गुटखा, बीड़ी और सिगरेट की भी कालाबाजारी जारी, छिपकर किया जा रहा है बिक्री


पिछले दस दिनों से शहर में मेनरोड की सभी पान दुकानें बंद होने से गली, मोहल्लों और औद्योगिक क्षेत्र की चाय-पानी की दुकानों पर बिकने वाले सिगरेट, बीड़ी, गुटखा और पाउच के दाम भी बढ़ गए हैं। कई जगह रिस्क लेकर बेचे जा रहे इन पाउच गुटखों की कीमत दोगुनी वसूली जा रही है।


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इन्दौर Published On :
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इंदौर। लॉकडाउन और कर्फ्यू के बीच आपदा में अवसर ढूंढने वाले कालाबाजारियो का इन दिनों जमकर बोलबाला है। कोई स्वास्थ्य के क्षेत्र में कालाबाजारी कर रहा है तो कही नशेबाजों को नशा उपलब्ध कराने के मनमाने तरीके से अवैध काम जारी हैं।

यही वजह है कि जनता कर्फ्यू कालाबाजारी करने वालों के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है। वे शौकीन लोगों को मादक पदार्थ व धूम्रपान महंगे दामों में बेच रहे हैं। छूट अवधि में सियागंज व अन्य बाजारों से सामग्री लाकर घरों पर ग्राहक बुलाकर बीड़ी, सिगरेट, तंबाकू, गुटखा, पाउच बेचा जा रहा है।

कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए पुलिस, जिला प्रशासन और नगर निगम के अधिकारियों की अलग-अलग टीमें दिन रात सड़क पर हैं। किराना, दूध, सब्जी के अलावा लगभग सभी दुकानें बंद हैं। इसके बावजूद शहर में नशे पर अंकुश नहीं लग पा रहा।

पुलिस द्वारा जरूर कुछ स्थानों पर कार्रवाई करते हुए अवैध शराब बेचने वालों पर शिकंजा तो कसा जा रहा है, लेकिन यह कार्रवाई भी केवल दिखावा ही साबित हो रही है। जनता कर्फ्यू में सभी दुकानें बंद हैं। गुटखे, पाउच और बीड़ी-सिगरेट की पान दुकानें भी बंद हैं।

ऐसे में किराना और चाय की दुकानों पर चोरी छिपे दोगुनी कीमत पर गुटखा, पाउच बिक रहे हैं। हालत यह है कि खाने के शौकीन किसी भी कीमत पर पाउच गुटखा और बीड़ी-सिगरेट खरीदने को तैयार हैं। कोरोना की आड़ में दस दिनों के कर्फ्यू में पिछले साल जैसे हालात बना दिए हैं।

विमल गुटखा 5 वाला 10 रुपये में, राजश्री 10 वाला 20 में, सिगरेट 8 से 10 कीमत वाली 15 से 20 रुपये में बिक रही है। दुकानदारों का कहना है कंपनी ने भी कोरोना काल में कर्फ्यू के दौरान भाव बढ़ा दिए हैं।

हालत यह है कि पिछले दस दिनों से शहर में मेनरोड की सभी पान दुकानें बंद होने से गली, मोहल्लों और औद्योगिक क्षेत्र की चाय-पानी की दुकानों पर बिकने वाले सिगरेट, बीड़ी, गुटखा और पाउच के दाम भी बढ़ गए हैं। कई जगह रिस्क लेकर बेचे जा रहे इन पाउच गुटखों की कीमत दोगुनी वसूली जा रही है।

इतना ही नही महंगे दाम पर घरों पर भी नशा उपलब्ध कराया जा रहा हैं। जनता कर्फ्यू में सबसे अधिक शराब की मांग की जा रही है। ऐसे में अवैध शराब की तस्करी करने वाले घर पहुंच सेवा दे रहे हैं।

इसके लिए महंगे दामों में शराब दी जा रही है, लेकिन नशे के शौकीन महंगे दो से तीन गुनी कीमत में शराब खरीद रहे हैं। आश्चर्य की बात है कि सात दिन से शराब दुकानें बंद है, इसके बावजूद शराब की अवैध बिक्री अनवरत जारी है। दुकान बंद होने से शराब कहां से आ रही है, इसका जवाब प्रशासन और आबकारी विभाग के पास भी नहीं है।



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