निसरपुर चौकी प्रभारी को दो लाख की रिश्वत लेने के आरोप में लोकायुक्त ने पकड़ा


— पुलिस रिमांड में एक आरोपी से रिश्वत मांग रहे थे निसरपुर चौकी प्रभारी नरपत सिंह जामरा
— दो लाख रुपये की थी पहली किश्त
— इंदौर लोकायुक्त से की गई शिकायत


आशीष यादव आशीष यादव
धार Updated On :

इंदौर-धार।  लोकायुक्त पुलिस ने धार के निसरपुर में एक बड़ी कार्रवाई की है। यहां एक चौकी प्रभारी को दो लाख रुपये रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया है। आरोपी चौकी प्रभारी एक केस को रफ़ा-दफ़ा करने के लिए छह लाख रुपये मांग रहा था। जिसे एक मध्यस्थ के हाथ से लिया जाना था। यह रिश्वत शनिवार को दी गई और चौकी प्रभारी रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया।

लोकायुक्त पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार निसरपुर चौकी प्रभारी  नरपत सिंह जामरा एक्सीडेंट और बीमा क्लेम में गड़बड़ी के एक मामले की जांच कर रहे थे। उन्होंने इस मामले में खेमा जी काग नाम के आरोपी से उनका मामला रफ़ा-दफ़ा करने के लिए छह लाख रुपये रिश्वत की मांग की। इसके बाद दो लाख रुपये पहली किश्त तय की गई थी।

इसकी शिकायत खेमा जी काग ने लोकायुक्त से की थी। जिसके बाद लोकायुक्त ने चौकी प्रभारी को पकड़ने के लिए जाल बिछाया। शिकायतकर्ता ने शनिवार को सिलकुआं रोड पर चौकी प्रभारी के एवजी नरेंद्र काग को  दो लाख रुपये की रिश्वत दी। लोकायुक्त ने इसी समय उसे पकड़ लिया। इस मामले में चौकी प्रभारी और ऐवजी दोनों को आरोपी बनाया गया है। आरोपियों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 एवं 120 B IPC के अंतर्गत कार्यवाही की जा ही है।

यह था मामला…  चौकी प्रभारी जमरा जिस मामले में रिश्वत लेते पकड़े गए वह भी काफी पेचीदा है। 2019 में कुक्षी थाना में हुए एक सड़क हादसे की जांच में पता चला कि वाहन मालिक की मौत पहले ही हो चुकी है और विवेचना में उक्त व्यक्ति के नाम से दो और वाहन मिले। इनमें एक स्विफ्ट औ दूसरी गाड़ी सिलेरियो पंजीयन पाया गया।  वाहन मालिक मृतक की पत्नी सजन बाई से पूछताछ करने पर पता चला कि उक्त तीनों वाहन खेमा जी काग  के हैं।

मामले में यह जानकारी भी सामने आई कि मृतक वाहन मालिक बावलिया पिता छगन का पीएनबी मेटलाइफ इंडिया इंश्योरेंस लिमिटेड में सामान्य मृत्यु जीवन बीमा पॉलिसी थी  और मरने के बाद  पत्नी सजन बाई को 5.85 लाख रुपये मिले। जिसे खेमा जी काग ने अपने ससुर और साले के खातों में झांसा देकर ट्रांसफर करवा लिया। इस मामले की पुलिस में शिकायत हुई और  खेमा जी पर प्रकरण दर्ज हुआ और उसे  हाईकोर्ट से भी जमानत नहीं मिली। जिसके बाद उसने कुक्षी न्यायालय में सरेंडर कर दिया।

यहां से मामले की जांच  निसरपुर के चौकी प्रभारी को मिली। जहां वर्तमान में खेमा जी रिमांड पर लिया है। इसी दौरान चौकी प्रभारी   नरपत सिंह जमरा ने मामला खत्म करने के लिए पैसे की मांग की थी।



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