दिल्ली सरकार के मोहल्ला क्लिनिक की तर्ज पर मप्र में बनाए गए संजीवनी क्लिनिक में पड़ा ताला, सूख रहीं फसलें

नगर पालिका धार द्वारा तैयार करवाया गया है भवन, स्‍वास्‍थ्‍य विभाग को करना है स्‍टॉफ सहित अन्‍य इंतजाम, कागजों में ही उलझे है बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य के सपनें

दिल्‍ली सरकार के मोहल्‍ला क्लिनिक की तर्ज पर मध्‍यप्रदेश में संजीवनी क्‍लीनिक को शुरू करने का सपना कागजों मेंं ही उलझा हुआ है। प्रदेश सरकार ने संजीवनी क्लिनिक को शुरू करने के लिए जगह चयन कर भवनों को तैयार तो करवाया, लेकिन तैयार हो चुके भवनों को स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने अब तक अपने हैंडओवर नहीं लिया है और न ही इन्‍हें शुरू करने के लिए जरूरी स्‍टाफ सहित अन्‍य इंतजाम हो पाए है। इस कारण हालात यह है कि भवन तैयार होने के बाद भी उसमें ताले पड़े हुए हैं और इन सरकारी भवनों को लोग अपनी जरूरत के हिसाब से उपयोग कर अतिक्रमण कर रहे है।

धार शहर के नौगांव स्थित तुलसी मंदिर के समीप भी संजीवनी क्लिनिक के लिए भवन का इंतजाम किया गया है। नगर पालिका ने विशेष मद से भवन तो तैयार करवा दिया है लेकिन भवन पर ताले लगाने पड़ रहे है। संजीवनी क्लिनिक के नाम से बोर्ड तो लगा दिए गए है। लेकिन उनमें स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं के नाम कोई इंतजाम नहीं है और न ही स्‍टॉफ है। इस स्थिति में लोग भवन को अपने हिसाब से उपयोग कर रहे है।

अतिक्रमण की भेंट चढ़ रहे भवनः शहर के नौगांव स्थित तुलसी मंदिर के समीप संजीवनी क्लिनिक को शुरू किया जाना है। इसके लिए भवन तैयार है। इसके साथ ही बोर्ड भी लगाया जा चुका है लेकिन स्‍टाफ और स्‍वास्‍थ्‍य उपकरण की प्रक्रिया कागजों में उलझी हुई है। इस कारण भवन पर लोग कब्‍जा और अतिक्रमण करना शुरू कर रहे है। शुक्रवार को संजीवनी क्लिनिक पर हालात यह थे कि किसी ने अपने सोयाबीन बरामदे में भरकर सूखाने के लिए रख दिए हैं। पूरा बरामदा सोयाबीन से भरा हुआ है और ताला भी अलग से लगा रखा है।

इसलिए थी योजनाः दिल्‍ली में सरकार द्वारा मोहल्‍ले में ही लोगों को बेहतर इलाज की सुविधाएं उपलब्‍ध करवाने के लिए मोहल्‍ला क्लिनिक की सुविधा शुरू की थी। इस योजना की तर्ज पर प्रदेश में इसकी शुरूआत की जानी थी। योजना के लिए इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर तो तैयार हो गया है लेकिन जरूरी मैनपाॅॅवर और संसाधन की उपलब्‍धता करवाने के मामले में अनदेखी हुई है। इसका नतीजा है कि लाखों रुपए खर्च होने के बाद भवनों पर ताले हैं और संजीवनी क्लिनिक एक सपना ही बना हुआ है।

  संजीवनी क्लिनिक में दी जाने वाली सुविधाएं

 

स्‍टाफ को लेकर मंजूरी भोपाल से आना है। अभी भवन हैंडओवर नहीं हुआ है। अतिक्रमण जैसी स्थिति नहीं है।

         डॉ. एनएस गेहलोद, सीएमएचओ, धार

First Published on: October 14, 2023 1:40 PM