
शहीद-ए-आज़म भगत सिंह की जयंती (28 सितंबर) पर इंदौर में देशभक्ति का अनोखा उत्सव देखने को मिला। राधे जाट और रंजीत किसानवंशी के नेतृत्व में निकाली गई विशाल तिरंगा यात्रा में हजारों युवाओं और समाजजन ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। तिरंगा यात्रा का शुभारंभ राधा कृष्णा रिसॉर्ट आईटी पार्क से हुआ और यह राज मोहल्ला स्थित भगत सिंह प्रतिमा स्थल पर पहुंचकर संपन्न हुई।
कार्यक्रम की शुरुआत और उत्साह
आयोजन की शुरुआत स्वागत, प्रतिभा सम्मान और रंगमंच प्रस्तुति से हुई। इसके बाद जब यात्रा आगे बढ़ी तो शहर देशभक्ति के नारों से गूंज उठा। मोटरसाइकिल रैली, सैकड़ों ट्रैक्टर और कारों के काफिले ने इस यात्रा को भव्य और आकर्षक बना दिया। युवाओं में भगत सिंह के आदर्शों के प्रति जोश और श्रद्धा साफ झलक रही थी।
भगत सिंह चौक की मांग
यात्रा के समापन पर राधे जाट और रंजीत किसानवंशी ने इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव के समक्ष यह मांग रखी कि नवलखा चौराहे का नाम बदलकर शहीद भगत सिंह चौराहा रखा जाए। महापौर ने इसे प्राथमिकता से पूरा करने का आश्वासन दिया। इस घोषणा पर मौजूद भीड़ ने जोरदार तालियों और नारों के साथ स्वागत किया।
वरिष्ठजनों की मौजूदगी
कार्यक्रम में अनेक वरिष्ठ समाजजन भी मौजूद रहे, जिन्होंने युवाओं के उत्साह और देशभक्ति की भावना की सराहना की। आयोजकों ने कहा कि इस तरह की यात्राओं से युवाओं में राष्ट्रप्रेम की भावना और मजबूत होती है।
भगत सिंह जयंती पर निकली इस तिरंगा यात्रा ने यह संदेश दिया कि शहीदों के सपनों का भारत तभी साकार होगा जब युवा उनकी राह पर चलेंगे। “इंकलाब ज़िंदाबाद” के नारों के बीच पूरी यात्रा ने इंदौर में देशभक्ति का माहौल बना दिया।