किसानों से सर्मथन मूल्य पर गेहूं खरीदी के लिए पंजीयन शरू, 89 केंद्रों पर 5 फरवरी से शुरू गेहूं का पंजीयन


जिले में इस बार 3 लाख से अधिक हेक्टेयर में बोया गया गेहूं, बीते वर्ष की तुलना गेहूं के समर्थन मूल्य पर 150 रुपए की वृद्धि, 2275 रुपए होगा भाव


आशीष यादव आशीष यादव
धार Updated On :

रबी सीजन की प्रमुख गेहूं फसल खेतों में लहलहा रही है। इसके मद्देनजर प्रशासन ने जिले में समर्थन मूल्य पर गेहूं बचने वाले किसानों का पंजीयन करवाने के लिए 89 पंजीयन केंद्र पर व्यवस्था की है । जहां 5 फरवरी से किसान अपना पंजीयन करवा सकते हैं। इसको लेकर कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने संबंधित विभागों के पदाधिकारियों को इन पंजीयन केंद्रों पर सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए क्योंकि किसानों द्वारा बोए गए गेहूं की खरीदी के लिए सरकार ने समर्थन मूल्य पर खरीदी करेगी। वही मार्च -अप्रैल माह में होने वाली समर्थन मूल्य की गेहूं खरीदी के लिए अभी से कवायद शुरू हो गई है।

इसके लिए सरकार ने पंजीयन नीति-निर्देश जारी कर दिए हैं। समर्थन मूल्य पर गेहूूं खरीद की प्रक्रिया के लिए शासन के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने जनवरी को गाइड लाइन जारी की है। जिसके मुताबिक 5 फरवरी से 1 मार्च तक पंजीयन करवा सकते है पिछली बार 109 केंद्रों पर गेंहू खरीदी हुई थी, लिहाजा इस बार उन्हीं केंद्रों के अलावा अन्य जगह पर भी किसानों पंजीयन करवा सकते है जिन्हें पोर्टल पर दर्ज किए जाने की प्रक्रिया खाद्य आपूर्ति विभाग करता है

इस बार 2 लाख 98 हजार हेक्टेयर में है गेहूं: जिले में सामान्य वर्षा के चलते इस बार गेहूं का रकबा गत वर्ष के मुकाबले ज्यादा हो गया है।जिले के कृषि विभाग के आंकड़े के अनुसार में लगभग 2 लाख 98 हजार हेक्टेयर रकबे में किसानों ने गेहू की बोवनी की थी, जबकि गत वर्ष 2 लाख 82 हजार हेक्टेयर में गेहूं बोने का लक्ष्य रखा गया था। यही वजह है कि गत वर्ष 23-24 में जिले में 17 हजार किसानों से 1 लाख 99 हजार 421 मैट्रिक  ़़़़डटन अधिक गेहूं समर्थन मूल्य पर किसानों ने सरकार को बेचा है। जो एक रिकॉर्ड है। पिछले साल समर्थन मूल्य पर जिले में 1 लाख 99 हजार मैट्रिक टन गेहूं सरकार के गोदाम में आया था। जिले में इस वर्ष बारिश अच्छी होने के कारण खरीफ की फसलों का रकबा बड़ा है। इसमें गेहूं प्रमुख है। पिछले वर्ष जिले में 2 लाख 82 हजार हैक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में किसानों ने गेहूं बोया था, लेकिन इस बार यह रकबा पिछले साल से थोड़ा ज्यादा है मगर पानी के चलते उत्पादन पर फर्क बढेगा। कुछ क्षेत्र तो ऐसे हैं जहां किसान चने की खेती करते है वहा भी गेहूं लगाए है क्योकि गेहूं को पानी ज्यादा लगता है व चने की फसल बीमारीया ज्यादा होती है व पौधे खुकने लगते है। इसलिए इसबार किसानों चने की खेती न करते हुए गेहूं की ओर ध्यान दिया।

इस बार उत्पादन पर भी दिखेगा असर:  इस बार ठंड के साथ कोहरे ने फसलों पर ज्यादा नुकसान पहुँचाया है। जिस समय ठंड गिरना थी उस समय
लुकाछिपी कर रही थी। मगर इसबार कोहरे के कारण उत्पादन में फर्क देखने को मिल सकता है। पिछले महीने कोहरे के साथ ठंड की चमक ने कुछ हद तक फसलों नुकसान किया है वही पिछली वेराइटी के गेंहू को ठंड गिरने से चमक ला दी है। जिससे उत्पादन बढ़ने की उम्मीद भी जागी है। हालांकि विभागीय अधिकारी उत्पादन का आंकड़ा रकबे के हिसाब से तय करने को गलत बताते हैं, अगर आने वाले समय गेहूं की फसल प्रभावित नही होती है तो उत्पादन बढ़ सकता है

