संगीत निशा में संगीत प्रेमियों से ज्यादा होंगे कैलाश प्रेमी!


नेताओं की कोशिश है कि कार्यक्रम में भी आगे की कतारों में बैठ पाएं ताकि उनके नेता की नज़र किसी तरह उन पर पड़ जाए और शायद उनकी राजनीति फिर संवर जाए।


अरूण सोलंकी अरूण सोलंकी
इन्दौर Updated On :

महू (इंदौर)। शहर में 8 मई को एक बड़ी संगीत निशा यानी संगीत समारोह का आयोजन हो रहा है। यह समारोह महू के जाने-माने समाजसेवी दीपक जादू की याद में किया जा रहा है। सबसे ख़ास बात यह है कि इस कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी के महासचिव और महू के पूर्व विधायक कैलाश विजयवर्गीय भी अहम भूमिका निभा रहे हैं। यह कहना भी गलत नहीं होगा कि विजयवर्गीय इस संगीत कार्यक्रम से महू में अपनी सक्रियता दोबारा बढ़ा रहे हैं।

ऐसे में संगीत समारोह में गायकों और संगीत प्रेमियों से ज्यादा भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की रुचि बढ़ गई है। हालांकि ये वे नेता हैं जो विजयवर्गीय के करीबी हुआ करते थे लेकिन अब मौजूदा विधायक उषा ठाकुर के दौर में हाशिए पर पड़े हैं।

इस आयोजन में भले ही कैलाश विजयवर्गीय शामिल हो रहे हैं लेकिन इसे केवल राजनीतिक कहना उचित नहीं होगा क्योंकि उनकी और स्वर्गीय दीपक जाजू की गहरी दोस्ती थी यही वजह है कि कैलाश विजयवर्गीय ने इस आयोजन के लिए गंभीरता से तैयारियां की हैं।लेकिन इन तमाम बातों के बावजूद भी इस कार्यक्रम को राजनीति से नहीं बचाया जा सकता।

कहा जा रहा है कि कैलाश विजयवर्गीय दोबारा महू में अपनी राजनीतिक सक्रियता बढ़ा रहे हैं और यह शायद आने वाले विधानसभा चुनाव के कारण भी है। हालांकि खुद विजयवर्गीय ने कभी इस तरह के संकेत नहीं दिए हैं।

करीब 3 साल बाद महू में सक्रिय हो रहे विजयवर्गीय ने इस कार्यक्रम की जिम्मेदारी भी अपने पुराने विश्वसनीय स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं को सौंपी है। इसके अलावा उन्होंने अपने करीबी और राऊ के पूर्व विधायक जीतू जिराती को इस पूरे कार्यक्रम का जिम्मा सौंपा है।

महू में संगीत निशा की तैयारियां

अपने नेता कैलाश विजयवर्गीय कार्यक्रम में भागीदारी के लिए भारतीय जनता पार्टी के स्थानीय नेता बेहद आतुर नजर आ रहे हैं। इन नेताओं की कोशिश है कि कैसे भी विजयवर्गीय के सामने उनकी उपस्थिति दर्ज की हो जाए ताकि आने वाले समय में महू में अगर कोई राजनीतिक समीकरण बदले तो मौजूदा समय में इन पिछड़ चुके नेताओं को मौका मिले।

इन नेताओं की कोशिश ये भी है कि कार्यक्रम के दौरान भी वे आगे की कतारों में बैठ पाएं ताकि उनके नेता की नजर किसी तरह उन पर पड़ जाए और शायद उनकी राजनीति संवर जाए।

हालांकि शहर भाजपा अध्यक्ष पीयूष अग्रवाल अब तक दोनों नेताओं के साथ अपनी करीबी दिखाने में सफल रहे हैं। विधायक और मंत्री उषा ठाकुर ने जहां कभी सक्रिय राजनीति में न रहे व्यवसायी पीयूष अग्रवाल को शहर में पार्टी का अध्यक्ष बनाकर सीधे भाजपा का वरिष्ठ नेता बना दिया तो अब कैलाश विजयवर्गीय ने आयोजन के लिए उनका गार्डन चुना है। ज़ाहिर है यह अग्रवाल का बेहतर राजनीतिक प्रबंधन ही कहा जाएगा।

प्रदेश भाजपा की धीरे धीरे बदल रही राजनीति ही यह वजह है कि लोग भाजपा महासचिव विजयवर्गीय का बड़ा रोल देख रहे हैं और कयास लगाए जा रहे हैं कि उनकी महू में सक्रियता बढ़ने की वजह भी यही है।

ऐसे में संगीत निशा के इस कार्यक्रम में संगीत प्रेमियों से ज्यादा कैलाश प्रेमियों की भीड़ देखने को मिल सकती है। कैलाश के प्रेमी जो मौजूदा विधायक उषा ठाकुर के कार्यकाल में शहर की राजनीति से पिछड़ते चले गए।

भाजपा शहर अध्यक्ष पीयूष अग्रवाल भले ही नए नेता हों लेकिन उनका यह प्रबंधन महू विधानसभा के कई पुराने नेताओं से ज्यादा मजबूत नजर आ रहा है। पिछले चुनावों में महू में उषा ठाकुर की आवक के साथ एक नई राजनीति शुरू हुई, राजनीति जिसमें पुराने दिग्गज पर पिछड़ते चले गए। इनमें कभी जिला अध्यक्ष रहे कुशल संगठक अशोक सोमानी भी शामिल हैं। सोमानी कभी भी मंत्री उषा ठाकुर के करीबी नहीं रहे। वहीं विजयवर्गीय के समय शहर अध्यक्ष रहे करण ठाकुर भी बीते 3 सालों में बहुत अधिक सक्रिय नहीं रहे। कहा जाता है कि उन्होंने विजयवर्गीय खेमे के प्रति अपनी वफादारी को हर हाल में निभाया। यही वजह रही कि इन नेताओं को अक्सर पार्टी के कार्यक्रमों में भी न्योता नहीं दिया गया।

महू शहर के पार्षद रहे जितेंद्र शर्मा भी इसी फेहरिस्त में आते हैं। वे कभी मौजूदा विधायक की गुड लिस्ट में अपनी जगह नहीं बना सके। इसके साथ ही संघ के नेताओं में शुमार और स्थानीय स्तर पर भाजपा के वरिष्ठ नेता राधेश्याम यादव भी आजकल धारा के साथ दिखाई नहीं दे रहे हैं।

इनके अलावा पिगडंबर क्षेत्र के नेता कंचन सिंह चौहान हैं जिन्होंने नई विधायक का पूरा साथ दिया और वे उनके सबसे करीबी बताए जाते हैं। वहीं राम किशोर शुक्ला उर्फ़ भैया जी भी इस दौरान राजनीतिक रूप से सक्रिय बने रहे। भाजपा के युवामोर्चा जिलाध्यक्ष मनोज ठाकुर भी दोनों नेताओं के करीबी बताए जाते हैं। ऐसा प्रबंधन बनाने वाले कई दूसरे नेता भी हैं जो महू में विजयवर्गीय की सक्रियता से किंकर्तव्यविमूढ़ हो रहे है।



Related