विशेषज्ञों ने की “स्वच्छ वायु और महिलाएं” विषय पर चर्चा


इंदौर में हुई कार्यशाला


DeshGaon
इन्दौर Published On :

वायु गुणवत्ता सुधार में महिलाओं की भूमिकाबढ़ाने के लिए क्लीन एयर कैटलिस्ट ने वर्कशॉप का आयोजन किया  इंदौर: क्लीन एयर कैटलिस्ट ने 14 दिसंबर को “स्वच्छवायु और महिलाएं” शीर्षक से एक जेंडर वर्कशॉप का आयोजन किया। इसमें बताया गयाकि समाज के कुछ वर्गों को लिंगभेद और असमानता के व्यवहार के कारण वायु प्रदूषण की कैसे और क्यों ज्यादा तकलीफ उठानी पड़ती है।

साथ ही वायु गुणवत्ता सुधार के समाधान किसतरह विकसित किए जाएं की सबको इसका समान रूप से लाभ मिल सके। मध्यप्रदेश के इंदौर में वायु गुणवत्ता सुधारके लिए चल रहा क्लीन एयर कैटलिस्ट प्रोग्राम, यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसीफॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी) के सहयोग से चल रहा है, जो वर्ल्ड रिसोर्सइंस्टिट्यूट (डब्ल्यूआरआई) और एन्वायर्नमेंटल डिफेंस फंड (ईडीएफ) के नेतृत्व में विभिन्नसंस्थाओं की वैश्विक साझेदारी है।

क्लीन एयर कैटलिस्ट के वरिष्ठ वैज्ञानिक और डब्ल्यूआरआईइंडिया में वायु गुणवत्ता के निदेशक डॉ. प्रकाश दोरईस्वामी ने वायु प्रदूषण के पीछे के विज्ञान, पर्यावरणीयन्याय और वायु गुणवत्ता सुधार के लाभ समानता के आधार पर सभी तबकों को मिलने जैसेमुद्दों पर बात की। उन्होंने कहा, “वायु प्रदूषण कम करने के लिए हम उन समाधानों के लिए कोशिश कर रहेहैं जो ट्रांसपोर्ट, उद्योग और अपशिष्टजलाने से होने वाले उत्सर्जन को कम करने में मदद करेंगे।

इस प्रक्रिया में हम समाजके सभी वर्गों, विशेष रूप सेकमजोर आबादी से प्रतिक्रिया और इनपुट को शामिल करना चाहते हैं। ”क्लीन एयर कैटलिस्ट की गतिविधियों के बारे मेंजानकारी देते हुए प्रोजेक्ट लीड कौशिक राज हजारिका ने कहा, “कैटलिस्ट प्रोग्रामके तहत महिलाओं और कमजोर तबके को भी वायु प्रदूषण से निजात दिलाने के लिए समाधानोंको समावेशी और सुलभ बनाने पर ध्यान दिया जाता है।

हम कार्यशाला से प्राप्त प्रतिक्रियाओंऔर जानकारियों का वायु प्रदूषण से निजात पाने के उपायों को लागू करने के लिए आपसी सहयोग बढ़ाने में इस्तेमाल करेंगे। कैटलिस्ट जेंडर लीड और डब्ल्यूआरआई में प्रोग्राम मैनेजर, अजरा खान ने कहा, “लिंगभेद औरसामाजिक समानता के नजरिये से वायु प्रदूषण महिलाओं और पुरुषों पर पड़ने वालेअलग-अलग प्रभावों को समझना जरूरी है। स्वच्छ वायु के लिए समाधानों तैयार करने में इससमझ का उपयोग करना भी महत्वपूर्ण है।”

ओएमआई फाउंडेशन के सेंटर फॉर इन्क्लुसिव मोबिलिटी की प्रमुख ऐश्वर्या अग्रवाल और सार्वजनिक स्थानों पर महिला सुरक्षा के क्षेत्र मेंकाम कर रही संस्था सेफ्टीपिन की प्रोग्राम मैनेजर अंकिता कपूर ने महिलाओं के लिए सुरक्षितऔर पर्यावरण के लिए अनुकूल यातायात पर अपने विचार व्यक्त किए। वाइटल स्ट्रेटेजीज़ केप्रोग्राम मैनेजर सौरभ पोरवाल ने स्वास्थ्य पर वायु प्रदूषण के प्रभाव और बचाव की जानकारीदी। वर्कशॉप का संचालन क्लीन एयर कैटलिस्ट की एंगेजमेंट लीड मेघा नामदेव ने किया।



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