महू में गायों के लिए अनूठा प्रेम, पांच सौ गायों ने खाए समोसे-जलेबी


महू की राधा कृष्ण गौशाला समिति द्वारा विगत 5 वर्षों से गायों के लिए अन्नकूट महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।


अरूण सोलंकी अरूण सोलंकी
इन्दौर Updated On :

हमारे देश की संस्कृति में हर जीव के प्रति एक आदर का भाव है और इसमें गाय का स्थान तो बहुत ऊंचा है। महू शहर में गौशाला समिति द्वारा विगत 5 वर्षों से एक ऐसा अनूठा आयोजित किया जा रहा है जिसमें सिर्फ गायों को ही भोजन कराया जाता है। गुरुवार को पोष माह की पूर्णिमा पर यह आयोजन संपन्न हुआ जिसमें महू शहर के सैकड़ो समाज सेवियों ने 500 गायों को अपने हाथों से भोजन कराया।

महू की राधा कृष्ण गौशाला समिति द्वारा विगत 5 वर्षों से गायों के लिए अन्नकूट महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। ऐसा कहा जाता है कि गायों के लिए अनुकूल महोत्सव का आयोजन देश में पहली बार महू से ही आरंभ हुआ। इस महोत्सव में सिर्फ गायों को ही दानदाताओं व समाजसेवी द्वारा भोजन कराया जाता है इसके लिए विभिन्न प्रकार के व्यंजन हरा चारा गायों को खिलाया जाता है।

गुरुवार को संपन्न इस अन्न कूट महोत्सव में राधा कृष्ण गौशाला में करीब 500 गायों को महू शहर के सैकड़ों समाज सेवियों व भक्तों ने भोजन कराया। समिति द्वारा इन गायों के लिए जलेबी, समोसे, पूरी, गाजर, मटर, पालक, मेथी, गुड़ व दलिया की व्यवस्था की गई थी।

समिति के राधेश्याम यादव व ओम प्रकाश माहेश्वरी ने बताया कि इन गायों के लिए एक क्विंटल जलेबी, 1000 समोसे, डेढ़ क्विंटल आटे की पूड़ी, 5 क्विंटल मटर, 8 क्विंटल गाजर, 5 क्विंटल पालक, 5 क्विंटल मेंथी, 2 क्विंटल गुड, तथा चार क्विंटल दलिया बनाया गया था।

इस आयोजन में आए पंडित कपिल शर्मा ने कहा कि अब तक दिवाली के बाद होने वाले अन्न कूट महोत्सव में महिला पुरुष युवा वर्ग ही भाग लेता था  लेकिन महू की राधा कृष्ण गौशाला समिति ने सिर्फ गायों के लिए इस प्रकार का अंगूठा आयोजन कर गायों की सेवा का अवसर प्रदान किया है। यहां आए शहर के एक अन्य नागरिक विजय सोडाणी ने कहा कि देश का यह पहला अनूठा आयोजन होगा जिसमें सिर्फ गो वंश को ही भोजन कराया जाता है।

इस आयोजन के माध्यम से हम गौ वंश की सेवा करते हैं। पूर्व पार्षद कांता सोडाणी ने कहा कि इस आयोजन के माध्यम से गौ सेवा की जो अनुभूति प्राप्त होती है वह एक सच्चा आनंद है।

करीब 113 वर्ष पुरानी इस गौशाला का स्वरूप दिनों दिन बदलते जा रहा है। कभी यहां 15 से 20 गाय हुआ करती थी जिनकी संख्या अब बढ़कर 500 के करीब हो गई है। इसमें आश्चर्य की बात यह है कि इन 500 गायों में दूध देने वाले गायों की संख्या मात्र 12 है।

इस आयोजन में छावनी परिषद के सीईओ विकास कुमार, राधेश्याम यादव पवन महेश्वरी, कपिल शर्मा, कांता सोडानी, विजय सोडानी, नरोत्तम महेश्वरी, ओम प्रकाश माहेश्वरी सहित अन्य विभागों के भी अधिकारी कर्मचारी व समाज सेवी भी भी शामिल हुए।।



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