कैबिनेट बैठक में नर्सिंग कॉलेजों के लिए कठिन नियम, मंत्रियों को बनानी होगी विभागों पर मज़बूत पकड़


कैबिनेट की इस पहली बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गए हैं। इनमें सबसे अहम निर्णय नर्सिंग कॉलेजों को लेकर एक प्रस्ताव है। जिसके बाद इन कॉलेजों में होने वाली अनियमितताओं को रोका जा सकेगा।


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गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक


भोपाल। उपचुनावों में भारतीय जनता पार्टी की जीत के बाद शिवराज सरकार की पहली कैबिनेट बैठक गुरुवार को हुई। इस बैठक में कई अहम निर्णय लिये गए हैं। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बैठक में लिये गए फैसलों पर जानकारी दी। मिश्रा के मुताबिक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी मंत्रियों को अब लगातार काम करने के लिए कहा गया है।

इसके साथ ही सभी विभागों की समीक्षा की जाएगी और उनके पर्फामेंस के आधार पर उन्हें रेटिंग दी जाएगी। इस बैठक में नर्सिंग कॉलेजों को लेकर एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पास किया गया है। जिसके तहत उनके लिए कई नए नियम तय किये गए हैं। प्रदेश सरकार के मुताबिक इस कदम के द्वारा नर्सिंग कॉलेजों की अनियमितताओं को रोकने का प्रयास होगा।

मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री ने तय किया है कि अब सोमवार को सभी मंत्रियों को अपने विभागों की प्रोग्रेस रिपोर्ट लेनी होगी और इसके आधार पर विभागवार समीक्षा की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश का रोड मैप तैयार है और मंत्री आराम से ना बैठें क्योंकि अब एक भी दिन गंवाने के लिए नहीं है। मुख्यमंत्री के द्वारा सभी मंत्रियों को अपने विभागों पर पकड़ मजबूत करने के लिए कहा गया है

बैठक में तय किया गया कि केंद्र सरकार की सभी योजनाओं में अच्छा प्रदर्शन करना होगा और सभी में पहले नंबर पर रहने के लिए उत्कृष्ट काम करने को कहा गया है।  समीक्षा के लिए  सीएम डैश बोर्ड का गठन भी किया गया है। इसमें हर विभाग की समीक्षा रिपोर्ट पेश की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने गुंडे बदमाशों और समाज पर कार्रवाई करने के लिए गृह विभाग को बधाई दी। इस दौरान उन्होंने ढोंगियों पर भी कारवाई को लेकर चर्चा की। यहां इंदौर, देवास नरसिंहपुर का भी ज़िक्र किया। उल्लेखनीय है कि इंदौर में कंप्यूटर बाबा पर प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई की है और इसके बाद उनसे जुड़े कई लोगों पर भी पुलिस और प्रशासन के द्वारा कार्रवाई जारी है। ये लोग गुंडा सूचि में शामिल बताए जाते हैं।

कैबिनेट की बैठक में नर्सिंग कॉलेजों पर भी नकेल कसने के लिए कुछ निर्णय किए गए हैं। इस संबंध में कैबिनेट ने प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। अब सभी नर्सिंग कॉलेजों को अपना एक अलग फिर पेरेंट हॉस्पिटल बताना होगा। इसका सीधा सा मतलब है कि कॉलेजों को प्रशिक्षण कार्य के लिए अपना अलग अस्पताल होना चाहिए और ठीक यही नियम अस्पताल के लिए भी लागू होगा। इसके लिए सभी नर्सिंग कॉलेजों से एक शपथ पत्र भी लिया जाएगा। इस प्रस्ताव के तहत एमएससी नर्सिंग की मान्यता केवल उन्हीं कॉलेजों को दी जाएगी जहां बीएससी नर्सिंग के कोर्स संचालित हो रहे हैं।

इसके अलावा बैठक में जबलपुर मेडिकल कॉलेज को स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट बनाने के लिए 153 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। स्व सहायता समूह की मदद करने के लिए प्रदेश शासन ने एक और निर्णय लिया है जिसकी मुताबिक सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से 8 तक सभी विद्यार्थियों को गणवेश मुहैया करवाई जाएगी। यह काम स्व सहायता समूह करेंगे।

 ग्वालियर, इंदौर और रीवा में शासकीय मुद्रणालय यानि प्रिंटिग प्रेस  बंद किए जाएंगे और अब एक नया और आधुनिक तकनीक से लैस प्रिंटिंग प्रेस भोपाल में खोला जाएगा। इन विद्यालयों में से किसी भी कर्मचारी को हटाया नहीं जाएगा। इन तीनों प्रेस में 1286 कर्मचारी हैं। इसमें से 67 कर्मचारियों को दूसरे विभागों में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ किया जाएगा। इसी तरह 495 पद कर्मचारियों के रिटायर होने के बाद सरेंडर हो जाएंगे।



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