पंजीयन के लिए महत्वपूर्ण निर्देशः  किसानों को इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि उनके द्वारा रजिस्ट्रेशन में दर्ज कराया गया नाम आधार से अलग ना हो। ऐसी स्थिति में किसान को आधार केंद्र या बेंक, पोस्ट ऑफिस में जाकर अपने आधार के नाम में संशोधन करवा लें जैसे पंजीयन में परेशानी का सामना न करना पढ़े वहीं यदि किसान का नाम भू अभिलेख से अलग है तो किसान को राजस्व अधिकारी से संपर्क कर भू अभिलेख में नाम संशोधित करवा लें जबकि सिकमीदार किसान और वनाधिकार पट्टाधारी किसानों के पंजीयन केवल निर्धारित सहकारी संस्था के पंजीयन केंद्र पर ही होंगे।

किसान इन बातों का रखें ध्यान ओर ये दस्तावेज: रबी में नए पंजीयन के लिए किसान को समग्र परिवार आईडी, आधार नंबर, बैंक खाता नंबर, बैंक आईएफएससी कोड, मोबाइल नंबर, विक्रय तिथियों के तीन विकल्प रहेंगे। किसान अपना पंजीयन एमपी किसान एप, ई-उपार्जन मोबाइल एप, पब्लिक डोमेन में ई-उपार्जन पोर्टल पर करवा सकते हैं। गेहूं बेचने के बाद किसानों को उनकी राशि का भुगतान उनके द्वारा पंजीयन के दौरान दिए गए खाते में होगा। इसके लिए बैंक खाते का आधार से लिंक रहना आवश्यक है। समय रहते किसान अपने दस्तावेज व गिरदावरी सही करा लें।

सरकारी रेट से किसान नाराज: इसबार गेहूं खरीदी के पंजीयन को लेकर तारीख तय होने के बाद किसानों में नाराजगी व्यक्ति की है। क्योंकि सरकार ने चुनाव के समय गेहूं के दाम 2700 रुपए खरीदी करने के लिए कहा था। मगर अब पंजीयन के लिए जो आदेश निकले है। उसमें रेट कम आया उसको लेकर किसान नाराज नजर आ रहा है। क्योंकि सरकार ने अपने सकल्प पत्र में कहा था के इस बार किसानों का गेहूं सोसाइटी में 2700 रु क्विंटल खरीदेगी। आज हर चौपाल पर यही बात करते नजर आ रहा है कि सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया है। बाजार भाव पर नजर डाली जाए तो फिलहाल मंडी व खुले बाजार में गेहूं तीन हजार रुपए क्विटल तक बिक रहे हैं। सीजन की नई उपज आने के बाद आवक बढ़ेगी, लिहाजा बाजार भाव में अंतर आने की संभावनाएं हैं हालांकि बाजार भाव के मुकाबले शासन का समर्थन कम होने से किसानों का रूझान कम रहेगा।

सरकार ने बढ़ाए 150 रुपए: रबी सीजन की शुरुआत के साथ ही सरकार ने गेहूं की फसल के लिए एमएसपी 150 रुपये बढ़ा दिए थे अब 2275 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जो फसल पिछले वर्ष 2125 रुपये प्रति क्विंटल था। वही जिले में पर्याप्त वेयर माल रखने के लिए है जिसमे सरकार 50 हजार 500 मेट्रिक टन , व निजी 1 लाख 40 हजार में.ट इसके साथ नवीन 1 लाख व सायलो बेक 2 लाख गेहूं रखनी की क्षमता है।

ये पंजीयन की निःशुल्क व्यवस्थाः ग्राम पंचायत कार्यालय में स्थापित सुविधा केन्द्र पर,एम.पी. किसान एप,जनपद पंचायत कार्यालयों में स्थापित सुविधा केन्द्र पर,तहसील कार्यालयों में स्थापित सुविधा केन्द्र पर सहकारी समितियों एवं विपणन संस्थाओं द्वारा पंजीयन करवा सकते है यहां शुल्क नही देना होगा।

यहां पंजीयन सशुल्क होगा,  एम.पी. ऑनलाईन कियोस्क पर,कॉमन सर्विस सेन्टर कियोस्क पर, लोक सेवा केन्द्र पर , निजी व्यक्तियों द्वारा संचालित साइबर कैफे पर संचालित केंद्रों पर करवा सकते है। किसानों को पंजीयन के लिए किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं आने दी जाएगी। इस बार जिले में 89 पंजीयन केंद्र बनाए गए हैं। जिसपर किसान जाकर निशुल्क पंजीयन करवा सकते है 5 जनवरी से तो 1 मार्च पंजीयन चालू रहेगा।

          एस एन मिश्रा, जिला आपूर्ति अधिकारी, धार



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