मप्र में फिर बढ़ाए गए बिजली के दाम, मिडिल क्लास और किसान पर पड़ेगी मार


सरकार ने 8 से 15 पैसे प्रति यूनिट तक बिजली के दाम बढ़ाए हैं। वहीं मीटर का किराया समाप्त किया है। इस फैसले से किसानों और मिडिल क्लास पर आर्थिक बोझ कुछ और बढ़ेगा।


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भोपाल। प्रदेश में फिर एक बार बिजली के दाम बढ़ने वाले हैं। मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने प्रदेश में घरेलू बिजली की दरों में 1.98 फीसद की बढ़ोत्तरी की मंजूरी दे दी है। बिजली वितरण कंपनियों ने सरकार को फरवरी 2020 में 5.73 फीसद वृद्धि का प्रस्ताव दिया था। इस प्रस्ताव पर अब तक विचार नहीं हो सका था।

इसके बाद अब आयोग ने गुरुवार को नया टैरिफ जारी कर दिया है। नए नियमों के तहत बिजली कंपनियां अब उपभोक्ताओं से मीटर किराया भी नहीं ले सकेंगी। नई दरें 26 दिसंबर से लागू की जाएंगी। बिजली दर में बढ़ोत्तरी अभी और भी होगी जब अगले वित्तीय वर्ष के लिए आयोग तीन माह बाद फिर से दरें निर्धारित करेगा। इसके बाद भी ऑनलाइन, अग्रिम भुगतान और प्रीपेड मीटरिंग पर मिल रही छूट जारी रहेगी।

बिजली वितरण कंपनियों ने अपने लिए हो रहे घाटे को लेकर बिजली की कीमत बढ़ाने का यह प्रस्ताव रखा था। उन्होंने 730 करोड़ा का घाटा होने की बात कही थी। जिसके बाद उन्हें राहत देने के लिए आयोग ने बिजली की दरों में वृद्धि को मंजूरी दी है।

इस बढ़ोत्तरी के बाद प्रति उपभोक्ता को हर यूनिट पर करीब 8  से  15 तक पैसे अधिक चुकाने होंगे। फिक्स चार्ज में भी दो रुपये तक की बढ़ोत्तरी कर दी गई है। उल्लेखनीय है कि बिजली कंपनियों ने आयोग को 40,016 करोड़ रुपये राजस्व की जरूरत बताई थी। कंपनियों ने मौजूदा दरों में 5.73 फीसद की बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव दिया था। इससे कंपनियों को करीब 2169 करोड़ रुपये मिलते। इस मांग पर आयोग ने 37673 करोड़ की जरूरत और 730 करोड़ रुपये के घाटे को मंजूरी दे दी है।

वहीं नए टैरिफ में किसानों को 750 रुपये प्रति हॉर्स पॉवर की दर से बिजली बिल चुकाना होगा। अभी तक किसान को  700 रुपये के हिसाब से बिल जमा करना पड़ रहा था यानी अब 10 हॉर्स पॉवर के कनेक्शन पर किसान को 500 ज्यादा देना पड़ेगा। घरेलू उपभोक्ता को मीटर किराया नहीं देना पड़ेगा।

एक किलो वॉट लोड वाले सिंगल फेस उपभोक्ता को प्रति माह 10 रुपये, थ्री फेस वाले को 25 रुपये और 10 किलो वॉट से ज्यादा भार वाले उपभोक्ताओं को 125 रुपये मीटर किराया अब नहीं देना होगा। वहीं जो उपभोक्ता महीनेभर में डेढ़ सौ यूनिट बिजली जलाते हैं और इंदिरा गृह ज्योति योजना के तहत सब्सिडी पाते हैं। उन्हें महीने में 15.50 रुपये ज्यादा बिल देना पड़ेगा। वहीं 300 यूनिट की खपत वाले मिडिल क्लास उपभोक्ताओं को लगभग 45 रुपये अधिक देना होगा।