कोरोना से माता-पिता को खोने वाले बच्चों के पालन-पोषण के लिए सरकार देगी 5000 रुपये महीना


विभाग की स्पोंसर्ड योजना में कलेक्टर आलोक सिंह सीएसआर मद से करेंगे मदद। प्रत्येक पात्र बच्चे के परिवार को आर्थिक सहायता दिलाने का कर रहे प्रयास।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :
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धार। कोरोना संक्रमण काल में जन्मदाताओं को खोने वाले बच्चों के पालन-पोषण का खर्च अब प्रदेश की शिवराज सरकार उठाएगी। मार्च से जून माह के दौरान पालकों की मृत्यु होने पर सरकार उनके बच्चों के पालन-पोषण के लिए प्रतिमाह 5 हजार रुपये महीना देगी।

प्रतिमाह की आर्थिक सहायता देने का मुख्य उद्देश्य है कि प्रभावित बच्चों का पालन करने वाले अभिभावक उनका बेहतर तरीके से देखभाल कर सकें। उल्लेखनीय है कि सरकार अपने कार्यकाल में सामाजिक सरोकारों से जुड़े हुए मुद्दों को लेकर लगातार संवेदनशील रही है।

योजनाओं के माध्यम से सामाजिक सरोकारों से जुड़ने के पूर्व में भी बेहतर प्रयास किए गए हैं। तीर्थ दर्शन योजना हो या फिर लाडली लक्ष्मी योजना। सरकार प्रत्येक महत्वपूर्ण मुद्दों पर सहयोगी के रूप में खड़ी होती आई है।

बेहतर विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा में मिलेगी सहायता –

जन्मदाताओं को खोने वाले बच्चों को मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण योजना के माध्यम से प्रतिमाह की आर्थिक मदद एवं अन्य मदद दी जाएंगी। योजना का क्रियान्वयन महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से किया जाएगा।

इस योजना में बच्चों को निशुल्क राशन भी दिया जाएगा। वहीं अच्छे पढ़ने वाले बच्चों को स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा के लिए चयनित होने पर फीस के लिए आर्थिक सहायता भी दी जाएगी। इसमें इंजीनियरिंग तक की शिक्षा को भी सम्मिलित किया गया है।

योजना के तहत ऐसे बच्चों के बारे में महिला एवं बाल कल्याण विकास विभाग जानकारी जुटा रहा है। फिलहाल 14 ऐसे बच्चे सामने आए हैं जिन्होंने अपने माता और पिता दोनों को खो दिया है।

अभिभावक नहीं तो देखरेख संस्था में रखेंगे –

मार्च से जून माह कोविड-19 का संक्रमण काल माना जा रहा है। ऐसी स्थिति में सरकार ने इन चार माह में कोरोना से अपने पालकों को खोने वाले बच्चों के अतिरिक्त अन्य बीमारी या और किसी कारण से जन्मदाता खोने वाले बच्चों को भी योजना में लाभ देने का निर्णय लिया है।

इधर जन्मदाता को खोने वाले बच्चों को यदि उनके परिजन तमाम सहायताओं के बाद भी यदि पालना नहीं चाहते हैं तो ऐसे बच्चों को बाल देखरेख संस्था में रखा जाएगा, जहां पर उन्हें भोजन, शिक्षा, आवास और वस्त्र सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

हर बच्चे को मिले मदद –

महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से स्पोंसर्ड योजना संचालित की जाती है। इसमें पालक को खोने वाले बच्चों को प्रतिमाह दो हजार की आर्थिक सहायता देने का प्रावधान है। जिले में प्रत्येक पात्र बच्चों को आर्थिक सहायता उपलब्ध हो सके इसके लिए सीएसआर मद से इसे विस्तारित करने का प्लान बनाया है। तीन कंपनियों से चर्चा भी हो गई है। उम्मीद है कि हम प्रत्येक जरूरतमंद बच्चों के लिए मददगार हाथ बन सकें।

– आलोक कुमार सिंह, कलेक्टर धार

राज्य शासन के साथ जिला प्रशासन सीएसआर मद से होगी बच्चों की सहायता –

राज्य शासन की मुख्यमंत्री बाल कल्याण योजना में जहां माता और पिता दोनों को खोने वाले बच्चों की सहायता की जा रही है। वहीं महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से संचालित स्पोंसर्ड योजना को भी विस्तारित किया जा रहा है।

इस योजना में माता या पिता दोनों में से किसी एक को खोने वाले बच्चों को दो हजार रुपये प्रतिमाह की 18 वर्ष की उम्र तक सहायता दी जाती है। विभाग के माध्यम से यह योजना संचालित की जा रही थी, लेकिन सीमित लक्ष्य और प्रभावितों की संख्या अधिक होती थी।

आर्थिक स्थितियों के आधार पर लक्ष्य के अनुरुप चयन किया जाता था। इन सब स्थितियों की जानकारी सामने आने के बाद धार कलेक्टर आलोक कुमार सिंह ने अधिक से अधिक बच्चों की मदद करने के उद्देश्य को लेकर योजना में सीएसआर फंड से भी राशि उपलब्ध कराने के प्रयास शुरू किए हैं।

इसके लिए कंपनियों से चर्चाएं भी शुरू हो गई हैं। कलेक्टर सिंह की सक्रियता के बाद विभाग ने भी त्वरित बच्चों की जानकारियां जुटाना शुरू कर दिया है। फिलहाल जिले में करीब 200 ऐसे बच्चे सामने आए हैं जिन्होंने अपने माता या पिता को खो दिया है।

इस योजना में कमाने वाले की मौत के बाद परिजनों को बच्चों के पोषण के लिए प्रतिमाह की आर्थिक सहायता मिलती है। इस योजना में औद्योगिक संस्थानों से सीएसआर मद की मदद मिलने के बाद अधिक से अधिक बच्चों को जोड़ा जाएगा।

जिले में 14 बच्चे किए चिह्नित –

मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण योजना में माता-पिता दोनों को खोने वाले बच्चों के पालन-पोषण के लिए आर्थिक सहायता सहित कई प्रकार से मदद की जाएगी। प्रारंभिक तौर पर 14 बच्चे चिह्नित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त कलेक्टर साहब के प्रयासों से विभाग की स्पोंसर्ड योजना को विस्तारित किया जा रहा है। सब कुछ ठीक रहा तो प्रत्येक पात्र बच्चों और उनके अभिभावक को आर्थिक राहत मिलेगी। हमने 200 बच्चे चिह्नित किए हैं।

– सुभाष जैन, महिला बाल विकास अधिकारी धार



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