हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने भी लगाई स्थानीय निकाय चुनाव की आरक्षण अधिसूचना पर रोक


हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ के बाद सोमवार को इंदौर खंडपीठ ने भी नगर निगम, नगरपालिका व नगर पंचायतों के लिए 10 दिसंबर 2020 को जारी आरक्षण अधिसूचना पर रोक लगा दी है।


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इन्दौर Updated On :
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इंदौर। मध्यप्रदेश में होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव एक बार फिर आगे बढ़ सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि एमपी हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ के बाद सोमवार को इंदौर खंडपीठ ने भी नगर निगम, नगरपालिका व नगर पंचायतों के लिए 10 दिसंबर 2020 को जारी आरक्षण अधिसूचना पर रोक लगा दी है।

बता दें कि शनिवार को ही एमपी हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर जारी की गई आऱक्षण अधिसूचना पर रोक लगाते हुए कहा था कि शासन ने आरक्षण में रोटेशन प्रक्रिया का पालन नहीं किया है, जबकि इसका पालन होना चाहिए।

दोनों बेंच के आदेशों के बाद अब प्रदेश में स्थानीय निकाय के चुनाव जल्दी होते नजर नहीं आ रहे हैं और इसके टलने के आसार बढ़ते ही जा रहे हैं। एक तरफ तो कोर्ट द्वारा दिया गया यह स्टे और दूसरी तरफ कई जिलों में कोरोना संक्रमण का बढ़ना इन चुनावों की तारीख को आगे बढ़ाता नजर आ रहा है।

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में हातोद नगर परिषद में पार्षद रहे नरोत्तम चौधरी और सुरेंद्र वर्मा ने एडवोकेट भास्कर अग्रवाल के माध्यम से एक याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि हातोद नगर परिषद के कुछ वार्ड पिछले कई चुनावों से एक वर्ग के लिए आरक्षित हैं।

इसके कारण गैर आरक्षित वर्ग के व्यक्ति को इन वार्डों का प्रतिनिधित्व करने का अवसर ही नहीं मिल रहा है, जो कानूनन सही नहीं है।

संविधान भी कहता है कि आरक्षण में रोटेशन पद्धति का पालन होना चाहिए ताकि सभी वर्ग के व्यक्तियों को प्रतिनिधित्व करने का अवसर प्राप्त हो सके, लेकिन वर्तमान में संविधान के प्रावधानों का पालन नहीं हो रहा है।

जस्टिस सुजाय पाल और जस्टिस शैलेंद्र शुक्ला की खंडपीठ के सामने सोमवार को याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता ने मप्र हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच के शुक्रवार को जारी उस आदेश की प्रति भी प्रस्तुत की जिसमें कोर्ट ने 10 दिसंबर 2020 को जारी अधिसूचना पर रोक लगाई थी।

कोर्ट ने याचिकाकर्ता के तर्क सुनने के बाद ग्वालियर बेंच के आदेश को इस याचिका में भी जस का तस रखते हुए 10 दिसंबर 2020 को जारी अधिसूचना पर रोक लगा दी।

हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने सरकार से पूछा है कि आरक्षण में रोटेशन पद्धति का पालन क्यों नहीं किया जा रहा है। याचिका पर अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद 31 मार्च को होगी।

अतिरिक्त महाधिवक्ता पुष्यमित्र भार्गव ने कोर्ट द्वारा 10 दिसंबर 2020 की अधिसूचना पर रोक लगाने के आदेश की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि बेंच के इस आदेश का असर पूरे प्रदेश पर होगा।



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