राज्य सरकार ने बढ़ाया आंगनवाड़ी वर्करों का मानदेय


प्रदेश में फिलहाल 1 लाख 80 हजार आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हैं। सरकार इससे पहले साल 2018 में राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं का मानदेय दोगुना कर चुकी है।


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भोपाल। प्रदेश सरकार ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के मानदेय में बढ़ोत्तरी की है। कोरोना काल के दौरान इन आंगनवाड़ी कर्मियों का काम बेहद महत्वपूर्ण रहा और इसी के तहत राज्य सरकार ने कार्यकर्ता के मानदेय में 1500 रुपये और सहायिकाओं के मानदेय में 750 रुपये की बढ़ोत्तरी की है।

सरकार इस राशि का आगामी बजट में प्रावधान करने जा रही है, ताकि नए वित्तीय वर्ष में मानदेय में वृद्धि का लाभ दिया जा सके। ऐसे में उम्मीद की जानी चाहिए कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को उनके मानदेय में बढ़ी हुई यह राशि जल्दी ही मिलना शुरु हो जाएगी। इससे सरकार पर करीब 200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा।

प्रदेश में फिलहाल 1 लाख 80 हजार आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हैं। सरकार इससे पहले साल 2018 में राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं का मानदेय दोगुना कर चुकी है। उस समय आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को 5750 रुपये मिलते थे जिन्हें बढ़ाकर 11500 रुपए कर दिया गया था।

इसके बाद तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने वर्ष 2019-20 के बजट में कार्यकर्ताओं के मानदेय में से 1500 रुपए की कमी कर दी थी। इस राशि का उपयोग नई भर्तियां किए जाने में होना था लेकिन बाद में ये भर्तियां नहीं हो सकीं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के मानदेय के भुगतान में आने वाले खर्च की 60 फीसदी राशि केंद्र और 40 फीसदी राज्य सरकार वहन करता है।

पिछले कुछ दिनों में राज्य सरकार ने आंगनवाड़ी व्यवस्था को लेकर कई फैसले लिए हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों की किराया राशि देने में अनियमितता सामने आने पर विभाग ने भुगतान की व्यवस्था बदलाव किया। जिसके बाद विभाग ने तय किया था कि वह किराए की राशि मकान मालिक के बैंक खाते में सीधे जमा कराएगा। इसके अलावा रसोइयों के मानदेय भुगतान की व्यवस्था भी बदली जा रही है। जिसकी मॉनिटरिंग सॉफ्टवेयर से की जाएगी।



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