
मध्यप्रदेश में बेरोजगारी और सरकारी नियुक्तियों के मुद्दे को लेकर पहले से सरकार की नाक में दम कर चुके संगठन National Educated Youth Union (NEYU) ने अब अपने विस्तार की योजना के तहत नए कदम उठाए हैं। संगठन ने बीते दिन अपने कई पदाधिकारियों की नई नियुक्तियों की घोषणा करते हुए स्पष्ट किया कि अब संघर्ष और तेज़ होगा।
NEYU के अहम सदस्य राधे जाट का कहना है कि बेरोजगारी, खाली सकारी पद और चयन प्रक्रिया की धीमी गति जैसे मुद्दों पर संगठन झुकने वाला नहीं है। वे मानते हैं कि ये विषय आज भी लाखों युवाओं के भविष्य से सीधे जुड़े हैं। राधे का कहना है, “बीते विधानसभा चुनाव बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर ही केंद्रित थे, लेकिन आखिरी समय में भाजपा सरकार ने ‘लाड़ली लक्ष्मी योजना’ जैसी स्कीमें लाकर महिला वोटरों को रिझाने की कोशिश की।” वे इन योजनाओं को केवल वोट बैंक की राजनीति का हिस्सा मानते हैं, जिनका वास्तविक समाधान से कोई लेना-देना नहीं है।
इसी सोच के साथ अब संगठन ने अपनी संरचना को मज़बूत करने का निर्णय लिया है। नियुक्त किए गए नए पदाधिकारियों में शामिल हैं:
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धर्मवीर विश्नोई को शैक्षणिक गतिविधि प्रदेश प्रमुख बनाया गया है।

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मोहित खेरा को मध्यप्रदेश का प्रदेश सचिव नियुक्त किया गया है।

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मंजुलता मालवीय को छात्रा प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली है।

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निधि जाट को छात्रा प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष, भोपाल बनाया गया है।

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महेश मालवीय को महाविद्यालयीन प्रकोष्ठ प्रदेश प्रमुख का कार्यभार सौंपा गया है।
इन नियुक्तियों के जरिए संगठन का लक्ष्य है कि वह युवाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करे, सरकारी प्रक्रियाओं की जानकारी दे और समाज के कमजोर वर्गों के युवाओं को रोजगार के लिए प्रशिक्षित और प्रेरित कर सके।NEYU का यह अगला कदम साफ़ करता है कि संगठन आने वाले दिनों में ज़मीनी स्तर पर अधिक सक्रिय भूमिका निभाएगा। इसका मकसद केवल विरोध नहीं, बल्कि युवाओं को जिम्मेदारी और नेतृत्व के लिए तैयार करना है।
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