धारः मंडी में रोजाना 10 हजार बोरियों से अधिक उपज लेकर पहुंच रहे हैं किसान

मंडी में रोजाना सात हजार से अधिक बोरी गेहूं की आवक व तीन हजार बोरी से अधिक सोयाबीन की आवक मंडी में हो रही है। साथ ही आरटीजीएस के माध्यम से हर दूसरे व तीसरे दिन भुगतान किसानों को हो रहा है।

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धार। जिले के किसान अपनी रबी की फसलों की तैयारी के पहले घरों में रखा अनाज बेचने के लिए इन दिनों कृषि उपज मंडी में बड़ी संख्या में उपज लेकर पहुंच रहे हैं। किसान अब अंतिम दौर में किसी तरह भी अपनी उपज बेचना चाहते हैं।

चना, गेहूं व सोयाबीन मिलाकर मंडी में करीब 10 हजार से अधिक बोरी की खरीदी रोज हो रही है। हालाकि बड़ी संख्या में किसान सोयाबीन व गेहूं बेचने के लिए ही आ रहे हैं।

मंडी में रोजाना सात हजार से अधिक बोरी गेहूं की आवक व तीन हजार बोरी से अधिक सोयाबीन की आवक मंडी में हो रही है। साथ ही आरटीजीएस के माध्यम से हर दूसरे व तीसरे दिन भुगतान किसानों को हो रहा है।

अगले माह शुरू हो सकती है नीलामी –

वही मंडी सचिव अग्निहोत्री ने बताया कि अभी मंडी में रोजाना किसानों की 9 से 10 हजार बोरी जरूर आ रही है, लेकिन किसान को भाव उम्मीद के अनुसार नहीं मिल रहे हैं। मंडी में प्रतिदिन 100 से 200 वाहन से किसान अपनी उपज लेकर पहुंच रहे हैं।

किसानों को गेहूं का भाव नहीं मिल रहा है। किसानों को न्यूनतम 1560 रुपये प्रति क्विंटल का ही भाव मिल रहा है जबकि समर्थन मूल्य में इससे कही ज्यादा 1925 रुपये के भाव में किसानों से अगले महीने अपनी उपज बेचेंगे। वही जिन किसानों के गेहूं की क्वालिटी अच्छी है, उन्हें भी भाव कम मिल रहा है।

यह है आवक
दिनांक – आवक (बोरियां)
22 फरवरी -9472
23 फरवरी – 9278
24 फरवरी – 10255
25 फरवरी – 10998

वही रबी में गेहूं की कटाई शुरू हो गई है –

जिले में गेहूं की कटाई शुरू हो गई है। मंडी में गेहूं पहुंचने लगा है। व्यापारियों द्वारा सरकारी रेट से कम पर खरीद की जा रही है। सरकार ने गेहूं का मूल्य 1925 रुपये क्विंटल मूल्य तय किया है, जबकि मंडी में 1700 रुपये प्रति क्विंटल व मॉडल रेट 1791 रुपये में गेहूं खरीदा जा रहा है।

इस बार गेहूं का बाजार भाव सरकार के रेट से ज्यादा रह सकता है क्योंकि लॉकडाउन के कारण कुछ व्यापारियों ने 30 रुपये किलोग्राम तक आटा बेचा है। वहीं मंडी में गेहूं की आवक शुरू हो जाने से प्रशासन को भी राहत मिली है।

बता दें कि सरकारी केंद्रों पर 22 मार्च से गेहूं की खरीद प्रारंभ होगी। वहीं केंद्रो पर गेहूं खरीद होगी तो मंडी में आवक फिर से कम हो जायेगी क्योंकि सरकारी खरीदी 1925 रुपये क्विंटल का रेट है जो कि मंडी से ज्यादा है व पैसा सीधे किसानों के खातों में जाएगा।

किसान अपने घरों से पुरानी उपज मंडी ले जा रहे हैं क्योकि नई फसल आने वाली है। उसे रखने के लिए जगह की भी आवश्यकता होती है इसीलिए कम भाव में मंडी में बेच रहे हैं।

First Published on: February 25, 2021 5:18 PM