कमलनाथ ने लगाया सीएम शिवराज पर खनन माफिया होने का आरोप


कमलनाथ के मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले ने इस मामले में सीएम शिवराज पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं।


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भोपाल Published On :

भोपाल। प्रदेश में अवैध खनन का मुद्दा हमेश ही सुर्खियों में रहा है। इस बार फिर अवैध खनन का आरोप फिर आया है। पीसीसी प्रमुख कमलनाथ ने उन पर माइनिंग माफिया होने का आरोप लगाया है। कमलनाथ ने रविवार को दैनिक भास्कर अखबार की एक रिपोर्ट के आधार पर विदिशा जिले के गंजबासौदा जिले में हो रहे अवैध खनन में मुख्यमंत्री की संलिप्तता का आरोप लगाया है।

गंजबासौदा से अवैध माइनिंग की सनसनीखेज रिपोर्ट सामने आने के बाद शिवराज सरकार घिरी हुई है। पीसीसी चीफ कमलनाथ ने सीएम चौहान को माइनिंग माफिया करार दिया है। वहीं, कमलनाथ ने मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले ने भी सीएम पर निशाना साधा है। बबेले ने कहा कि गंजबासौदा में अवैध खनन का गोरखधंधा सीएम चौहान के संरक्षण में चला रहा है।

 

लेखक व वर्तमान में कमलनाथ के मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले ने रविवार को पीसीसी मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। बबेले ने कहा कि, ‘भाजपा सरकार अवैध खनन रोकने में नाकाम है। यहां खनन रोकने वालों की सांस रोक दी जाती है। बबेले ने कहा कि लोकतंत्र में वैसे तो आफ द पीपल, बाय द पीपल, फार द पीपल की सरकार होती है, लेकिन मध्य प्रदेश में तो आफ द माफिया, फॉर द माफिया एवं बाय द माफिया की सरकार है। मुख्यमंत्री बतायें कि उनके पूर्व संसदीय क्षेत्र विदिशा में चल रहे पहाड़ों के अवैध खनन के पीछे किन-किन नेताओं का हाथ है।’

बबेले ने आगे कहा, ‘चार लाख में खदान लो जितना मर्जी खनन करो, इस पैकेज में पुलिस सुरक्षा भी, गंज बासौदा में 12 वैध और 1500 अवैध खनन से पहाड़ खोखले चुके हैं, यह खुलासा आज हुआ है, परंतु मध्य प्रदेश के वासियों के लिए अवैध खनन का गवाह होना कोई बड़ी बात, कोई नई बात नहीं है, यह सरकार पूरी तरह माफिया पोषित सरकार है। कमलनाथ जी की सरकार ने जमकर के माफियाओं पर कार्रवाई की थी। यही कारण है कि हमारा केवल रेत खनन से आने वाला राजस्व 5 गुना बढ़ गया था, जो की 250 करोड़ से करीब 1250 करोड़ हो गया था, लेकिन भाजपा के लोगों ने खनन माफिया से गठबंधन करके यह सरकार गिरा दी, ताकि वह राजस्व भाजपा के नेता कमा सकें और जनता तक उसका लाभ ना पहुंचे। यह खनन माफियाओं की सरकार है, इसके कुछ उदाहरण आपके सामने प्रस्तुत करना चाहता हूं।’

बबेले ने बताया कि 8 मार्च 2012 को मुरैना में अवैध खनन रोकने के दौरान एक ट्रैक्टर आईपीएस अफसर नरेन्द्र कुमार के ऊपर चढ़ा कर खनन माफिया ने उनकी हत्या कर दी। नरेंद्र के पिता केशव देव ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाकर कहा था कि उनके बेटे को खनन माफिया के खिलाफ काम करने की सजा दी गई है। आखिर भाजपा सरकार में ऐसा माहौल क्यों है कि एक आईपीएस अधिकारी को भी खनन माफिया कुचल देता है बिना किसी डर के।

उन्होंने एक और घटना का जिक्र करते हुए कहा कि वर्ष 2015 के जून महीने में मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले के गांव शुजालपुर इलाके में मौजूद खनन इलाके में महिला माइनिंग इंस्पेक्टर रीना पाठक टीम के साथ छापा मारने गई थीं। खनन माफिया के गुंडों द्वारा हमला किया गया, जिसमें होमगार्ड के तीन जवान बुरी तरह जख्मी हो गए थे। जून 2015 में ही दूसरी घटना बालाघाट जिले में घटी, उस घटना में बौखलाए रेत खनन माफियाओं के गुंडों ने एक पत्रकार संदीप कोठारी का अपहरण करके उसे जिंदा जला दिया था, 40 साल के पत्रकार की लाश महाराष्ट्र के वर्धा इलाके में स्थित एक खेत में जली हुई लावारिस हालत में पुलिस ने बरामद की थी। इसी तरह सितंबर 2018 में मुरैना जिले के देवरी गांव में खनन माफिया के गुंडों ने वन विभाग के डिप्टी रेंजर को ट्रैक्टर से कुचल कर मार डाला। डिप्टी रेंजर सूबेदार सिंह कुशवाहा मुरैना में ट्रैक्टर के पिछले टायरों के नीचे कुचल दिए गए।

बबेले ने कहा कि शिवराज सरकार की खनन के प्रति हवस यहां भी नहीं रुकी, भगवान श्रीराम वनवास के समय चित्रकूट में काफी समय रहे। यहां के सिद्धा पहाड़ पर ऋषि-मुनियों और संतों की अस्थियों का ढेर देखकर भगवान, दुखी और आवेशित हुए थे। उन्होंने अपनी भुजाएं उठाकर धरती को निशाचरों से विहीन करने की प्रतिज्ञा ली थी। 2022 में सरकार ने उसी सिद्धा पहाड़ को अब नष्ट-ध्वस्त और खोखला करने की तैयारी कर ली थी। इसको लेकर कांग्रेस ने सवाल उठाए तब जाकर मामला रुका। सरकार किस तरीके से कम कर रही है उसका एक उदाहरण अभी की नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की एक टिप्पणी भी है, एनजीटी ने कहा था कि बिना पढ़े ही सीएस पक्ष रखने आए भगवान ही मालिक है।

बबेले ने कहा कि भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी भी कह चुके हैं कि खनन माफिया सरकार के नियंत्रण से बाहर है। बीना से बीजेपी विधायक महेश राय ने कहा कि आरटीआई लगाने वालों का मर्डर हो जाता है। अब ऐसी स्थिति में मध्य प्रदेश की जनता के सामने हम यह प्रश्न उठा रहे हैं कि क्या ऐसी खनन माफिया के द्वारा पोषित, खनन माफिया को पोषित करने वाली एवं खनन माफिया के द्वारा खरीदी गई सरकार क्या मध्य प्रदेश में एक दिन भी और राज करने के लायक है? इन सब सवालों को लेकर के हम जनता की अदालत में जा रहे हैं।

 

साभारः हमसमवेत



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