नरसिंहपुरः पहले दिन 63 हेल्थ वर्कर्स को लगे टीके, वे भी याद आए जिन्हें वैक्सीन नहीं मिली

वैक्सीनेशन के उत्साह और जोश की खबरें जब कई परिवार देख रहे हैं तो उनकी आंखे नम हैं जिन्होनें कोरोना काल में अपने प्रियजन, परिजन गवाएं हैं। उन्हें इस बात का मलाल है कि कोरोना वैक्सीन तीन-चार माह पहले नहीं आई। आ जाती तो संभव है उनके अपने उनके साथ होते।

नरसिंहपुर। कोरेाना वैक्सीन लगने की शुरूआत देश भर में हो गई है। लोगों में उत्साह है कि अब कोरोना वायरस के लिये वैक्सीन है। बचाव के अब पुख्ता प्रबंध हैं। वैक्सीनेशन के पहले दिन शनिवार 16 जनवरी को 63 हेल्थ वर्कर को टीका लगाया गया। इनमें कई फ्रंट लाईन वर्कर थे।

वैक्सीनेशन के उत्साह और जोश की खबरें जब कई परिवार देख रहे हैं तो उनकी आंखे नम हैं जिन्होनें कोरोना काल में अपने प्रियजन, परिजन गवाएं हैं। उन्हें इस बात का मलाल है कि कोरोना वैक्सीन तीन-चार माह पहले नहीं आई। आ जाती तो संभव है उनके अपने उनके साथ होते।

जिले में जुलाई के बाद से कोरोना संक्रमित लगभग 30 लोगों की असमय मौत हुई है। यह सरकारी आंकड़े हैं संभव है कि कोरोना से परेशान होने वालों की संख्या और भी ज्यादा हो।

एम्बुलेंस चालक सीताराम हुए संक्रमित, पहुंचे चिरायु तो फिर नहीं लौटे
जिला अस्पताल में शासकीय एम्बुलेंस चलाने वाले 59 वर्षीय सीताराम नौरिया  कोरोना काल में मरीजों की सेवाएं करते-करते कब संक्रमण का शिकार हो गए उन्हें पता ही नहीं चला। जब पता चला तो काफी देर हो चुकी थी। संक्रमित होने के बाद जिला अस्पताल नरसिंहपुर से वह चिरायु अस्पताल भोपाल भेजे गए। तीन दिन बाद 29 सितम्बर को वह चल बसे।

अब उनके परिवार में उनकी पत्नी विमला पैरालिसिस से पीडि़त हो गई तो बेटी रितिका पर घर की जबाबदारी है। ग्रेेज्युएट रितिका का दर्द भरा प्रश्न है कि क्या उनके पिता की शहादत क्या उस सैनिक की तरह नहीं है जिसने अपने देश के लिये जान दे दी। रितिका अफसोस जताती हैं कि उनके पिता के निधन के तीन माह हो रहे हैं उनके विभाग तक ने सुध नहीं ली।

सेवाएं करते उन्होंने अपनी जान दी फिर भी न तो कोई आर्थिक मदद मिली और न ही तो कोई अधिकारी परिवार की सुध लेने के लिये आया । उन्हें अब इंतजार है कि उनके पिता के स्थान पर उन्हें कब अनुकंपा नियुक्ति मिले ताकि आर्थिक तंगी झेल रहे परिवार को थोड़ा संबल मिल सके। रितिका को प्राइवेट अस्पताल की व्यवसायिकता और लापरवाही से क्षुब्ध हैं।

इन्होंने गंवाए अपने प्रिय

पूर्व विधायक सुनील जायसवाल के भाई अनिल जायसवाल कोरोना संक्रमित हो गए थे। 17 सितम्बर को इलाज के दौरान वह चल बसे। पूर्व विधायक सुनील जायसवाल कहते हैं कि अगर उन्हें समय पर वैक्सीन मिल जाती तो आज उनके भाई साथ तो होते।

व्यवसायी अनिल जैन की पत्नी छाया
गोटेगांव के व्यवसायी अनुपम साड़ी केन्द्र के संचालक अनिल जैन की पत्नी छाया देवी भी कोरोना से संक्रमित रहीं। वह लगभग 37 दिन तक इलाजरत रहीं। उन्हें बेहतर से बेहतर इलाज देने की कोशिश की गई पर वो भी नहीं बच सकी। उनका 21 दिसम्बर के  निधन हो गया। परिवार आज भी उस कठिन समय को कोसता है जब उनके पास कोरोना था लेकिन उसका इलाज नहीं।

पूर्व नपा अध्यक्ष मालती बिलवार
नगरपालिका गोटेगांव की पूर्व अध्यक्ष मालती बिलवार भी संक्रमित हो गई। उन्हें इलाज के लिए चेन्नई-बैंगलोर के उन्नत अस्पतालों में पहुंचाया गया लेकिन वह भी नहीं बच सकी।
कोरोना काल में यह भी नहीं रहे

 

सरकारी आंकड़ो में दर्ज मौत 30

 

पहला टीका स्वच्छता कर्मी प्रमोद गोहर को, गार्ड गगन को दूसरा , जिले के इतिहास में हुए शामिल

कोरोना से बचाव के लिए शुरू हुए वैक्सीनेशन में सबसे पहला टीका जिला अस्पताल में ब्लड बैंक में कार्यरत सफाई कर्मचारी प्रमोद गौहर को लगा। इसके साथ ही इस वैश्विक आपदा से लड़ते हुए वे नरसिंहपुर जिले के इतिहास में  शामिल हो गएय़  उन्हें नर्स  एएनएम रंजना चौरसिया ने टीका लगाया।

इस मौके पर विधायक जालम सिंह पटेल,  कलेक्टर वेदप्रकाश, सीएमएचओ पीसी आनंद, सिविल सर्जन डॉ. अनीता अग्रवाल मौजूद रहीं। दूसरा टीका जिला अस्पताल में गार्ड के पद पर कार्यरत गगन राय को लगाया गया। जिला चिकित्सालय के डॉ. राहुल नेमा को भी टीका लगाया गया।

First Published on: January 17, 2021 12:52 AM