राजगढ़ नपाध्‍यक्ष का जाति प्रमाण-पत्र फर्जी, RTI में प्राप्‍त दस्‍तावेज के बाद पार्षद ने लगाए आरोप, कोर्ट पहुंचा मामला


जाति प्रमाण-पत्र में पिता की जगह पति के नाम का जिक्र, अवैध शराब तस्‍करी में नपाध्‍यक्ष का बेटा सिद्धार्थ जायसवाल भी है फरार।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :
fake caste certificate rajgarh

धार। जिले की राजगढ़ नगर परिषद पिछले कुछ दिनों से लगातार सुर्खियों में है। इसकी वजह नगर परिषद और सीएमओ के बीच हित साधने को लेकर शुरू हुई लड़ाई है, लेकिन इसमें अब एक और मामला सामने आया है जिससे नपाध्‍यक्ष सवेरा महेश जायसवाल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

गुरुवार देर शाम राजगढ़ में हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस ने राजगढ़ की राजनीति में हलचल मचा दी है। यह प्रेस कॉन्फ्रेंस काीग्रेस के पार्षद अजंली अजय जायसवाल ने आयोजित की थी जिसमें कांग्रेस की नपाध्‍यक्ष राजगढ़ सवेरा जायसवाल पर फर्जी जाति प्रमाण-पत्र लगाने के आरोप लगाए गए।

कांग्रेस पार्षद अजंली अजय जायसवाल ने यह आरोप आरटीआई के तहत अलग-अलग विभागों से प्राप्‍त दस्‍तावेजों के आधार पर लगाए हैं। आरोप लगाते हुए कहा गया है कि राजगढ़ नपाध्‍यक्ष सवेरा महेश जायसवाल द्वारा चुनाव के दौरान पार्षद प्रत्‍याशी के तौर पर जो प्रमाण-पत्र प्रस्‍तुत किया गया, उसमें पिता के कॉलम में पति महेश जायसवाल का नाम लिखा है।

अजंलि अजय जायसवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बकि ताया लोक सेवा केंद्र से आरटीआई यानी सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत आवेदन लगाकर दस्तावेज प्राप्त किए गए हैं जिसमें जाति प्रमाण-पत्र 2004 का जारी होना पाया गया है।

इसके साथ ही प्रमाण-पत्र डिजिटली भी प्रस्‍तुत नहीं किया गया। पार्षद जायसवाल ने बताया कि चुनाव लड़ने वाले सभी पार्षदों ने चुनाव के वक्‍त डिजिटल प्रमाण-पत्र प्रस्‍तुत किए थे।

आरचीआई से जानकारी व दस्‍तावेज मिलने के बाद पार्षद अंजलि जायसवाल ने 28 मार्च 2023 को हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है जिसे 3 मई 2023 को हाईकोर्ट ने याचिका सुनने योग्‍य माना है और उन्हें एडीजे कोर्ट जाने का आदेश दिया है।

अब एडीजे कोर्ट की तरफ से सुनवाई के बाद इसमें यदि अंजलि जायसवाल के पक्ष में फैसला आता है तो नपाध्‍यक्ष सवेरा महेश जायसवाल की मुश्किलें काफी बढ़ जाएंगी।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पार्षद अंजलि अजय जायसवाल ने बताया कि सरदारपुर विशेष न्‍यायालय न्‍यायाधीश के समक्ष याचिका दायर की गई है जिसमें सुनवाई के बाद 5 धारा व धारा 41 के तहत निर्वाचन आयोग, धार कलेक्‍टर, निर्वाचन आयोग व नपाध्‍यक्ष सवेरा महेश जायसवाल को नोटिस जारी कर दिया गया है। साथ ही 16 जून को सुनवाई के लिए जवाब प्रस्‍तुत करने के लिए कहा गया है।

ऐनवक्‍त पर आया था सवेरा महेश जायसवाल का नाम –

राजगढ़ में कांग्रेस की परिषद है। कांग्रेस की तरफ से सवेरा महेश जायसवाल नपाध्‍यक्ष हैं जबकि निर्वाचन के वक्‍त अंजलि अजय जायसवाल का नाम अध्‍यक्ष के रूप में सबसे उपर था, लेकिन ऐनवक्‍त पर बदलाव कर सवेरा जायसवाल को अध्‍यक्ष बना दिया गया।

अध्‍यक्ष बनने के ढ़ाई माह बाद ही पार्षदों और सीएमओ के बीच आर्थिक हित साधने के चक्‍कर में विवाद बढ़ा और मामला सड़क तक पहुंच गया। अब जाति प्रमाण-पत्र को लेकर बड़ा आरोप लगाया गया है।

हालांकि मीडिया को दिए गए बयान में नपाध्‍यक्ष सवेरा महेश जायसवाल ने सारे आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि मामला कोर्ट में है और फैसला उनके ही पक्ष में आएगा।

नपाध्यक्ष के पति पर भी दर्ज है केस –

नगरपालिका अध्‍यक्ष सवेरा जायसवाल के पति महेश जायसवाल शराब कारोबारी हैं और लॉकडाउन के वक्‍त महेश जायसवाल ने सरकारी शराब दुकान का ताला तोड़कर गोदाम में रखी शराब को चोरी-छिपे बिकवा दिया।

इसके बाद आबकारी अधिकारी एकता सोनकर ने इस मामले में राजगढ़ थाने पर धारा 406, 40 व 34 भादवि के तहत केस दर्ज करवाया था, जो विचाराधीन है। इसमें जांच के दौरान 50 लाख रुपये की शराब चोरी-छुपे बेचने की बात सामने आई थी।

अवैध शराब तस्‍करी में बेटा भी फरार –

नपाध्‍यक्ष जायसवाल का बेटा सिद्धार्थ जायसवाल भी अवैध शराब तस्‍करी मामले में फरार चल रहा है। जुलाई 2022 को सागौर पुलिस ने सिद्धार्थ जायसवाल को अवैध शराब तस्‍करी के मामले में आरोपी बनाया था, तब से ही सिद्धार्थ फरार चल रहा है।
सागौर पुलिस के वरदहस्‍त के कारण फरारी के दौरान भी वह शराब का काला कारोबार आसानी से कर रहा है। मीडिया में खबरें आने के पहले तक अवैध शराब माफिया सिद्धार्थ जायसवाल राजगढ़ में सक्रिय था।

पुलिस सूत्रों ने इसकी पुष्टि भी की, लेकिन सागौर पुलिस की मेहरबानी के चलते खबरें सामने आने के बाद वह आसानी से फरार हो गया। अब देखना यह है कि सिद्धार्थ पुलिस के हत्‍थे चढ़ता है या फिर सागौर पुलिस की मेहरबानी उस पर बनी रहती है।



Related