किसानों की दोगुनी आय का वादा भी एक जुमला! विधानसभा में भी दो साल बाद मिला जवाब


विधानसभा में साल 2021 में कांग्रेस विधायक हर्ष सिंह गेहलोत ने पूछा था सवाल, अब आया है जवाब


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उनकी बात Updated On :

भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 साल पहले किसानों की आय दोगुनी करने का संकल्प लिया था और संकल्प से देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और आम नागरिकों तक को जोड़ा था लेकिन आज तक यह संकल्प अधूरा है तमाम दावों के बाबजूद किसानों की स्थिति फिलहाल बहुत अच्छी नहीं कही जा सकती।

सरकार अब इसका जवाब देने के लिए तैयार नहीं है। ऐसे में किसानों की आय को लेकर किए गए वादों को भी जुमला कहा जा रहा है। किसानों की आय 5 वर्ष में दोगुनी करने का वादा किया गया था लेकिन, यह मियाद गुजर चुकी है। किसानों को अब तक फसलों के सही दाम नहीं मिल रहे हैं लेकिन सरकार अपने वादे पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।

पिछले दिनों मध्यप्रदेश विधानसभा में 2021 में बजट सत्र में इसी से संबंधित एक सवाल पूछा गया जिस पर सरकार का जवाब हैरान करने वाला है। यह जवाब बताता है कि किसानों की दोगुनी आय का वादा भी एक चुनावी जुमला था।

8 साल पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह वादा किया था कि वे किसानों की आय 5 साल में दोगुनी कर देंगे। इसे लेकर रतलाम के सैलाना से कांग्रेस के विधायक हर्ष विजय गहलोत ने 2021 में विधानसभा में कुछ सवाल पूछे थे। उन्होंने पूछा था कि क्या मुख्यमंत्री जी ने 8 साल पहले यह घोषणा की थी कि वह किसानों की आय 5 वर्ष में दोगुनी कर देंगे यदि हां तो यह बताएं कि 2013-14 में किसानों की वार्षिक आय क्या थी और 2019-20 में कितनी रही?

इसी सवाल में उन्होंने पूछा कि क्या मुख्यमंत्री जी के संज्ञान में यह बात है कि कृषि विभाग के पास किसानों की आय से संबंधी आंकड़े नहीं है यदि हां तो मुख्यमंत्री जी इस घोषणा की मॉनिटरिंग कौन कर रहा है?

कांग्रेस विधायक के जवाब में विधानसभा मैं सरकार ने जो जवाब दिया है उसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा 18 फरवरी 2016 को सीहोर के शेरपुर गांव में भाषण के दौरान कही गई एक बात को लिखा गया।

इसके अनुसार…

“भाइयों और बहनों हम संकल्प लें कि वर्ष 2022 तक हम किसानों की आय को दोगुना करके छोड़ेंगे वर्ष 2022 में भारत की आजादी के 75 साल पूरे होंगे प्रधानमंत्री सारे मुख्यमंत्री कृषि मंत्री राज्य सरकार हमारे सभी किसान और देश के सवा सौ करोड़ नागरिक यह बीड़ा उठाएं कि किसानों की आय दोगुनी करने के लिए जो भी करना पड़ेगा करेंगे हम सभी आज यह संदेश एवं संकल्प लेकर यहां से जाएं।”

भोपाल के युवा पत्रकार काशिफ काकवि ने अपने ट्वीट में इस बात को साझा किया है। उन्होंने विधानसभा में लगाए गए सवाल और उसके जवाब की जानकारी दोनों ही इस ट्वीट में दी हैं। उन्होंने यह भी बताया है कि इस दौरान किसानों की आय तो दुगनी नहीं हुई लेकिन फसल बीमा देने वाली कंपनियों का मुनाफा जरूर बढ़ गया।

प्रधानमंत्री के द्वारा किए गए इस वादे के बाद मध्यप्रदेश में किसानों की आय 2016- 17 से 20- 21 में दोगुनी करने के लिए एक रोडमैप भी बनाया 78 पेजों के इस रोडमैप को प्रदेश की नीति आयोग की वेबसाइट पर देखा जा सकता है।

फिलहाल किसानों की आखिरी ज्ञात आय स्थिति की बात करें तो सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय सांख्यिकी विभाग ने जो एक रिपोर्ट जारी की थी उसमें देश के ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि परिवारो का स्थिति आंकलन किया गया था जिसमें मध्य प्रदेश के किसानों की औसत आय 8339 रु प्रति माह यानी 100068 रु प्रति वर्ष है।

 



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