Karwa Chauth 2025 LIVE: शुभ मुहूर्त, सरगी का समय, पूजा विधि, चंद्रोदय का सटीक समय


करवा चौथ 2025 का शुभ मुहूर्त, सरगी का समय, पूजा विधि और चंद्रमा निकलने का सटीक समय जानें। व्रत, कथा और शुभ योगों की लाइव अपडेट्स देशगांव न्यूज़ पर पढ़ें।


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इन्दौर Updated On :

करवा चौथ 2025 इस बार बेहद शुभ संयोगों के साथ आने वाला है — जहां चांदनी रात में प्रेम, विश्वास और सौभाग्य एक साथ झिलमिलाएंगे। कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि को सुहागिनें अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखेंगी और चंद्रदेव को अर्घ्य अर्पित करेंगी। इस साल सिद्धि, शिवावास और बुधादित्य जैसे योगों के बनने से व्रत का महत्व कई गुना बढ़ गया है। देशगांव न्यूज़ आपको बताता है — कब है करवा चौथ, सरगी का सही समय, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और चंद्रोदय का सटीक वक्त।


📅 कब है करवा चौथ 2025?

  • तिथि आरंभ: 9 अक्टूबर (रात 10:54 बजे)

  • तिथि समाप्त: 10 अक्टूबर (शाम 7:38 बजे)

  • पूजा का शुभ मुहूर्त: शाम 5:55 बजे से 7:09 बजे तक

  • व्रत अवधि: सुबह 6:17 बजे से रात 8:10 बजे तक

  • चंद्रोदय (चंद्रमा निकलने का समय): रात 8:10 बजे (दृंक पंचांग अनुसार, शहर अनुसार थोड़ा अंतर संभव)


🌸 सरगी खाने का शुभ समय

करवा चौथ के दिन सूर्योदय से पहले सरगी खाना अत्यंत शुभ माना गया है।
10 अक्टूबर को ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:35 बजे से 5:23 बजे तक रहेगा।
सरगी परंपरागत रूप से सास द्वारा दी जाती है, जो बहू के व्रत आरंभ का प्रतीक है।


🌺 करवा चौथ पूजा विधि और सामग्री

व्रती महिलाएं दिनभर निर्जला उपवास रखती हैं और सायंकाल में माता करवा, देवी पार्वती और भगवान शिव की पूजा करती हैं।
पूजा के लिए आवश्यक सामग्री में शामिल हैं:

  • करवा (पीतल या मिट्टी का)

  • दीपक और रुई की बाती

  • चावल, हल्दी, रोली, चंदन

  • सोलह श्रृंगार का सामान

  • छलनी, लाल वस्त्र, श्रृंगार दर्पण

  • नारियल, मिठाई, और चंद्रमा को अर्घ्य के लिए जल


🌙 चंद्रमा को अर्घ्य देने का विधान

चंद्रोदय के बाद छलनी से चंद्रमा के दर्शन कर महिलाएं पहले चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं, फिर पति के चरणों का पूजन करती हैं।
इसके बाद पति के हाथ से जल ग्रहण कर व्रत का पारण करती हैं।
कुंवारी कन्याएं मनचाहा वर पाने के लिए यह व्रत रखती हैं।


🔱 महत्व और धार्मिक कथा

मान्यता है कि देवी पार्वती ने पहली बार यह व्रत भगवान शिव की दीर्घायु के लिए रखा था।
महाभारत काल में द्रौपदी ने अपने पतियों की रक्षा के लिए करवा चौथ व्रत रखा, तब उनकी सास कुंती ने उन्हें सरगी दी थी।
इसी परंपरा से आज तक यह व्रत प्रेम, समर्पण और वैवाहिक स्थायित्व का प्रतीक बन गया।


🕉️ करवा चौथ मंत्र और जाप

संध्याकाल में चंद्रदेव को अर्घ्य देते समय निम्न मंत्रों का उच्चारण शुभ माना गया है:

“ॐ सोमाय नमः”
“ॐ चंद्राय नमः”
“ॐ महेश्वरप्रियाय नमः”
“ॐ वसुसमृद्धिदाय नमः”


🧿 वास्तु के अनुसार शुभ खरीदारी

वास्तु शास्त्र के अनुसार करवा चौथ के दिन कुछ वस्तुएँ खरीदना अत्यंत मंगलकारी माना गया है:

  • लाल या पीले रंग के वस्त्र

  • सोलह श्रृंगार का सामान

  • पूजा का करवा व दीपक

  • छलनी

  • सोने या चांदी के गहने

कहा जाता है कि इन वस्तुओं को खरीदने से वैवाहिक जीवन में सौभाग्य और समृद्धि बढ़ती है।


☀️ शुभ योग (Karwa Chauth 2025 Yog)

इस साल करवा चौथ के दिन बन रहे हैं —
सिद्धि योग, शिवावास योग, बुधादित्य योग और नवपंचम राजयोग
ज्योतिष के अनुसार, ये संयोजन व्रत के फल को कई गुना बढ़ाने वाले हैं।


⚠️ राहुकाल और अशुभ समय

  • राहुकाल: सुबह 10:46 से दोपहर 12:13

  • यमगंड: दोपहर 3:07 से 4:34

  • दुर्मुहूर्त: सुबह 8:44 से 9:31, दोपहर 12:37 से 1:23



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