शिक्षा की परख: धार जिले में शुरुआती कक्षाओं में संतुलित प्रदर्शन, लेकिन बढ़ती कक्षाओं में गिरावट चिंताजनक


राष्ट्रीय शिक्षा सर्वेक्षण 2024 (परख) में धार जिले के 100 स्कूलों के 2854 बच्चों का मूल्यांकन किया गया। फाउंडेशन स्तर पर प्रदर्शन राष्ट्रीय औसत के करीब, लेकिन मिडल स्टेज में गणित, विज्ञान व सामाजिक विज्ञान में कमजोरी साफ नजर आई।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी राष्ट्रीय सर्वेक्षण रिपोर्ट 2024 (परख) के मुताबिक, धार जिले के बच्चों का प्रदर्शन शिक्षा के शुरुआती स्तर पर राष्ट्रीय और राज्य औसत के लगभग बराबर है, लेकिन जैसे-जैसे कक्षाएं बढ़ती हैं, विद्यार्थियों की पढ़ाई में कमजोरी स्पष्ट रूप से नजर आती है।

 

रिपोर्ट तीन स्तरों पर आधारित है — फाउंडेशन स्टेज (प्री-प्राइमरी से कक्षा 2), प्रिपरेटरी स्टेज (कक्षा 3 से 5) और मिडल स्टेज (कक्षा 6 से 8)। धार जिले के 100 स्कूलों के 2854 बच्चों और 350 शिक्षकों पर सर्वेक्षण किया गया, जिसमें भाषा, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान और सामान्य ज्ञान जैसे विषयों पर आंकड़े एकत्र किए गए।

 

फाउंडेशन स्टेज: शुरुआती पढ़ाई में राज्य सरकार के स्कूल आगे

  • भाषा में औसत स्कोर: जिला 64%, भारत 64%, म.प्र. 66%
  • लड़कियों का प्रदर्शन (66%) लड़कों (62%) से बेहतर।
  • ग्रामीण बच्चे शहरी बच्चों से 8% आगे।
  • राज्य सरकार के केस स्कूल 71% पर, जबकि केंद्रीय सरकार के स्कूल केवल 50% तक।
  • अनुसूचित जाति (SC) वर्ग के बच्चों ने 72% सफलता हासिल की।
  • गणित में प्रदर्शन: धार का औसत 59% जबकि राष्ट्रीय 60% और राज्य 62% रहा।
  • ग्रामीण और SC वर्ग के बच्चों ने बेहतर प्रदर्शन किया।

 

 प्रिपरेटरी स्टेज: कक्षा 3 से 5 में गिरावट शुरू

  • भाषा में औसत प्रदर्शन: जिला 55%, जबकि राष्ट्रीय व राज्य औसत 57%।
  • लड़के (57%) लड़कियों (52%) से आगे।
  • गणित में गिरावट: जिला औसत 44%, जो राष्ट्रीय औसत (46%) और राज्य औसत (48%) से कम।
  • इस स्तर पर केंद्रीय स्कूलों के बच्चे आगे रहे।
  • “हमारे आसपास का संसार” विषय में लड़के, लड़कियों से बेहतर रहे।

 

 मिडल स्टेज: कक्षा 6 से 8 में हालात और भी खराब

  • भाषा में प्रदर्शन: धार का स्कोर 43%, जबकि राष्ट्रीय औसत 54%।
  • शहरी बच्चों का प्रदर्शन ग्रामीण से 9% बेहतर।
  • राज्य सरकार के स्कूल सिर्फ 36% पर, जबकि केंद्रीय विद्यालयों के छात्र 65% तक पहुंचे।
  • गणित में गिरावट और चिंता: जिला औसत केवल 31%, जबकि राष्ट्रीय 37%।
  • विज्ञान में प्रदर्शन: धार 34%, राष्ट्रीय औसत 40%
  • सामाजिक विज्ञान में सबसे कमजोर: जिले का औसत 33%, जबकि राष्ट्रीय 40%।

 

 समस्याओं की झलक और वर्गीय अंतर

रिपोर्ट यह भी बताती है कि एससी वर्ग के बच्चे फाउंडेशन स्तर पर तो अच्छा कर रहे हैं, लेकिन आगे की कक्षाओं में उनकी भागीदारी और सफलता में गिरावट आई है। विज्ञान और गणित जैसे विषयों में लगभग सभी वर्गों के बच्चे कमजोर हो रहे हैं।

 

 क्या कहती है रिपोर्ट?

 

शुरुआती शिक्षा (Anganwadi और कक्षा 1-2) में राज्य सरकार के प्रयास बेहतर नज़र आते हैं।

लेकिन जैसे-जैसे विषय कठिन होते हैं और कक्षा बढ़ती है, सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता और शिक्षण पद्धति की सीमाएं सामने आती हैं।

केंद्रीय विद्यालयों का बेहतर प्रदर्शन दर्शाता है कि प्रशिक्षित शिक्षक, संसाधन और अनुशासन कितना प्रभाव डालते हैं।

 



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