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केंद्र सरकार के सात साल पहले की योजना अगर अब भी पूरी नहीं होती है तो महू छावनी पर बुरा असर पड़ने का खतरा है। बात यहां सद्भावना मंडपम् की हो रही है, एक सामाजिक कार्यों के लिए बनाई जाने वाली इमारत। जिस पर अब एक बार फिर काम शुरू हो चुका है, क्योंकि अब छावनी परिषद को इसे लेकर एक अल्टीमेटम दिया गया है।
इस इमारत के लिए ढ़ाई करोड़ रुपए स्वीकृत हुए थे। यह योजना सात साल पहले स्वीकृत हुई थी और इसमें से डेढ़ करोड़ रुपए मिल भी गए लेकिन अब तक इसे लेकर कोई काम नहीं हुआ है। सरकारी कामकाज में लेटलतीफी का यह उम्दा उदाहरण है वहीं आम जनता के लिए हितैषी कामों में कैसे छावनी परिषद महू द्वारा उनके हितों की अनदेखी की जाती है इसे भी इसी एक उदाहरण से समझा जा सकता है।
हाट मैदान में बनने वाले सद्भावना मंडपम् के लिए पैसा तो आ चुका और कई बार निर्माण की कवायद का बहाना बताकर लोगों के घर भी तोड़े गए लेकिन इसके बाद भी महू की छावनी परिषद ने इस सात साल पुरानी योजना पर कोई ठोस काम शुरू नहीं किया। अब केंद्रीय कार्यालय से इसे लकर परिषद को सीधे तौर पर बता दिया गया है कि अगर इसे लेकर जल्दी ही काम पूरा नहीं किया गया तो भविष्य में महू छावनी के कामकाज को देखते हुए कोई राशि जारी करना शायद मुश्किल होगा। परिषद के लिए इस योजना का सीधा सा मतलब है कि अगर इस योजना के तहत अफसरों ने जो लापरवाही की उसका खामियाजा अब पूरी जनता को भुगतना होगा।
रक्षा संपदा विभाग के केंद्रीय कार्य़ालय के इस अल्टीमेटम के बाद महू छावनी परिषद हरकत में आया और तत्काल इसके निर्माण की कार्रवाई शुरू भी कर दी। करीब सवा साल पहले इसका भूमि पूजन कर आसपास के बाउंड्री वाल के निर्माण कार्य शुरू भी कर दिया गया था लेकिन बाद में यह काम फिर ठप्प हो गया। परिषद ने बताया कि इस परिसर में कुछ शासकीय आवास तथा कुछ अवैध निर्माण है जिन्हें हटाए बिना यह योजना पूरी नहीं हो सकती। ऐसे में उन्हें हटाना जरूरी है, इसके लिए छावनी परिषद ने इन सभी अतिक्रमणकारियों को लगातार नोटिस देकर अपने निर्माण हटाने व खाली करने के लिए कहा लेकिन छावनी परिषद के इस आदेश का कोई असर नहीं हुआ।
अब केंद्रीय कार्यालय के इस चेतावनी भरे पत्र के बाद छावनी परिषद में सक्रिय होकर इस पर काम करना शुरू कर दिया है और तथा लगातार नोटिस देने और लोगों से बातचीत कर हल निकाला है। इसमें तय हुआ है किजो 4 सरकारी आवास है उनमें निवास करने वाले कर्मियों को अन्य स्थानों पर जगह दी जाएगी जबकि 10 से अधिक लोगों ने यहां बड़े अतिक्रमण कर निर्माण कर लिए हैं, परिषद ने उन्हें सख्ती से इन्हें हटाने की हिदायत दी लेकिन इसका असर नहीं हुआ।
ऐसे में परिषद द्वारा लगातार नोटिस व मौके देने के बाद भी जब कोई असर नहीं हुआ तो बुधवार को छावनी परिषद का अमला जेसीबी मशीन लेकर मौके पर पहुंचा तथा तत्काल आवास खाली करवा कर इन्हें ध्वस्त करने की कार्रवाई की। परिषद का कहना है कि यह स्थान पूरी तरह खाली होने के बाद सद्भावना मंडपम बनने का काम शुरू हो जाएगा।
आम लोगों को बड़ी राहत
सद्भावना मंडपम बनने से मध्य व गरीब तबके के लोगों को काफी फायदा होगा। इस तबके के परिवारों को किसी भी तरह के कार्यक्रम करने के लिए निजी गार्डन, होटल के लिए बड़ी राशि देनी होती है, सद्भावना मंडपम बनने के बाद उन्हें यह काफी कम किराए पर उपलब्ध होगा। जिससे मध्य व गरीब तबके के लोगों को काफी राहत होगी।