नवरात्र के अवसर पर ग्राम कोलानी में 18वें वर्ष भी निःशुल्क माता जी की मूर्तियों का वितरण


मानपुर क्षेत्र की ग्राम पंचायत कोलानी में शारदीय नवरात्र के पहले दिन 18वें वर्ष भी भाजपा नेता स्वर्गीय नरसिंह मीणा की स्मृति में माताजी की मूर्तियों का निःशुल्क वितरण किया गया। मूर्ति वितरण, पूजन-अर्चन, महाआरती और सहभोज के साथ गांव में भक्ति और आस्था का माहौल बना।


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इन्दौर Published On :

शारदीय नवरात्र के शुभारंभ पर ग्राम पंचायत कोलानी में धार्मिक और सामाजिक उत्साह का संगम देखने को मिला। यहां भाजपा नेता और पूर्व सरपंच स्वर्गीय नरसिंह मीणा की स्मृति में हर साल की तरह इस वर्ष भी विजय मीणा मित्र मंडल द्वारा माता जी की मूर्तियों का निशुल्क वितरण किया गया। यह परंपरा लगातार 18 वर्षों से चली आ रही है, जिसे ग्रामवासियों ने भक्ति और आस्था के साथ निभाया।

 

कार्यक्रम का आयोजन ग्राम के टंट्या मामा चौक पर हुआ, जहां प्रथम नवरात्र पर घट स्थापना के लिए 16 माताजी की मूर्तियां वितरित की गईं। मूर्ति वितरण और पूजन-अर्चन का कार्य दादा दरबार हनुमान मंदिर के महंत बालकदास त्यागी के करकमलों से सम्पन्न हुआ।

 

इस अवसर पर मुख्य अतिथि जिला गवर्निंग बोर्ड सदस्य जितेंद्र बाजडोलिया थे, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता ग्राम पंचायत कोलानी के सरपंच गोपाल गिरवाल ने की। विशेष अतिथि के रूप में उपसरपंच हरीकिशन वसुनिया, पूर्व वन समिति अध्यक्ष गणपत ओसारी, शोभाराम वसुनिया, प्रेमसिंह डावर, संजय गेहलोत सहित क्षेत्र के कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।

 

समारोह की शुरुआत आचार्य दिनेश बेरागी द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हुई। इसके बाद माताजी की मूर्तियों का पूजन कर कन्या पूजन और महाआरती का आयोजन किया गया। आरती के उपरांत सहभोज में ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से प्रसाद ग्रहण किया।

 

मूर्ति वितरण के दौरान युवाओं ने ढोल-नगाड़ों की थाप पर नृत्य कर माहौल को भक्तिमय बना दिया। महिलाएं मंगल गीत गाते हुए माताजी की मूर्तियों को गांव-गांव तक लेकर गईं और घट स्थापना स्थल तक पहुंचाया। “जय माता दी” के उद्घोष से पूरा ग्राम वातावरण भक्तिमय हो उठा।

 

समारोह में अतिथियों का स्वागत ग्रामीणों एवं समिति सदस्यों ने किया। इस दौरान मुकेश मेड़ा, दिनेश वसुनिया, सुरेश दशाना, भारत ओसारी, राधेश्याम दशाना, बजर सिंह वसुनिया, प्रकाश दशाना, पवन कुमारियाँ सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे।

 

ग्राम कोलानी में लगातार 18 वर्षों से आयोजित यह परंपरा न केवल धार्मिक आस्था को जीवित रखती है बल्कि गांव की एकता और सहयोग की मिसाल भी पेश करती है। स्वर्गीय नरसिंह मीणा की स्मृति में शुरू हुई यह पहल अब ग्रामीणों की साझा विरासत बन चुकी है।



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