MP में शिक्षक भर्तीः काउंसलिंग का इंतज़ार कर रहे चयनित अभ्यर्थियों को सरकार ने दिया झटका!


18000 चयनित अभ्यर्थी कर रहे हैं नौकरी का इंतज़ार, रोज़गार के लिए प्रदेश में जारी है सत्याग्रह


DeshGaon
उनकी बात Updated On :
शिक्षक भर्ती के पात्र अभ्यर्थी पिछले दिनों इंदौर पहुंचे थे


इंदौर। भर्ती सत्याग्रह के साथ प्रदेश में अब भर्ती आंदोलन की तैयारी हो रही है इस बीच शिक्षक भर्ती के लिए चयनित अभ्यार्थियों ने जल्द से जल्द भर्ती के लिए सरकार पर दबाव बनाना शुरु कर दिया है लेकिन इस बीच सरकार ने इन शिक्षकों को बेहद परेशान करने वाला फैसला लिया है।

काउंसलिंग का इंतज़ार कर रहे चयनित अभ्यर्थियों को अब बताया गया है कि सामाजिक विज्ञान और विज्ञान विषय के लिए सरकार के पास पद नहीं हैं ऐसे में अभ्यर्थी पोर्टल पर ऑनलाइन प्रोफाइल अपडेट नहीं कर पाएंगे।

इन अभ्यर्थियों के लिए प्रोफाइल पंजीयन और दस्तावेज अपडेट करने की सुविधा नहीं मिली है। इसका सीधा सा मतलब ये है कि सरकार इन विषयों के शिक्षकों की भर्ती नहीं करने जा रही है जबकि नौकरी का इंतज़ार करने के लिए इन्हीं विषयों की विशेषज्ञता रखने वाले चयनित अभ्यर्थियों की संख्या सबसे अधिक है। इस नए फरमान के  बाद अभ्यर्थियों में खासा गुस्सा है और इसे लेकर ही ये अभ्यर्ती शुक्रवार को शिक्षा विभाग के सामने आंदोलन कर रहे हैं।

अभ्यर्थियों का कहना है कि जब सरकार के पास चयनित शिक्षकों के पास पद ही नहीं हैं तो नौकरी कहां मिलेगी। हालांकि सच ये है कि सरकार के पास इन विषयों के सबसे ज्यादा पद हैं लेकिन उन पर भर्ती करना मुश्किल है क्योंकि इतने वर्षों तक जो भर्ती प्रक्रिया नहीं पूरी की गई उसकी भरपाई स्कूलों में अतिथि शिक्षकों को रखकर की गई है।

नौकरी का इंतज़ार कर रहे जानकारी के मुताबिक सरकारी स्कूलों में विज्ञान और सामाजिक विज्ञान पढ़ाने वाले शिक्षकों की संख्या सबसे अधिक होती है और प्रदेश के स्कूलों में  करीब 10-12 हजार से अधिक अतिथि शिक्षक इन विषयों को पढ़ा रहे हैं।

ज़ाहिर है सरकार ने जिन लोगों को बेहद कम वेतन पर नौकरी दी है अब भर्ती प्रक्रिया अपनाने पर अतिथि शिक्षकों के रोजगार पर खतरा आ सकता है।  ऐसे में बड़े पैमाने पर शिक्षक अपना रोजगार गवाएंगे ऐसे में इन अभ्यर्थियों को अपने दस्तावेज अपलोड करने से मना किया गया है।

प्रदेश में शिक्षक पात्रता परीक्षा में चयनित अभ्यर्थियों की संख्या करीब 18000 है लेकिन इन्हें पिछले चार सालों से नौकरी नहीं मिली है।    प्रदेश में शिक्षकों की कमी पर कई रिपोर्ट आती रहीं हैं।

इस रिपोर्ट के मुताबिक…

  • प्रदेश के 21 हज़ार से अधिक स्कूलों में केवल एक-एक शिक्षक.
  • प्रदेश के सभी स्कूलों में करीब 87 हजार 630 शिक्षकों की जरूरत.
  • प्रदेश में पिछले बारह वर्षों में केवल दो बार ही शिक्षकों की भर्ती परीक्षा हुई.

सरकार के इस निर्णय से नाराज़ अभ्यर्थी लगातार अपना नाराज़गी सोशल मीडिया के ज़रिये सरकार तर पहुंचा रहे हैं। एक अभ्यर्थी रक्षा जैन बताती हैं कि एमपी ऑनलाइन के माध्यम से दस्तावेज अपलोड करवाने के लिए 50 से 100 रुपये तक लग रहे हैं। इसका कुछ हिस्सा सरकार को भी जाता है और इस तरह सरकार अभ्यर्थियों से फिर कमाई कर रही है।

अभ्यर्थियों के मुताबिक सरकार ने पहले ही दस्तावेज अपलोड करने के लिए कह दिया है लेकिन अब तक रिक्त पदों की जानकारी नहीं दी गई है। ऐसे में सभी अभ्यर्थियों ने अपने दस्तावेज अपलोड करना शुरु कर दिये थे।

 

 



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