोध के बीच वायरल हुआ सांसद का वीडियो

इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो गया, जिसमें सांसद दर्शन सिंह एक समारोह में मंच पर बैठे हुए डांस परफॉर्मेंस देख रहे हैं और मुस्कुरा रहे हैं। यह वीडियो पिपरिया के एक भवन उद्घाटन कार्यक्रम का बताया जा रहा है। जहां सांसद को आमंत्रित किया गया था। लेकिन यह दृश्य किसानों को खटक गया।

फेसबुक, एक्स (ट्विटर) और इंस्टाग्राम पर इस वीडियो पर किसान और आमजन तीखी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।

किसान रंजीत कुमार कौरव ने लिखा:

आप किसान मोर्चा के अध्यक्ष हैं, किसानों की आवाज़ उठाना आपका फर्ज़ है, मंच पर बैठकर डांस देखना नहीं।”

 

कांग्रेस नेता रोहित पटेल की पोस्ट पर यूजर राहुल सिंह चंदेल ने लिखा:

“मतलब सांसद दर्शन कुछ और के दर्शन में व्यस्त हैं।”

 

 

किसानों की मांगें स्पष्ट हैं:

1. मूंग और उड़द की तत्काल समर्थन मूल्य पर खरीदी।

2. हर ब्लॉक व तहसील स्तर पर खरीदी केंद्र स्थापित हों।

3. पारदर्शी और समयबद्ध खरीदी प्रक्रिया।

4. भुगतान 7 दिन के भीतर सुनिश्चित हो।

5. बोनस की घोषणा की जाए।

सरकार चुप, विपक्ष हमलावर

अब तक सरकार की ओर से कोई ठोस आश्वासन नहीं आया है। मुख्यमंत्री कार्यालय और कृषि विभाग दोनों ही चुप्पी साधे हुए हैं। वहीं, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल सरकार को किसानों की उपेक्षा के लिए आड़े हाथों ले रहे हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक्स पर लिखा:



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