दंगों के बाद खरगोनः 24 दिन बाद लोगों की आज़ादी बहाल और कर्फ्यू ख़त्म


दस अप्रैल को रामनवमी के जुलूस पर पथराव से शुरु हुआ था दंगा, पुलिस ने अब तक 68 मामलों 177 को पकड़ा


ब्रजेश राठौर
खरगोन Published On :
बुधवार को खरगोन शहर में कर्फ्यू हटा लिया गया


खरगोन। दंगों की आंच झेल चुके शहर के लिए बुधवार का दिन काफी राहत भरा रहा जब यहां जन-जीवन काफ़ी हद तक सामान्य होते हुए नज़र आया।

जिला प्रशासन ने स्थिति के अनुसार बुधवार सुबह प्रशासन ने कर्फ्यू में कुछ छूट दी। ग्यारह घंटे की इस छूट के साथ ही पेट्रोल पंप खोले गए और इसके बाद शहर से कर्फ्यू को हटाने के आदेश जारी किए। इसके बाद बाज़ारों में कुछ चहल-पहल नज़र आई और लोग आज़ादी से बाहर निकले। हालांकि अब भी लोगों को दंगों से जुड़ी यादें परेशान कर रहीं हैं। कुछ के मुताबिक ये दिन उनके जीवन का सबसे बुरा समय था।

उल्लेखनीय है कि शहर में 10 अप्रैल को रामनवमी पर हुए उपद्रव के बाद से जारी कर्फ्यू को प्रशासन बुधवार शाम से पूरी तरह से हटाने का निर्णय लिया। गुरुवार से पूरा शहर पहले की तरह खुलेगा। उपद्रव के बाद से बंद धार्मिक स्थल भी खुलेंगे।

शहर के लोगों ने बताया कि खरगोन के इतिहास में रामनवमी पर हुए उपद्रव के बाद लगाया गया कर्फ्यू अब तक का सबसे अधिक समय का कर्फ्यू रहा क्योंकि इससे पहले भी खरगोन में दंगे हुए हैं लेकिन अप्रैल का दंगा सबसे खतरनाक था। जो देश-दुनिया में सुर्ख़ियों में रहा।

वहीं जिला प्रशासन और पुलिस द्वारा शहर की स्थिति को सामान्य बनाने के लिए कर्फ्यू के दौरान समय-समय पर नागरिकों को छूट दी जा रही थी। लेकिन छूट का समय सीमित होने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों के लोग बाजारों में खरीदारी के लिए कम संख्या में पहुंच रहे थे।

अब ज़िला प्रशासन शहर और जनजीवन को पटरी पर लाने की कोशिश कर रहा है। एसडीएम मीलिंद ढोके ने बताया कि बुधवार को शांति समिति की बैठक में सदस्यों के सुझाव पर शहर को पूर्ण रुप से कर्फ्यू से मुक्त करने का निर्णय लिया गया है। एसडीएस के मुताबिक  अब सभी दुकानों के साथ ही धार्मिक स्थल भी खुलेंगे।

शहर से रात का कर्फ्यू भी हटा लिया गया है। इसके साथ ही प्रशासन द्वारा 10 अप्रैल को जारी किए गए सभी प्रतिबंधात्मक आदेश भी वापस ले लिए गए हैं। गुरुवार से शहर सामान्य रुप ये खुलेगा।

एसपी रोहित काशवानी ने बताया कि शहर से कर्फ्यू हटने के बाद भी पुलिस बल शहरी क्षेत्र में मौजूद रहेगा। पुलिस टीमें लगातार शहर पर नज़र बनाए रखेंगीं। 10 अप्रैल को हुए उपद्रव के बाद अब तक पुलिस ने 68 प्रकरणों में 177 को गिरफ्तार किया है।

 



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